बारिश और बाढ़ के मौसम में बच्चों के लिए संक्रमण और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। फ्लू, वायरल इंफेक्शन, टोमेटो फीवर, डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियां तेजी से फैलती हैं। साफ पानी, मच्छरदानी, उचित कपड़े और स्वच्छता के जरिए बच्चों की सुरक्षा जरूरी है।
Health Tips: देश के कई राज्यों में लगातार बारिश और बाढ़ से हालात बिगड़ रहे हैं, जिससे बच्चों की सेहत पर गंभीर असर पड़ रहा है। गंदे पानी और जमा पानी में मच्छर बढ़ने से फ्लू, वायरल इंफेक्शन, डेंगू, मलेरिया और टोमेटो फीवर जैसी बीमारियां फैल रही हैं। कमजोर इम्यूनिटी वाले बच्चे तेजी से इन बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं, इसलिए माता-पिता को साफ पानी, मच्छरदानी, स्वच्छता और सावधानी बरतने की जरूरत है।
बच्चों की इम्यूनिटी पर असर
आरएमएल हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग में यूनिट हेड डॉ. सुभाष गिरी बताते हैं कि बारिश और बाढ़ के दौरान बच्चों की इम्यूनिटी पूरी तरह विकसित नहीं होती। इसका मतलब है कि उनका शरीर आसानी से संक्रमण और बैक्टीरियल या वायरल संक्रमण की चपेट में आ जाता है। बाढ़ का पानी पीने के पानी को गंदा कर देता है, जिससे बच्चों को पेट खराब होना, उल्टी और दस्त जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
साफ-सफाई की कमी और भीगने की आदत के कारण बच्चों में सर्दी-जुकाम, फंगल इंफेक्शन और त्वचा संबंधी परेशानियां भी आम हो जाती हैं। लंबे समय तक नमी रहने से बच्चों को सांस संबंधी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसलिए बरसात और बाढ़ के मौसम में बच्चों की देखभाल और सतर्कता पहले से ज्यादा जरूरी हो जाती है।
बरसात और बाढ़ में किन बीमारियों का खतरा
फ्लू और वायरल इंफेक्शन
एम्स के पूर्व पीडियाट्रिक विभाग के डॉ. राकेश बागड़ी बताते हैं कि बरसात में हवा में नमी बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया और वायरस तेजी से फैलते हैं। बच्चों को अगर गंदे पानी या संक्रमित सतह के संपर्क में आने का मौका मिलता है, तो वे आसानी से फ्लू या वायरल इंफेक्शन का शिकार हो सकते हैं। इसके लक्षणों में अचानक बुखार, गले में खराश, सिर दर्द और थकान शामिल हैं।
टोमेटो फीवर
टोमेटो फीवर खासकर पांच साल से छोटे बच्चों में अधिक देखा जाता है। इसमें शरीर पर लाल या टमाटर जैसे गोल चकत्ते निकलते हैं। साथ ही तेज बुखार, गले में दर्द, थकान और शरीर में कमजोरी जैसी समस्याएं होती हैं। यह वायरस तेजी से फैलता है और गंभीर हो सकता है।
डेंगू
डेंगू फैलाने वाला एडीस मच्छर जमा हुए पानी में पनपता है। यह दिन के समय काटता है। बच्चों में डेंगू होने पर तेज बुखार, सिर और आंखों के पीछे दर्द, उल्टी और पूरे शरीर में दर्द जैसे लक्षण दिखते हैं। गंभीर मामलों में प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से घट सकती है, जिससे स्थिति खतरनाक हो सकती है।
मलेरिया
मलेरिया एनोफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। बाढ़ और गंदे पानी वाले इलाके मलेरिया के लिए अनुकूल होते हैं। बच्चों में मलेरिया होने पर बार-बार तेज बुखार, कंपकंपी, पसीना, सिरदर्द और उल्टी जैसी समस्याएं होती हैं। लंबे समय तक इलाज न मिलने पर खून की कमी और कमजोरी हो सकती है, जिससे बच्चों के विकास पर असर पड़ता है।
बच्चों की सुरक्षा और देखभाल
बारिश और बाढ़ में बच्चों को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। बच्चों को खुले और गंदे पानी में खेलने से रोकना चाहिए। उन्हें केवल साफ और उबला हुआ पानी पिलाना चाहिए। घर और आसपास पानी जमा न होने दें। बच्चों की व्यक्तिगत सफाई पर ध्यान दें और उन्हें पूरी बाजू के कपड़े पहनाएं। मच्छरदानी और अन्य मच्छर भगाने वाले उपाय अपनाएं।
अगर बच्चों को बुखार, चकत्ते या किसी अन्य असामान्य लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।