मंगलवार, 31 जुलाई 2025 को भारतीय शेयर बाजार की शुरुआत भारी गिरावट के साथ हुई। ग्लोबल संकेत कमजोर थे और अमेरिका की ओर से भारत को लेकर सख्त रुख अपनाने के कारण निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा। BSE सेंसेक्स ने शुरुआती कारोबार में 786 अंक की गिरावट के साथ 80,695 अंक के स्तर को छू लिया, जबकि NSE निफ्टी भी 212 अंक फिसलकर 24,642 के स्तर पर आ गया।
बाजार खुलने के साथ ही दोनों प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में थे और यह रुझान दोपहर तक बना रहा। हालांकि, दिन के अंतिम घंटे में थोड़ी रिकवरी देखने को मिली और सेंसेक्स 279 अंकों की रिकवरी के साथ 81,202 पर बंद हुआ। वहीं, निफ्टी भी गिरावट से उबरते हुए 24,765 पर आ गया, हालांकि अब भी यह 90 अंक नीचे रहा।
अमेरिका की सख्ती से बाजार में हड़कंप
मंगलवार को बाजार की गिरावट के पीछे सबसे बड़ा कारण अमेरिका का नया टैरिफ फैसला माना जा रहा है। अमेरिकी प्रशासन ने भारत से आने वाले कुछ उत्पादों पर 25 प्रतिशत तक का शुल्क लगाने और रूस से कच्चा तेल व हथियार खरीदने पर आर्थिक दंड लगाने की बात कही है।
इस घोषणा ने निवेशकों के मन में अनिश्चितता बढ़ा दी। कई सेक्टर विशेष रूप से रक्षा, एनर्जी और ऑटो सेक्टर इससे प्रभावित हुए। भारत की विदेश नीति को लेकर निवेशकों में भ्रम की स्थिति बनी रही, जिससे बाजार में चौतरफा बिकवाली देखी गई।
सेक्टोरियल परफॉर्मेंस: IT और FMCG सबसे ज्यादा दबाव में
मंगलवार को हुए कारोबार में आईटी, फार्मा और एफएमसीजी सेक्टर में सबसे ज्यादा दबाव देखा गया। इन सेक्टर्स के निवेशकों ने सतर्कता अपनाते हुए मुनाफावसूली की। वहीं, मेटल और ऑटो सेक्टर में थोड़ी स्थिरता देखने को मिली।
- आईटी इंडेक्स लगभग 1.5 प्रतिशत टूट गया
- फार्मा सेक्टर में भी लगभग 1 फीसदी की गिरावट
- एफएमसीजी शेयरों में हल्की बिकवाली
- मेटल और ऑटो में हल्की रिकवरी
टॉप गेनर्स और लूजर्स
दिन के कारोबार में कुछ स्टॉक्स ने अच्छी रिकवरी दिखाई तो कुछ पर लगातार दबाव बना रहा।
आज के टॉप गेनर्स:
- Tata Motors: 3.2% की तेजी
- JSW Steel: 2.7% की बढ़त
- Maruti Suzuki: 2.5% ऊपर
- ONGC: 2.2% की बढ़त
- L&T: 1.9% ऊपर बंद
आज के टॉप लूजर्स:
- Infosys: 2.8% की गिरावट
- HUL: 2.5% नीचे
- Wipro: 2.2% कमजोर
- Asian Paints: 1.9% की गिरावट
- TCS: 1.8% टूटा
मिडकैप और स्मॉलकैप पर भी दिखा दबाव
बाजार की गिरावट केवल ब्लूचिप कंपनियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर भी असर पड़ा। हालांकि दोपहर बाद रिकवरी के साथ इनमें भी कुछ हद तक मजबूती लौटी।
- Nifty Midcap 100 लगभग 0.6% नीचे
- Nifty Smallcap 100 लगभग 0.3% फिसला
निवेशकों ने पूरे सेगमेंट में सतर्कता बरती और नया निवेश करने से फिलहाल दूरी बनाई।
विदेशी बाजारों से भी नहीं मिला सहारा
अंतरराष्ट्रीय संकेत भी मंगलवार को कमजोर रहे। अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड टेंशन और यूरोप में धीमी ग्रोथ के संकेतों ने ग्लोबल निवेशकों को भी असहज कर दिया। इस कारण विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) भारतीय बाजार से कुछ हद तक दूरी बनाते हुए दिखे।
साथ ही, डॉलर के मुकाबले रुपये में भी हल्की कमजोरी आई जिससे आयात आधारित सेक्टर्स जैसे तेल एवं गैस और ऑटो सेक्टर पर असर देखने को मिला।
रुपये में हल्की गिरावट
डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया मंगलवार को 18 पैसे कमजोर होकर 83.36 पर बंद हुआ। अमेरिकी डॉलर की मजबूती और विदेशी निवेशकों की सतर्कता के कारण रुपये में यह गिरावट दर्ज की गई। इससे तेल और गैस जैसी कंपनियों की लागत बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
बाजार का हाल एक नजर में (31 जुलाई 2025)
- Sensex: 81,202 (-279 अंक)
- Nifty: 24,765 (-90 अंक)
- Nifty Bank: 53,925 (-115 अंक)
- Midcap 100: 52,105 (-312 अंक)
- Smallcap 100: 15,765 (-118 अंक)
निवेशकों की नजर अब RBI पॉलिसी पर
अब बाजार की नजर इस सप्ताह के अंत में आने वाली भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति पर है। उम्मीद की जा रही है कि ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, लेकिन आरबीआई के आउटलुक और कमेंट्री को लेकर निवेशकों में उत्सुकता है।
इस बीच अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित रुख पर भी वैश्विक बाजारों की निगाह बनी हुई है।