भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार 22 अगस्त को ग्लोबल संकेतों के बीच गिरावट के साथ खुले। सेंसेक्स 137 अंक टूटकर 81,863 पर और निफ्टी 39 अंक गिरकर 25,044.80 पर खुला। इससे पहले गुरुवार को बाजार लगातार छठे दिन बढ़त पर बंद हुआ था। अमेरिकी और यूरोपीय बाजारों की सुस्ती तथा फेडरल रिजर्व की बैठक से पहले निवेशक सतर्क हैं।
Stock Market Today: शुक्रवार 22 अगस्त को घरेलू शेयर बाजार लाल निशान पर खुले। सेंसेक्स 137 अंक गिरकर 81,863 पर और निफ्टी 39 अंक फिसलकर 25,044.80 पर खुला। इससे पहले गुरुवार को बाजार लगातार छठे दिन बढ़त के साथ बंद हुआ था, जिसमें जीएसटी कटौती की उम्मीदें, बीमा प्रीमियम को टैक्स मुक्त करने के प्रस्ताव और रिलायंस इंडस्ट्रीज में तेजी का अनुमान अहम कारण रहे। वैश्विक स्तर पर अमेरिकी और यूरोपीय बाजार दबाव में रहे, जबकि गिफ्ट निफ्टी ने भी कमजोर शुरुआत का संकेत दिया। निवेशक अब फेडरल रिजर्व की जैक्सन होल बैठक से नीति संकेतों का इंतजार कर रहे हैं।
सेंसेक्स और निफ्टी की चाल
बाजार खुलने पर बीएसई सेंसेक्स 137.19 अंक या 0.17 प्रतिशत गिरकर 81,863 अंक पर खुला। वहीं एनएसई निफ्टी 39 अंक या 0.16 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,044.80 के स्तर पर ओपन हुआ।
गुरुवार को बाजार का रुख बिल्कुल अलग था। उस दिन सेंसेक्स 142.87 अंक या 0.17 प्रतिशत बढ़कर 82,000.71 अंक पर बंद हुआ था। निफ्टी भी 33.20 अंक या 0.13 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,083.75 पर बंद हुआ था। इस बढ़त की वजह थी जीएसटी दरों में संभावित कटौती की उम्मीद, बीमा प्रीमियम पर कर में छूट का प्रस्ताव और रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में मजबूती।
गिफ्ट निफ्टी ने दिया संकेत
शुक्रवार की सुबह ही यह अंदाजा लग गया था कि घरेलू बाजार नकारात्मक शुरुआत कर सकते हैं। एनएसई आईएक्स पर गिफ्ट निफ्टी 42.50 अंक या 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,051.50 पर कारोबार कर रहा था। यह साफ इशारा था कि भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत दबाव के साथ हो सकती है।
अमेरिकी बाजार पर असर
गुरुवार को वॉल स्ट्रीट के प्रमुख इंडेक्स गिरावट में बंद हुए। निवेशकों की नजरें जैक्सन होल में चल रही फेडरल रिजर्व की बैठक पर टिकी रहीं। वहां से मौद्रिक नीति से जुड़े संकेत मिलने की उम्मीद है।
वॉलमार्ट ने अपने पूरे साल की बिक्री और मुनाफे का अनुमान तो बढ़ा दिया, लेकिन तिमाही नतीजे उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे। इसके चलते कंपनी के शेयरों में 4.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट का असर अन्य उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र के शेयरों पर भी पड़ा और पूरा सेक्टर 0.9 प्रतिशत गिर गया।
इससे पहले टारगेट और होम डिपो जैसी कंपनियों के नतीजे भी बाजार को कोई ठोस संकेत नहीं दे पाए थे।
टेक्नोलॉजी शेयरों में भारी गिरावट
अमेरिकी टेक सेक्टर पर सबसे ज्यादा दबाव देखने को मिला। Meta, Amazon और AMD जैसे दिग्गज शेयरों में गिरावट आई। निवेशकों को लगने लगा कि अप्रैल से चली आ रही तेजी के बाद अब इन शेयरों की कीमतें काफी महंगी हो चुकी हैं।
इसके अलावा वाशिंगटन की ओर से इस सेक्टर में बढ़ते हस्तक्षेप को लेकर भी चिंता जताई जा रही है। इसी वजह से टेक शेयरों में बिकवाली तेज हो गई और सेक्टर दबाव में आ गया।
यूरोपीय बाजार का हाल
गुरुवार को यूरोपीय बाजारों में भी सुस्ती देखने को मिली। निवेशक यहां भी फेडरल रिजर्व की बैठक से आने वाले संदेशों का इंतजार कर रहे हैं। पैन यूरोपीय STOXX 600 इंडेक्स लगभग सपाट बंद हुआ।
यूरोप के बड़े शेयर बाजारों में भी मिला-जुला रुख दिखाई दिया। कुछ सेक्टर में हल्की तेजी रही तो कई जगह गिरावट का दबाव देखने को मिला।
इसी बीच यूरोपीय संघ ने कहा कि अमेरिका के साथ हाल ही में हुए व्यापार समझौते में कार निर्यात पर लगने वाले टैरिफ को न्यूनतम रखने की कोशिश की जाएगी। इससे ऑटो सेक्टर से जुड़ी कंपनियों में कुछ हद तक राहत की उम्मीद बनी रही।