अयोध्या में 240 फुट ऊंचे रावण और 190 फुट के मेघनाद-कुंभकर्ण पुतलों का निर्माण पूरा हुआ, लेकिन सुरक्षा कारणों से दहन पर तीन दिन पहले प्रतिबंध लगा दिया गया। आयोजक और जनता अब आगे की कार्रवाई की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में दशहरे से पहले 240 फुट ऊंचे रावण और 190 फुट ऊंचे मेघनाद-कुंभकर्ण के पुतलों के दहन पर सुरक्षा कारणों से रोक लगा दी गई है। अयोध्या पुलिस ने सोमवार को यह निर्णय लिया और कहा कि इतनी ऊंचाई वाले पुतलों का जलाना सुरक्षा के लिहाज से जोखिम भरा हो सकता है। इस कदम से रामलीला समिति और आयोजकों में नाराजगी फैल गई है।
अयोध्या में दशहरे के लिए पुतलों की तैयारियां
फिल्म कलाकार रामलीला समिति द्वारा अयोध्या के राम कथा पार्क में दशहरे के लिए रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का निर्माण लगभग एक महीने से चल रहा था। मध्य प्रदेश, राजस्थान और अन्य राज्यों के कारीगरों ने मेहनत कर 240 फुट ऊंचे रावण और 190 फुट ऊंचे अन्य पुतलों को तैयार किया।
समिति के संस्थापक अध्यक्ष सुभाष मलिक ने बताया कि पुतलों पर भारी धनराशि खर्च की गई है। तीन दिन पहले ही प्रशासन ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए पुतलों के दहन पर रोक लगा दी। इस रोक के चलते दशहरा में तैयार किए गए पुतलों का दहन नहीं हो पाएगा, जो आयोजकों के लिए बड़ा झटका है।
ऊंचे पुतलों के दहन पर सुरक्षा कारणों से रोक
अयोध्या के पुलिस क्षेत्राधिकारी देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि इतनी ऊंचाई वाले पुतलों का जलाना सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक हो सकता है। उन्होंने बताया कि रामलीला समिति ने अभी तक इसकी अनुमति नहीं ली थी। पुलिस गश्त के दौरान जब इन पुतलों का निर्माण देखा गया, तब सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखते हुए कार्रवाई की गई।
पुलिस ने कहा कि भीड़ प्रबंधन, अग्नि सुरक्षा और आपातकालीन उपायों के लिहाज से इस तरह की ऊंचाई वाले पुतलों का दहन जोखिम भरा हो सकता है। अधिकारियों का कहना है कि प्रशासन का उद्देश्य सुरक्षा सुनिश्चित करना है और किसी भी अप्रिय घटना को रोकना है।
रामलीला समिति ने पुतलों के दहन पर निराशा जताई
सुभाष मलिक ने कहा कि यह फैसला आयोजकों और कारीगरों के लिए निराशाजनक है। उन्होंने कहा कि दशहरा में रावण का दहन न होना अशुभ माना जाता है। इस बार इतना बड़ा और भव्य पुतला तैयार किया गया था, लेकिन अब यह जल नहीं पाएगा।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि अयोध्या में कहीं भी इन पुतलों का दहन करने की अनुमति दी जाए। मलिक ने कहा कि वे अयोध्या में सात साल से भव्य रामलीला का मंचन कर रहे हैं और यह आयोजन शहर की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है।
पुतलों के जलाने में सुरक्षा जरूरी
आयोजकों ने प्रशासन से अनुरोध किया है कि भविष्य में इस तरह की ऊंचाई वाले पुतलों के लिए पूर्व अनुमति और सुरक्षा उपाय सुनिश्चित किए जाएं। उन्होंने कहा कि उचित प्रबंधन के साथ दशहरे पर भव्य पुतलों का जलाना संभव हो सकता है।
अयोध्या जैसे धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्रों में सुरक्षा और आयोजन का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। इस साल की रोक से आयोजकों को सीख मिली है कि बड़े पुतलों के निर्माण में पहले से ही सुरक्षा और प्रशासनिक अनुमतियों पर ध्यान देना होगा।