बिहार के दरभंगा में मंगलवार, 16 सितंबर 2025 को राजनीतिक हलचल तेज हो गई। यूट्यूबर दिलीप सहनी के साथ मंत्री जीवेश कुमार द्वारा कथित मारपीट के मामले ने राज्य की राजनीति में गर्मी ला दी।
दरभंगा: बिहार के दरभंगा में यूट्यूबर दिलीप सहनी के साथ हुई मारपीट के प्रकरण ने राजनीतिक हलचल को तेज कर दिया है। इस घटना के बाद विपक्षी नेताओं ने मंत्री जीवेश कुमार के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर मंगलवार, 16 सितंबर 2025 को दरभंगा के कर्पूरी चौक पर एक दिवसीय महाधरना का आयोजन किया।
इस महाधरना में आरजेडी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी की और जोर देकर कहा कि मंत्री जीवेश को तत्काल गिरफ्तार किया जाए और उनके पद से हटाया जाए। प्रदर्शनकारियों ने मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की भी मांग की।
धरने में क्या हुआ?
दरभंगा में आयोजित महाधरना में पूर्व केंद्रीय मंत्री अली अशरफ फातमी, पूर्व विधायक भोला यादव, पूर्व मंत्री ललित यादव, और पूर्व विधायक ऋषि मिश्रा समेत सैकड़ों RJD कार्यकर्ता शामिल हुए। उन्होंने मंत्री जीवेश कुमार की गिरफ्तारी और पद से बर्खास्तगी की मांग की। आरजेडी नेताओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कहा कि मंत्री का यह व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने इसे जनता और विशेषकर पिछड़े समाज के प्रति अपमानजनक बताया।
पूर्व विधायक और RJD नेता भोला यादव ने कहा, मंत्री जीवेश कुमार ने यूट्यूबर दिलीप सहनी को केवल इसलिए पीटा क्योंकि उन्होंने जर्जर सड़क की स्थिति पर सवाल उठाया। दिलीप सहनी अतिपिछड़ा मल्लाह जाति से आते हैं, लेकिन मंत्री ने सामंतवादी सोच के तहत उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया और गाड़ी में खींचने का प्रयास भी किया।
भोला यादव ने इस घटना की तुलना 1990 के दशक में दलित और पिछड़े समाज के साथ होने वाली सामंतवादी हरकतों से की। उन्होंने कहा कि यह घटना लोकतंत्र और न्याय के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
RJD का आरोप: दोहरे मानक
RJD नेताओं ने सरकार पर दोहरे मानक अपनाने का आरोप लगाया। भोला यादव ने कहा, "जब प्रधानमंत्री की मां के खिलाफ अपशब्द कहे गए थे, तब बीजेपी ने पूरे देश में प्रदर्शन किया। लेकिन अब जब एक अतिपिछड़ा समाज के बेटे और उसकी मां के साथ अभद्रता हुई, तो उसी समाज के मंत्री ने नैतिक आधार पर इस्तीफा क्यों नहीं दिया? आरजेडी का कहना है कि यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत अपमान का नहीं है, बल्कि सामाजिक न्याय और लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ा हुआ है।