उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव को लेकर सुभासपा अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में एक नया त्रिकोणीय समीकरण देखने को मिल सकता है, जिसमें अपना दल और निषाद पार्टी एक साथ नजर आ सकते हैं।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले पंचायत चुनाव में सियासी हलचल तेज हो गई है। सुभासपा के अध्यक्ष और योगी सरकार में मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने पंचायत चुनाव को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में एक नया त्रिकोणीय समीकरण देखने को मिल सकता है, जिसमें अपना दल, निषाद पार्टी और सुभासपा एक साथ चुनाव मैदान में उतर सकते हैं।
त्रिकोणीय समीकरण की संभावना
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में ओम प्रकाश राजभर ने कहा, “यह संभव है क्योंकि पंचायत चुनाव में सिंबल पर चुनाव नहीं होता। जिन लोगों का मन राजनीति में पहलवानी करने का है, उन्हें मौके मिलने चाहिए।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस त्रिकोणीय गठबंधन में अपना दल की अनुप्रिया पटेल, निषाद पार्टी के डॉ. संजय निषाद और सुभासपा के ओम प्रकाश राजभर शामिल होंगे।
राजभर ने इसे समझाने के लिए मजाकिया अंदाज में कहा कि ये तीनों दल इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की तरह काम करेंगे और एक परमाणु बम के रूप में चुनाव में उतरेंगे। उन्होंने कहा, “इलेक्ट्रॉन, प्रोटॉन और न्यूट्रॉन की भूमिका में ओम प्रकाश राजभर, अनुप्रिया पटेल और डॉ. संजय निषाद हैं। इनके आगे कोई नहीं टिकेगा।
पंचायत चुनाव में रणनीति
पंचायत चुनाव में यह नया समीकरण बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। दरअसल, अपना दल, निषाद पार्टी और सुभासपा सभी एनडीए के सहयोगी दल हैं, लेकिन पंचायत चुनाव में ये तीनों दल अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। इस कदम को राजनीतिक विश्लेषक बीजेपी पर दबाव बनाने की रणनीति के रूप में देख रहे हैं।
राजभर ने कहा कि पंचायत चुनाव में लोग सिर्फ बड़े दलों की ही ताकत नहीं देखते, बल्कि स्थानीय नेताओं की लोकप्रियता और जमीन पर पकड़ भी निर्णायक होती है। उन्होंने अपने गठबंधन की ताकत को स्पष्ट करते हुए कहा कि यह नया त्रिकोणीय समीकरण ग्रामीण क्षेत्रों में काफी असर दिखा सकता है।
अपना दल, निषाद पार्टी और सुभासपा तीनों ही अपने-अपने क्षेत्रों में उम्मीदवारों की तलाश और तैयारी में जुट गए हैं। राजभर ने कहा कि पंचायत चुनाव में ये दल स्थानीय नेताओं को अधिक अवसर देने पर जोर देंगे। उनका मानना है कि चुनाव केवल बड़े नेताओं के लिए नहीं, बल्कि基层 नेताओं और समाज के अलग-अलग तबकों के लिए होना चाहिए।