लखनऊ में करीब एक दशक बाद सर्किल रेट में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 1 अगस्त से राजधानी में नए सर्किल रेट लागू होंगे, जिससे जमीन और मकान खरीदना पहले से महंगा हो जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। नई दरें लागू करने से पहले प्रशासन को कुल 49 आपत्तियां और सुझाव मिले हैं, जिनमें से अधिकांश में आवासीय कॉलोनियों में कई गुना बढ़ी दरों को लेकर आपत्ति जताई गई है।
कलेक्ट्रेट में होगी अहम बैठक
प्रशासन की ओर से जारी किए गए मसौदे के अनुसार, कृषि, आवासीय और व्यावसायिक जमीनों के साथ-साथ अपार्टमेंट की दरों में 25 से 50 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी प्रस्तावित है। वहीं, जिन आवासीय कॉलोनियों में अब व्यावसायिक गतिविधियां भी चल रही हैं, वहां सर्किल रेट में दोगुने से अधिक की वृद्धि का प्रस्ताव है। इन प्रस्तावित दरों को लेकर जिला कलेक्ट्रेट में एक अहम बैठक आयोजित की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता अपर जिलाधिकारी (राजस्व) राकेश कुमार सिंह करेंगे। बैठक में सभी 49 आपत्तियों और सुझावों पर 18 से 27 जुलाई के बीच विस्तार से चर्चा की जाएगी और समाधान तलाशा जाएगा।
10 साल बाद बदलाव
लखनऊ में यह सर्किल रेट में बदलाव लगभग दस साल बाद किया जा रहा है। नई दरों के लागू होने से जहां एक ओर आम लोगों को घर खरीदने में ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे, वहीं दूसरी ओर किसानों को अपनी जमीन की बेहतर कीमत मिलने की संभावना है। इसके अलावा, इससे राजस्व विभाग की आमदनी भी बढ़ेगी, जिससे सरकार की आय में इजाफा होगा।
प्रशासन ने इन संशोधित दरों पर 17 जुलाई तक आपत्तियां और सुझाव मांगे थे। अब इन पर विचार करने के बाद 1 अगस्त से नई दरों को लागू कर दिया जाएगा।