गौतम अडानी की अडानी पावर ने भूटान की ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड के साथ 570 मेगावाट वांगछू हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट के लिए डील साइन की है। इस प्रोजेक्ट में 6,000 करोड़ रुपये निवेश होंगे। इसे 2026 में शुरू करके पांच साल में पूरा करने का लक्ष्य है, और यह भारत-भूटान के रिन्यूएबल एनर्जी सहयोग को मजबूत करेगा।
hydro power project: गौतम अडानी की अडानी पावर और भूटान की सरकारी कंपनी ड्रुक ग्रीन पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 570 मेगावाट की वांगछू जलविद्युत परियोजना के लिए शेयरधारक समझौता और पावर परचेज एग्रीमेंट (PPA) साइन किया है। इस प्रोजेक्ट में 6,000 करोड़ रुपये निवेश होंगे। भूटान के प्रधानमंत्री दाशो शेरिंग तोबगे और अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की मौजूदगी में हुए एग्रीमेंट से भारत-भूटान हाइड्रोपावर सहयोग को नई गति मिलेगी, और परियोजना 2026 की पहली छमाही में शुरू होकर पांच साल में पूरी होगी।
वांगछू जलविद्युत प्रोजेक्ट की डिटेल
वांगछू प्रोजेक्ट भूटान के सस्टेनेबल डेवलपमेंट को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इस परियोजना के तहत रिन्यूएबल एनर्जी प्लांट और उससे जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर पर कुल 6,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा। डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है और निर्माण कार्य 2026 की पहली छमाही में शुरू होने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट को पांच साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस परियोजना में अडानी पावर और DGPC BOOT मॉडल के तहत काम करेंगे। इस मॉडल के तहत प्रोजेक्ट का निर्माण, संचालन और ट्रांसफर दोनों देशों के बीच साझा रूप से किया जाएगा।
दोनों देशों के बीच सहयोग
भूटान और भारत के बीच हाइड्रोपावर क्षेत्र में सहयोग नई बात नहीं है। DGPC के मैनेजिंग डायरेक्टर दाशो छेवांग रिनजिन ने बताया कि भारत और भूटान 1960 से हाइड्रोपावर क्षेत्र में साथ काम कर रहे हैं। यह कोलैबोरेशन दोनों देशों के लिए लाभकारी रहा है और भविष्य में भी दोनों देश इसी तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम करेंगे।
भूटान की सरकार 2040 तक 15,000 मेगावाट हाइड्रोपावर और 5,000 मेगावाट सोलर पावर क्षमता विकसित करना चाहती है। अडानी ग्रुप की टेक्निकल और फाइनेंशियल स्ट्रेंथ के साथ, यह नया प्रोजेक्ट तेजी से पूरा होने की उम्मीद है।
प्रोजेक्ट का लाभ
अडानी पावर के सीईओ एसबी ख्यालिया ने बताया कि वांगछू प्रोजेक्ट भूटान की सर्दियों में बिजली की मांग को पूरा करेगा। गर्मियों के मौसम में उत्पन्न बिजली भारत को एक्सपोर्ट की जाएगी। इस तरह, प्रोजेक्ट दोनों देशों के ऊर्जा जरूरतों और आर्थिक लाभ को संतुलित करेगा।
भूटान में हाइड्रोपावर की क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ भारत को अतिरिक्त बिजली एक्सपोर्ट करने का अवसर मिलेगा। इससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा व्यापार को और मजबूती मिलेगी।
अडानी ग्रुप और DGPC का MoU
मई 2025 में अडानी ग्रुप और DGPC के बीच हुए MoU का हिस्सा यह प्रोजेक्ट भी है। इस MoU के तहत भूटान में 5,000 मेगावाट हाइड्रोपावर डेवलपमेंट का प्लान शामिल था। वांगछू प्रोजेक्ट के सफलतापूर्वक लागू होने से भविष्य में अन्य प्रोजेक्ट्स के लिए बेंचमार्क स्थापित होगा।
दोनों कंपनियां अब अगली परियोजनाओं के लिए भी डिस्कशन कर रही हैं। इसका मकसद भविष्य में भूटान में और भी बड़े पैमाने पर रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स को लागू करना है।
प्रोजेक्ट से ऊर्जा उत्पादन और रोजगार बढ़ेगा
इस प्रोजेक्ट में निवेश न केवल ऊर्जा उत्पादन बढ़ाएगा बल्कि रोजगार सृजन और स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में भी मदद करेगा। अडानी ग्रुप की तकनीकी और फाइनेंशियल क्षमताएं इस परियोजना को समय पर और सफलतापूर्वक पूरा करने में सहायक साबित होंगी।
भूटान में इस तरह की बड़ी हाइड्रोपावर परियोजनाएं देश के सतत विकास और ऊर्जा सुरक्षा में अहम भूमिका निभाती हैं। भारत को इस प्रोजेक्ट से बिजली आयात के अवसर मिलेंगे, जिससे दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग और मजबूत होगा।