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उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: सपा विधायक अतुल प्रधान का अनोखा प्रदर्शन, कांवड़ लेकर विधानसभा पहुंचे और उठाया बड़ा सवाल

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: सपा विधायक अतुल प्रधान का अनोखा प्रदर्शन, कांवड़ लेकर विधानसभा पहुंचे और उठाया बड़ा सवाल

यूपी विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन सपा विधायक अतुल प्रधान ने स्कूल मर्जर नीति के खिलाफ कांवड़ लेकर अनोखा विरोध किया। उन्होंने सरकारी स्कूलों को बंद करने और गरीब बच्चों के अधिकारों पर हो रहे अत्याचार पर सवाल उठाए और सरकार से इस नीति पर पुनर्विचार की मांग की। साथ ही, उन्होंने शिक्षा क्षेत्र में सुधार की जरूरत पर जोर दिया।

Uttar Pradesh: सपा विधायक अतुल प्रधान ने यूपी विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन कांवड़ लेकर स्कूल मर्जर नीति का विरोध किया। उनका कहना था कि सरकारी स्कूलों को बंद करने का फैसला गरीब और मजदूर परिवारों के बच्चों के हित के खिलाफ है। उन्होंने प्राइवेट स्कूलों की बढ़ती फीस और ड्रेस कोड की वसूली पर भी चिंता जताई। अतुल प्रधान ने सरकार से नीति पुनर्विचार और शिक्षा क्षेत्र में सुधार की मांग की और बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देने पर जोर दिया।

अनोखा प्रदर्शन और सरकार पर तीखा हमला

यूपी विधानसभा मानसून सत्र के पहले दिन मेरठ की सरधना सीट से सपा विधायक अतुल प्रधान का विरोध अनोखा था। वे कांवड़ लेकर विधानसभा परिसर पहुंचे, जिस पर ‘हमें चाहिए पाठशाला’ और ‘हमें नहीं चाहिए मधुशाला’ लिखा था। इस अंदाज में उन्होंने स्कूल मर्जर नीति का विरोध किया और कहा कि यह गरीब और मजदूर परिवारों के बच्चों के हक़ में नहीं है। उन्होंने सरकारी स्कूलों को बंद करने के फैसले को अन्यायपूर्ण बताया और सरकार से पुनर्विचार करने की अपील की।

स्कूल मर्जर और बच्चों की सुरक्षा पर उठाए सवाल

अतुल प्रधान ने प्राइवेट स्कूलों में बढ़ती फीस और ड्रेस कोड की समस्याओं को भी उजागर किया। उन्होंने बताया कि गरीब परिवारों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में पढ़ नहीं पाते और इसलिए सरकारी स्कूल आवश्यक हैं। उन्होंने सरकार के 27,000 सरकारी स्कूल बंद करने और नए प्राइवेट स्कूल खोलने के फैसले की निंदा की। विधायक ने यह भी कहा कि एक किलोमीटर दूर स्कूल जाना बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है, खासकर जब दुष्कर्म जैसी घटनाओं का खतरा बढ़ रहा हो। उन्होंने संविधान और लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाते हुए कहा कि युवाओं को शराब के दलदल में धकेला जा रहा है जबकि शिक्षा व्यवस्था कमजोर हो रही है।

शिक्षकों की कमी और विधानसभा सत्र पर व्यंग्य

सपा विधायक ने बताया कि 2018 से यूपी में कोई नई शिक्षक भर्ती नहीं हुई है, जिससे टीजीटी और पीजीटी की परीक्षा भी आयोजित नहीं हो पा रही है। अतुल प्रधान ने कहा कि इस मुद्दे को लेकर उनकी लड़ाई जारी रहेगी। उन्होंने विधानसभा सत्र की आलोचना करते हुए कहा कि केवल दो दिन काम होगा, जिसमें झूठे दावे किए जाएंगे, लेकिन जनता इन सब से वाकिफ है। उन्होंने अखिलेश यादव की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे गरीबों के लिए काम करते हैं, जबकि मुख्यमंत्री की ‘जी फॉर गधा’ वाली टिप्पणी खुद पर प्रहार है। अतुल प्रधान ने जोर दिया कि वे गरीबों के हक के लिए लगातार संघर्ष करते रहेंगे।

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