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आईआईटी बॉम्बे: छात्र ने हॉस्टल की छत से कूदकर की आत्महत्या, कैंपस में मचा हड़कंप

आईआईटी बॉम्बे: छात्र ने हॉस्टल की छत से कूदकर की आत्महत्या, कैंपस में मचा हड़कंप

IIT Bombay में गुरुवार देर रात एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई। संस्थान के मेटा साइंस विभाग में चौथे वर्ष में पढ़ रहे 26 वर्षीय छात्र रोहित सिन्हा ने हॉस्टल की छत से कूदकर आत्महत्या कर ली। यह हादसा पवई कैंपस में गुरुवार और शुक्रवार की दरम्यानी रात करीब 2:30 बजे हुआ, जिसने पूरे परिसर को गमगीन कर दिया।

रोहित मूल रूप से दिल्ली के रहने वाले थे और पिछले चार वर्षों से आईआईटी बॉम्बे में पढ़ाई कर रहे थे। बताया जा रहा है कि घटना के वक्त हॉस्टल की छत पर मौजूद एक अन्य छात्र ने रोहित को छलांग लगाते देखा और तुरंत शोर मचाया। इसके बाद छात्रों और स्टाफ की मदद से रोहित को हीरानंदानी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सुसाइड नोट नहीं मिला

घटना की जानकारी मिलते ही पवई पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु रिपोर्ट (ADR) दर्ज कर ली है और मामले की जांच शुरू कर दी है। अब तक किसी सुसाइड नोट के मिलने की पुष्टि नहीं हुई है। पुलिस छात्रों और परिजनों से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि रोहित ने यह कदम क्यों उठाया।

पुलिस ने रोहित का शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और साथ ही उनके मोबाइल फोन व अन्य डिजिटल उपकरणों को भी जब्त कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, पढ़ाई का दबाव, निजी परेशानियां या किसी मानसिक तनाव के कारण यह आत्महत्या हो सकती है, लेकिन वास्तविक कारण जांच के बाद ही सामने आएगा।

छात्रों के लिए काउंसलिंग की व्यवस्था

इस दुखद घटना के बाद आईआईटी बॉम्बे परिसर में शोक की लहर दौड़ गई है। छात्र, शिक्षक और स्टाफ सभी गहरे सदमे में हैं। संस्थान की ओर से आधिकारिक बयान तो नहीं आया है, लेकिन प्रशासन ने छात्रों के लिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता और काउंसलिंग की सुविधा मुहैया कराने की बात कही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्रों को लगातार मानसिक सहयोग, काउंसलिंग और तनाव प्रबंधन की सुविधा दी जानी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

यह हादसा एक बार फिर देश की शीर्ष शिक्षण संस्थानों में छात्रों की मानसिक स्थिति पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

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