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Tata Investment ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, कमाई में 11 फीसदी की छलांग

Tata Investment ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, कमाई में 11 फीसदी की छलांग

टाटा ग्रुप की अहम निवेश कंपनी टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड (Tata Investment Corporation Limited – TICL) ने सोमवार को जून तिमाही के नतीजों के साथ एक बड़ा ऐलान किया। कंपनी ने अपने शेयरों के विभाजन (Stock Split) की घोषणा की है, जिससे निवेशकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला।

Q1 में मुनाफा 146 करोड़ के पार

वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) में कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 11.6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 146.3 करोड़ रुपये दर्ज किया गया। पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में यह आंकड़ा 131.07 करोड़ रुपये था। यह बढ़ोतरी कंपनी की मजबूत निवेश रणनीति और डिविडेंड इनकम में इजाफे का संकेत देती है।

ऑपरेटिंग इनकम में मामूली बढ़त

कंपनी की ऑपरेटिंग इनकम की बात करें तो यह भी इस तिमाही में हल्की बढ़त के साथ 145.46 करोड़ रुपये रही, जबकि पिछले साल इसी समय पर यह 142.46 करोड़ रुपये दर्ज की गई थी। यह बताता है कि कंपनी की आय स्थिरता बनाए हुए है और धीमी लेकिन सधी हुई चाल से आगे बढ़ रही है।

कंपनी के कुल खर्च की बात करें तो इसमें भी मामूली बढ़ोतरी देखने को मिली। खर्च पिछले साल की तुलना में बढ़कर 12.15 करोड़ रुपये रहा, जो पहले 11.77 करोड़ रुपये था। यह इजाफा बहुत ज्यादा नहीं है, जिससे कंपनी की फाइनेंशियल डिसिप्लिन का पता चलता है।

डिविडेंड इनकम में अच्छा उछाल

कंपनी की डिविडेंड से होने वाली आय इस बार 84.08 करोड़ रुपये से बढ़कर 89.16 करोड़ रुपये हो गई। टाटा इन्वेस्टमेंट जैसी होल्डिंग कंपनियों के लिए डिविडेंड इनकम प्रमुख आय स्रोत होता है, ऐसे में इसमें उछाल कंपनी के निवेश पोर्टफोलियो की मजबूती का संकेत है।

टाटा इन्वेस्टमेंट ने अपने निवेशकों के लिए बड़ा ऐलान किया है। कंपनी ने 10 रुपये फेस वैल्यू वाले एक शेयर को 1 रुपये फेस वैल्यू के 10 शेयरों में बांटने की योजना बनाई है। यानी अब एक शेयर के बदले निवेशकों को 10 नए शेयर मिलेंगे। हालांकि, यह फैसला शेयरधारकों और रेगुलेटरी संस्थाओं की मंजूरी के बाद ही लागू किया जाएगा।

क्यों किया गया स्टॉक स्प्लिट का फैसला

स्टॉक स्प्लिट का मकसद शेयर को छोटे निवेशकों के लिए और अधिक सुलभ बनाना होता है। फिलहाल टाटा इन्वेस्टमेंट का शेयर भाव बहुत ऊंचा है, जिससे आम निवेशक इसमें निवेश करने से कतराते हैं। अब शेयर 1:10 के अनुपात में बंट जाएगा, जिससे इसका बाजार भाव काफी नीचे आ जाएगा और खरीदारी आसान होगी।

टाटा इन्वेस्टमेंट एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) के तौर पर काम करती है और इसे भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मीडियम लेवल NBFC के तौर पर वर्गीकृत किया है। इसका मतलब है कि कंपनी सिस्टम के लिए महत्त्वपूर्ण मानी जाती है और उस पर रेगुलेटरी नजर भी ज्यादा रहती है।

शेयर में आई जोरदार तेजी

नतीजों और स्टॉक स्प्लिट के ऐलान का असर शेयर बाजार में भी देखने को मिला। कारोबारी सत्र के दौरान कंपनी के शेयर में 5.4 फीसदी तक की तेजी देखी गई। दोपहर करीब 2:15 बजे तक शेयर ने 7156 रुपये का उच्चतम स्तर और 6750 रुपये का न्यूनतम स्तर छुआ। शुक्रवार को शेयर 6778 रुपये पर बंद हुआ था।

टाटा इन्वेस्टमेंट का शेयर लंबी अवधि में निवेशकों को शानदार रिटर्न दे चुका है। बीते दो साल में इस शेयर ने लगभग 180 फीसदी का रिटर्न दिया है। वहीं तीन साल में रिटर्न करीब 380 फीसदी और पांच साल में 860 फीसदी से ज्यादा रहा है। एक साल में भी शेयर ने लगभग 13 फीसदी की बढ़त दर्ज की है।

कंपनी की मार्केट वैल्यू और शेयर मूवमेंट

बीएसई पर कंपनी का 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 8,075 रुपये और न्यूनतम स्तर 5,147 रुपये है। कंपनी का कुल मार्केट कैपिटलाइजेशन 35,467 करोड़ रुपये से अधिक है। यानी यह टाटा ग्रुप की एक मजबूत स्मॉलकैप कंपनी के रूप में देखी जाती है।

स्टॉक स्प्लिट और मुनाफे में बढ़ोतरी की खबर के बाद अब बाजार की नजरें टाटा इन्वेस्टमेंट की आगे की रणनीतियों और संभावित निवेश क्षेत्रों पर हैं। कंपनी की सधी हुई प्रबंधन नीति, टाटा ग्रुप का भरोसा और बेहतर रिटर्न देने का ट्रैक रिकॉर्ड इसे निवेशकों के लिए आकर्षक विकल्प बनाता है।

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