डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने के साथ पाकिस्तान से तेल डील की बात कही है। पाकिस्तान के पीएम शरीफ ने इसे ऐतिहासिक करार दिया। भारत की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
Trump: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दक्षिण एशिया की राजनीति में हलचल मचा दी है। हाल ही में उन्होंने एक बयान में कहा कि अमेरिका पाकिस्तान के तेल भंडारों को विकसित करेगा और भविष्य में पाकिस्तान भारत को तेल बेच सकता है। इस बयान ने भारत की विदेश नीति और ऊर्जा रणनीति से जुड़े कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
भारत पर 25% टैरिफ और पाकिस्तान से तेल खरीद का इशारा
ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की तैयारी में है। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स जैसे समूहों और अमेरिका के साथ व्यापार असंतुलन की वजह से यह फैसला लिया जा रहा है। इसके साथ ही ट्रंप ने पाकिस्तान के साथ एक संभावित व्यापारिक समझौते का जिक्र किया और दावा किया कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार रहा, तो भारत को एक दिन पाकिस्तान से तेल खरीदना पड़ सकता है।
भारत के लिए संकेत या दबाव की राजनीति?
ट्रंप का यह बयान केवल एक व्यापारिक घोषणा नहीं, बल्कि रणनीतिक दबाव की राजनीति का संकेत माना जा रहा है। विश्लेषकों का मानना है कि यह बयान भारत के प्रति अमेरिकी नाराजगी और ब्रिक्स जैसे प्लेटफॉर्म पर उसकी सक्रियता के जवाब में आया है। अमेरिका की कोशिश है कि भारत पर रणनीतिक दबाव बनाया जाए ताकि वह पश्चिमी व्यापारिक नीतियों के अनुरूप कदम उठाए।
भारत की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं
अब तक भारत सरकार की ओर से ट्रंप के इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि विदेश मंत्रालय के सूत्रों का मानना है कि भारत इस बयान को गंभीरता से ले रहा है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है। भारत की ऊर्जा नीति में आत्मनिर्भरता पर जोर है और सरकार पहले ही तेल आयात के मामले में विविधीकरण की रणनीति अपना रही है।