बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में परबत्ता विधानसभा सीट की लड़ाई इस बार भी काफी रोचक होने वाली है। पिछले दो दशक से इस सीट पर नीतीश कुमार की जेडीयू और लालू प्रसाद यादव की आरजेडी के बीच कांटे की टक्कर रही है।
परबत्ता: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के मद्देनजर परबत्ता विधानसभा सीट पर सियासी लड़ाई की शुरुआत हो गई है। यह सीट पिछले दो दशक से जेडीयू और आरजेडी के बीच कड़ी टक्कर का मैदान रही है। इस बार भी चुनाव रोचक होने के आसार हैं, लेकिन चिराग पासवान और प्रशांत किशोर की भूमिका एनडीए उम्मीदवार के लिए निर्णायक साबित हो सकती है।
परबत्ता सीट का इतिहास
परबत्ता विधानसभा सीट पर सबसे ज्यादा जीत कांग्रेस को मिली है। कांग्रेस ने यहां सात बार जीत दर्ज की, लेकिन 1985 के बाद से पार्टी को इस सीट पर कोई सफलता नहीं मिली। इसके बाद से जेडीयू और आरजेडी के बीच लगातार मुकाबला चलता रहा। पिछले 20 वर्षों में जेडीयू ने पांच बार, आरजेडी ने दो बार, जबकि जनता दल और अन्य छोटे दलों ने इस सीट पर एक-एक बार जीत हासिल की है। इसके अलावा समाजवादी पार्टी और कुछ निर्दलीय उम्मीदवार भी इस सीट पर विजयी रहे हैं।
पिछले चुनावों का आंकड़ा
पिछले चार विधानसभा चुनावों में इस सीट का पलड़ा काफी रोचक रहा है:
- 2000 में आरजेडी ने पहली बार परबत्ता में जीत दर्ज की।
- 2005 में जेडीयू ने लगातार तीन बार चुनाव जीतकर इस सीट को अपना गढ़ बनाने की कोशिश की।
- 2010 में आरजेडी के उम्मीदवार ने बेहद करीबी मुकाबले में 808 वोट के अंतर से जीत हासिल की।
- 2015 में जेडीयू ने फिर जीत दर्ज की और सीट पर अपनी पकड़ मजबूत की।
- 2020 में चिराग पासवान की बगावत के बावजूद जेडीयू ने जीत हासिल की।
- 2024 लोकसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी के उम्मीदवार ने भारी अंतर से जीत दर्ज कर एनडीए को मजबूत संकेत दिए।
इस ऐतिहासिक आंकड़े से यह स्पष्ट होता है कि परबत्ता में जीत हमेशा कड़ी टक्कर और तंग मत अंतर के साथ आई है।
इस बार का सियासी समीकरण
इस बार चुनाव में एनडीए उम्मीदवार के लिए माहौल अपेक्षाकृत अनुकूल माना जा रहा है। इसके पीछे दो मुख्य वजहें हैं:
- चिराग पासवान का प्रभाव: उनकी पार्टी की लोकसभा जीत ने इलाके में एनडीए उम्मीदवार के लिए जनसमर्थन बढ़ाया है।
- प्रशांत किशोर का रणनीतिक योगदान: पीके की रणनीति आरजेडी और अन्य प्रतिद्वंदियों के वोटों को काटने में मदद कर सकती है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन दोनों कारकों के चलते एनडीए उम्मीदवार की जीत की संभावना बढ़ सकती है। परबत्ता विधानसभा सीट बिहार में राजनीतिक महत्व के लिहाज से भी अहम है। यह सीट हमेशा कड़े मुकाबले और निकटतम वोट अंतर के लिए जानी जाती रही है। पिछले चुनावों के आंकड़े बताते हैं कि यहां चुनाव कभी भी एकतरफा नहीं रहे।