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यूट्यूबर ने मंत्री जीवेश मिश्रा पर लगाया मारपीट का आरोप, जानिए पूरा मामला

यूट्यूबर ने मंत्री जीवेश मिश्रा पर लगाया मारपीट का आरोप, जानिए पूरा मामला

बिहार के नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर दरभंगा के जाले में यूट्यूबर दिलीप कुमार ने मारपीट का आरोप लगाया। स्थानीय लोगों ने सड़क जाम किया। मंत्री ने आरोपों से इनकार किया, जबकि पुलिस जांच में जुटी है।

दरभंगा: बिहार के नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा पर एक यूट्यूबर ने मारपीट का आरोप लगाया है। यह घटना दरभंगा जिले के जाले विधानसभा क्षेत्र के रामपट्टी गांव में हुई, जहां मंत्री एक शोक सभा में शामिल हुए थे। यूट्यूबर दिलीप कुमार सहनी ने गांव की समस्याओं पर सवाल पूछने के बाद कथित रूप से मंत्री और उनके समर्थकों द्वारा पिटाई का शिकार होने का दावा किया है।

भाजपा कार्यक्रम में यूट्यूबर से मारपीट

बताया जाता है कि रविवार देर शाम भाजपा की ओर से रामपट्टी सहनी टोल में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री जीवेश मिश्रा गांव के लोगों से मिलने पहुंचे थे। यूट्यूबर दिलीप कुमार ने गांव की सड़कों और अन्य विकास कार्यों के सवाल पूछने शुरू किए। बार-बार सवाल पूछने पर कार्यक्रम के दौरान अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

स्थानीय लोगों के अनुसार, हंगामा इतना बढ़ गया कि मंत्री के एस्कॉर्ट्स वाहन का पिछला शीशा क्षतिग्रस्त हो गया। इसी बीच, मंत्री के समर्थकों और यूट्यूबर के बीच धक्का-मुक्की और मारपीट की घटना हुई। यूट्यूबर ने दावा किया कि उनके चेहरे पर खून था और उनका कपड़ा फट गया।

सिंघवारा पुलिस ने संभाला मामला

घटना की सूचना मिलते ही सिंघवारा प्रखंड पुलिस और सदर टू डीएसपी एसके सुमन मौके पर पहुंचे। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया और दोनों पक्षों से जानकारी ली। थानाध्यक्ष बसंत कुमार ने बताया कि सुरक्षा कारणों से पुलिस बल लगातार सहनी टोल में कैंप कर रहा है।

पुलिस के अनुसार, यूट्यूबर और स्थानीय ग्रामीण पिछले दस वर्षों में हुए विकास कार्यों पर चर्चा कर रहे थे। पुलिस ने मामला गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू कर दी है और मौके पर मौजूद CCTV फुटेज और गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

मंत्री जीवेश मिश्रा ने आरोपों का खंडन किया

मंत्री जीवेश मिश्रा ने अपने ऊपर लगे आरोपों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने कहा कि उनके द्वारा किसी भी व्यक्ति को पीटा जाना या अपमानित किया जाना पूरी तरह झूठा है। मंत्री का कहना है कि घटना के बारे में उन्हें किसी भी तरह की जानकारी नहीं थी और SDPO से रिपोर्ट लेने के बाद ही बयान देंगे।

विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में दोनों पक्षों के बयान और साक्ष्यों की जांच आवश्यक होती है। आरोप-प्रत्यारोप के बीच सामाजिक और राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है, इसलिए प्रशासन ने सुरक्षा बढ़ा दी है।

पत्रकारों पर मंत्री के बयान ने मचाई हलचल

इससे पहले अगस्त महीने में नगर विकास मंत्री जीवेश मिश्रा आरा और सासाराम में पत्रकारों के सवालों पर विवादित बयान दे चुके हैं। पत्रकारों ने शहर की समस्याओं जैसे जलजमाव, कचरा प्रबंधन और सड़क-जाम पर सवाल पूछे। इस दौरान मंत्री ने कहा कि पत्रकारों को अब पिस्तौल लेकर चलना चाहिए।

विशेषज्ञों के अनुसार, मंत्री के गुस्से और विवादित बयानों ने लोगों और पत्रकारों में असंतोष बढ़ाया है। हालांकि बड़े हाईवे और पुल बने हैं, लेकिन शहरों और मोहल्लों में सड़कें और नालियों की स्थिति अभी भी चिंताजनक है। आगामी चुनावों को देखते हुए इस मामले की राजनीतिक और सामाजिक गंभीरता और बढ़ गई है।

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