डोनाल्ड ट्रंप के 'डेड इकोनॉमी' बयान पर कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि भारत को अपने राष्ट्रीय हित स्पष्ट करने और वैश्विक मंच पर सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है।
Shashi Tharoor: हाल ही में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत की अर्थव्यवस्था को "डेड इकोनॉमी" कहा। इस बयान के बाद देश की राजनीति में हलचल तेज हो गई। विपक्षी दलों ने इस टिप्पणी को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा जबकि कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस पर संतुलित लेकिन कड़ा रुख अपनाया। पुणे में एक कार्यक्रम में बोलते हुए थरूर ने कहा कि ट्रंप की बातों को शाब्दिक रूप से नहीं, लेकिन गंभीरता से लेना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि भारत को अब अपने राष्ट्रीय हितों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करना होगा।
ट्रंप की बातों को हल्के में न लें: थरूर
पुणे में अपनी नई पुस्तक "द लिविंग कॉन्स्टिट्यूशन" के विमोचन कार्यक्रम में शशि थरूर ने अमेरिका और भारत के बीच की कूटनीति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि ट्रंप अमेरिका के राष्ट्रपति रह चुके हैं और दोबारा सत्ता में आ सकते हैं। ऐसे में उनकी कही गई बातों को नज़रअंदाज करना गलत होगा।
थरूर ने कहा,
"जब कोई कहता है कि आपकी अर्थव्यवस्था खत्म हो गई है, तो यह वैसा ही है जैसे कोई स्कूली बच्चा खेल के मैदान में कहे कि आपकी मां बदसूरत है। यह बयान शाब्दिक नहीं, प्रतीकात्मक रूप से दिया गया है और इसे गंभीरता से लेना चाहिए।"
राष्ट्रीय हितों को स्पष्ट करना अब ज़रूरी
थरूर ने मौजूदा वैश्विक परिदृश्य की ओर इशारा करते हुए कहा कि जब दुनिया की सबसे बड़ी ताकतें युद्ध में सक्रिय रूप से शामिल हैं और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को संभालने की बजाय उसे बिगाड़ने में लगी हैं, तब भारत को अपने हितों को बहुत स्पष्ट रूप से तय करना होगा।
उन्होंने कहा कि भारत का पहला और सबसे ज़रूरी राष्ट्रीय हित अपने नागरिकों की भलाई सुनिश्चित करना है। यही वह प्राथमिकता है जो किसी भी विदेश नीति या आर्थिक रणनीति की बुनियाद बननी चाहिए।
सिर्फ नियम मानने वाले नहीं, नियम बनाने वाले बनें
थरूर ने भारत की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि देश को सिर्फ अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन करने वाला नहीं, बल्कि उन्हें गढ़ने वाला देश बनना होगा। उन्होंने कहा कि अगर भारत को वैश्विक मंच पर ताकतवर और प्रभावी भूमिका निभानी है, तो उसे अपने कूटनीतिक और आर्थिक फैसलों में आत्मनिर्भरता और स्पष्टता लानी होगी।
"हमें एक ऐसे देश के रूप में उभरना है जो अंतरराष्ट्रीय फैसलों में बराबरी से भाग ले। ऐसा तभी संभव होगा जब हम अपनी नीतियों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें और उन्हें मजबूती से लागू करें।"
भारत की वैश्विक छवि पर पड़ सकता है असर
शशि थरूर ने ट्रंप की टिप्पणी को भारत की वैश्विक छवि के लिए नुकसानदायक बताया। उन्होंने कहा कि भारत पहले से ही दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में इस तरह के बयान अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की साख पर असर डाल सकते हैं, अगर समय रहते सही जवाब न दिया जाए।