ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को न्याय का देवता कहा गया है। यह ग्रह व्यक्ति के कर्मों का फल देता है और जीवन में अनुशासन, संघर्ष और सब्र का पाठ पढ़ाता है। शनि की महादशा सबसे लंबी मानी जाती है, जो कुल 19 साल तक चलती है। इस दौरान किसी भी व्यक्ति के जीवन में अच्छे-बुरे बदलाव आ सकते हैं। लेकिन कुछ राशियां ऐसी होती हैं, जिनके लिए शनि की महादशा बेहद अनुकूल सिद्ध होती है और उनका भाग्य इस दौरान चमकने लगता है।
इन चार राशियों को शनि का मिलता है साथ
शनि ग्रह मकर और कुंभ राशियों के स्वामी होते हैं। इस कारण इन दोनों राशियों पर शनि की महादशा का असर आमतौर पर सकारात्मक होता है। इनके अलावा मिथुन और तुला राशि के जातकों के लिए भी यह समय काफी लाभदायक माना गया है। शनि इन राशियों के लोगों को संघर्ष तो देता है, लेकिन साथ ही उन्हें सफलता और समाज में प्रतिष्ठा भी प्रदान करता है।
शनि की दशा में अगर कुंडली में शनि शुभ हो
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शनि ग्रह शुभ स्थिति में हो, तो शनि की महादशा उनके जीवन में तरक्की, ज्ञान, संयम और स्थिरता लेकर आती है। इन 19 वर्षों के दौरान जीवन में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन अगर जातक मेहनती और धैर्यवान हो, तो सफलता पक्की होती है।
महादशा में क्या होता है जब शनि की अंतर्दशा चले
जब शनि की महादशा में शनि की ही अंतर्दशा चल रही हो, तब जीवन में अनुशासन, मेहनत, और जिम्मेदारियों का भाव बढ़ता है। इस समय व्यक्ति जीवन के महत्वपूर्ण पाठ सीखता है। भले ही राह कठिन हो, लेकिन यह दौर व्यक्ति को अंदर से मजबूत बनाता है।
सूर्य की अंतर्दशा में बढ़ती है पहचान
शनि की महादशा में जब सूर्य की अंतर्दशा आती है, तो व्यक्ति को सम्मान, पहचान और नेतृत्व के अवसर मिलते हैं। यह समय करियर और प्रतिष्ठा में वृद्धि का होता है। शासकीय क्षेत्र में काम करने वालों को विशेष लाभ हो सकता है।
चंद्रमा की अंतर्दशा में आती हैं भावनात्मक चुनौतियां
शनि की महादशा में चंद्रमा की अंतर्दशा आने पर व्यक्ति मानसिक रूप से थोड़ा परेशान रह सकता है, लेकिन उसकी कल्पनाशक्ति में जबरदस्त वृद्धि होती है। यह समय रचनात्मक क्षेत्रों, जैसे लेखन, कला, संगीत आदि के लिए फायदेमंद होता है।
मंगल की अंतर्दशा में बढ़ता है साहस
मिथुन, तुला, मकर और कुंभ राशि के जातकों को शनि महादशा में जब मंगल की अंतर्दशा आती है, तो उनके भीतर साहस और जोश की ऊर्जा भर जाती है। इस दौरान वे अपने जीवन के कई अहम फैसले लेते हैं। भूमि, वाहन जैसे सुख प्राप्त हो सकते हैं।
बुध की अंतर्दशा में मिलता है ज्ञान
इस समय व्यक्ति अपनी वाणी और बुद्धिमत्ता से सबका दिल जीतने में सक्षम होता है। यह दौर शिक्षा, संचार, और लेखन के लिए अच्छा होता है। करियर में तरक्की मिलती है और नया कुछ सीखने को मिलता है।
गुरु की अंतर्दशा में बढ़ती है आस्था
शनि महादशा में जब गुरु की अंतर्दशा आती है, तब व्यक्ति का झुकाव धार्मिक और आध्यात्मिक कार्यों की ओर बढ़ने लगता है। समाज सेवा, परोपकार और सत्संग की ओर रुचि बढ़ती है। मानसिक स्थिति में स्थिरता आती है।
शुक्र की अंतर्दशा में जीवन होता है आनंदमय
शुक्र के साथ शनि की महादशा व्यक्ति के जीवन में सुख-सुविधाएं लेकर आती है। प्रेम संबंध, दांपत्य जीवन और भोग-विलास की चीजों में वृद्धि होती है। कला, फिल्म, फैशन जैसे क्षेत्रों से जुड़े लोगों के लिए यह समय बहुत अच्छा होता है।
राहु की अंतर्दशा में रहता है भ्रम का खतरा
शनि की महादशा में राहु की अंतर्दशा थोड़ा सावधानी की मांग करती है। इस दौरान व्यक्ति के जीवन में भ्रम, आशंका और विवाद की स्थिति बन सकती है। हालांकि, तकनीकी और रिसर्च से जुड़े लोगों के लिए यह समय नई खोजों का हो सकता है।
केतु की अंतर्दशा में मन में आता है वैराग्य
शनि की महादशा में केतु की अंतर्दशा के दौरान व्यक्ति के भीतर एक अलग ही भावनात्मक परिवर्तन आता है। वह अकेले रहना पसंद करता है, ध्यान-योग की ओर आकर्षित होता है और ज्ञान प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ता है।