राजस्थान में स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर सियासी घमासान फिर तेज़ हो गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर में आयोजित डॉक्टर्स-डे कार्यक्रम के मंच से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछली सरकार ने स्वास्थ्य क्षेत्र को कभी प्राथमिकता नहीं दी। उन्होंने दावा किया कि गहलोत सरकार ने अपने किसी भी बजट में स्वास्थ्य सेवाओं को 6 प्रतिशत से अधिक आवंटन नहीं दिया, जबकि भाजपा सरकार ने अपने पहले ही बजट में 8.26 प्रतिशत यानी 27,660 करोड़ रुपये का प्रावधान किया।
सीएम शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार गांव-ढाणी से लेकर कस्बों तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि “निरामय राजस्थान” का सपना साकार करने की दिशा में प्रदेश तेज़ी से कदम बढ़ा रहा है और आज राजस्थान की स्वास्थ्य सेवाएं देशभर के लिए मिसाल बनती जा रही हैं।
मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना बनी राहत की सांस
सीएम भजनलाल शर्मा ने चिरंजीवी योजना की कमियों का ज़िक्र करते हुए बताया कि राज्य सरकार ने इसे नया रूप देते हुए मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना की शुरुआत की है। उन्होंने कहा कि यह योजना अब पहले से कहीं ज्यादा समावेशी और सशक्त है। इसमें आयुष पद्धति से लेकर ऐलोपैथी, सामान्य बीमारियों से लेकर ट्रांसप्लांट और रोबोटिक सर्जरी तक के इलाज की सुविधा शामिल की गई है।
मुख्यमंत्री के मुताबिक, योजना में 2,300 से अधिक चिकित्सा पैकेज जोड़े गए हैं और प्रतिदिन करीब 8,000 मरीजों को मुफ्त उपचार मिल रहा है। उन्होंने बताया कि योजना को सुदृढ़ बनाने के लिए 3,500 करोड़ रुपये का विशेष कोष भी बनाया गया है, जिससे अधिक लोगों को लाभ मिल सके। सीएम ने इसे आमजन के लिए एक क्रांतिकारी पहल करार दिया।
मेडिकल संसाधन बढ़े
मुख्यमंत्री ने स्वास्थ्य ढांचे को सशक्त बनाने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों को भी साझा किया। उन्होंने बताया कि बीते डेढ़ साल में राज्य में 19 नए उप स्वास्थ्य केंद्र और 10 नए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खोले गए हैं। इसके अलावा, 49 उप स्वास्थ्य केंद्रों को पीएचसी, जबकि 43 पीएचसी को सीएचसी में क्रमोन्नत किया गया है।
सीएम ने यह भी कहा कि सरकार ने 47 उप जिला चिकित्सालय, 12 जिला अस्पताल, 8 सेटेलाइट अस्पताल और 6 ट्रॉमा सेंटर की स्थापना की है। स्वास्थ्य सेवाओं में मानव संसाधन को बढ़ाने की दिशा में 24,000 से अधिक पदों पर भर्तियां की जा चुकी हैं और 26,000 से ज्यादा भर्तियों की प्रक्रिया जारी है। साथ ही, 5 नए मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक सत्र भी शुरू हो चुका है, जिससे युवाओं को चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में अधिक अवसर मिल रहे हैं।
चिकित्सकों की सुरक्षा और सम्मान भी प्राथमिकता
कार्यक्रम में मौजूद राज्य के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने कहा कि राज्य सरकार चिकित्सकों की सुरक्षा को लेकर पूरी तरह गंभीर है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को सुरक्षित, सम्मानजनक और सहयोगपूर्ण माहौल देने के लिए नीतिगत फैसले लिए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा कि सरकार चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों के कल्याण के लिए लगातार फैसले ले रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी मौके पर चिकित्सा क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कई डॉक्टरों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि डॉक्टर समाज की रीढ़ हैं और उनकी सेवा को सम्मान मिलना चाहिए। राज्य सरकार उन्हें हर स्तर पर सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य के जरिए सियासी संतुलन साधने की कोशिश
मुख्यमंत्री के भाषण और प्रस्तुत आंकड़ों को राजनीतिक विश्लेषक सियासी रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं। 2028 की ओर बढ़ते राजस्थान में भाजपा अब स्वास्थ्य और जन कल्याण को लेकर आक्रामक एजेंडा अपनाती दिख रही है। गहलोत सरकार को आंकड़ों के सहारे कठघरे में खड़ा कर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने यह संकेत जरूर दे दिया है कि विकास का ट्रैक रिकॉर्ड आने वाले चुनावों में बड़ा मुद्दा बनने वाला है।