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भारत की सबसे पुरानी डिपॉजिटरी NSDL ला रही IPO, जानिए पूरी डिटेल

भारत की सबसे पुरानी डिपॉजिटरी NSDL ला रही IPO, जानिए पूरी डिटेल

देश की पहली और सबसे पुरानी डिपॉजिटरी नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) अब शेयर बाजार में एंट्री लेने जा रही है। कंपनी का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) 30 जुलाई 2025, बुधवार से खुलेगा और इसके लिए 1 अगस्त 2025 तक आवेदन किया जा सकेगा। आईपीओ से पहले एंकर इनवेस्टर्स के लिए बुकिंग 29 जुलाई को खुलेगी।

NSDL को जुलाई 2023 में ही लिस्टिंग की मंजूरी के लिए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के पास आवेदन किया गया था। इसके बाद कंपनी ने मई 2025 में अपना अडेंडम फाइल किया, जिसमें इश्यू साइज को घटाया गया।

IPO पूरी तरह से OFS, नई इक्विटी जारी नहीं होगी

यह आईपीओ पूरी तरह ऑफर फॉर सेल (OFS) के रूप में लाया जा रहा है। इसका मतलब है कि कंपनी इस पेशकश में कोई नया शेयर जारी नहीं कर रही है, बल्कि इसके मौजूदा शेयरधारक ही अपनी हिस्सेदारी बेच रहे हैं।

कुल 5.01 करोड़ शेयर इस इश्यू के जरिए बाजार में पेश किए जाएंगे। पहले इसका साइज 5.72 करोड़ शेयर था, जिसे बाद में घटाकर 5.01 करोड़ किया गया।

IPO में हिस्सेदारी बेचने वाले बड़े नाम

इस इश्यू में हिस्सा बेचने वाले निवेशकों की सूची लंबी है। इनमें आईडीबीआई बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE), एचडीएफसी बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और स्पेसिफाइड अंडरटेकिंग ऑफ यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (SUUTI) शामिल हैं।

संस्थागत बिक्री का ब्योरा कुछ इस तरह है:

  • IDBI बैंक – 2.22 करोड़ शेयर
  • NSE – 1.80 करोड़ शेयर
  • SBI – 40 लाख शेयर
  • HDFC बैंक – 20 लाख शेयर
  • Union Bank of India – 5 लाख शेयर
  • SUUTI (Administrator) – 34.15 लाख शेयर

इन सभी शेयरों की फेस वैल्यू 2 रुपए प्रति शेयर रखी गई है।

सेबी के नियमों के चलते हिस्सेदारी घटा रहे IDBI और NSE

फिलहाल IDBI बैंक के पास NSDL में 26.01 प्रतिशत और NSE के पास 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सेबी के नियमों के अनुसार, कोई भी संस्था किसी मार्केट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी (Market Infrastructure Institution) में 15 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी नहीं रख सकती। इसी नियम के पालन के तहत IDBI और NSE अपनी हिस्सेदारी घटा रहे हैं।

इस आईपीओ के जरिए यह संस्थाएं अपने स्वामित्व को नियामकीय दायरे में लाकर रख सकेंगी।

आईपीओ वैल्यूएशन करीब 1.85 बिलियन डॉलर का टारगेट

NSDL अपने IPO से करीब 1.85 बिलियन डॉलर (लगभग 16 हजार करोड़ रुपये) की वैल्यूएशन का लक्ष्य लेकर चल रही है। हालांकि, इश्यू का प्राइस बैंड और अन्य वित्तीय डिटेल्स अभी तक सामने नहीं आई हैं।

सेबी ने कंपनी को 14 अगस्त 2025 तक बाजार में लिस्ट होने की अंतिम अनुमति दी है। यानी 30 जुलाई से खुलने वाला यह इश्यू दो हफ्तों के भीतर शेयर बाजार में लिस्ट हो जाएगा।

IPO मैनेजमेंट में जुटे हैं बड़े नाम

इस बहुप्रतीक्षित इश्यू को लेकर प्रबंधन की जिम्मेदारी देश की बड़ी फाइनेंशियल संस्थाओं को दी गई है। NSDL के इस इश्यू के बुक रनिंग लीड मैनेजर्स (BRLMs) की सूची में शामिल हैं:

  • ICICI Securities
  • Axis Capital
  • HSBC Securities
  • IDBI Capital
  • Motilal Oswal Investment Advisors
  • SBI Capital Markets

इनकी निगरानी में ही इश्यू की प्रक्रिया, प्राइस डिस्कवरी और शेयर आवंटन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

भारत की सबसे पुरानी डिपॉजिटरी, करोड़ों निवेशकों का खाता

NSDL की स्थापना 1996 में हुई थी, और यह भारत की पहली डिपॉजिटरी है जिसने इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयर रखने की सुविधा शुरू की थी। आज देश में मौजूद करोड़ों डीमैट खातों में से बड़ी संख्या में अकाउंट्स NSDL के पास रजिस्टर्ड हैं।

कंपनी का मुख्य काम निवेशकों के डीमैट खाते बनाए रखना, ट्रांजैक्शन की रिकॉर्डिंग करना और सेबी द्वारा निर्धारित नियमों के तहत काम करना है।

एनएसई से जुड़ाव और बाजार में भरोसे का नाम

NSDL की विश्वसनीयता का एक बड़ा कारण इसका NSE और अन्य सरकारी बैंकों से गहरा जुड़ाव है। यह डिपॉजिटरी देश के वित्तीय सिस्टम का एक महत्वपूर्ण आधार स्तंभ मानी जाती है।

एनएसई और एसबीआई जैसे बड़े नाम इसके प्रमोटर और शेयरधारक हैं, जिससे निवेशकों के बीच इस डिपॉजिटरी को लेकर भरोसा बना हुआ है।

डिपॉजिटरी सेक्टर में बढ़ती प्रतिस्पर्धा

हाल के वर्षों में CDSL जैसी दूसरी डिपॉजिटरी कंपनियों ने भी अपनी उपस्थिति मजबूत की है। लेकिन NSDL अब भी सबसे पुरानी और बड़ी संस्था बनी हुई है।

इस आईपीओ के बाद NSDL और CDSL के बीच निवेशकों के स्तर पर तुलनात्मक चर्चा और बढ़ सकती है।

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