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हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: 295 मौतें, 316 सड़कें बंद, पर्यटकों और स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ीं

हिमाचल प्रदेश में मानसून का कहर: 295 मौतें, 316 सड़कें बंद, पर्यटकों और स्थानीय लोगों की मुश्किलें बढ़ीं

हिमाचल प्रदेश में मानसूनी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) के अनुसार, प्रदेश में लगातार भारी बारिश जारी है, जिससे कई क्षेत्रों में आपात स्थिति उत्पन्न हो गई है।

शिमला: हिमाचल प्रदेश में लगातार भारी बारिश और भूस्खलन के कारण जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (SDMA) की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में अब तक 316 सड़कें अवरुद्ध हो गई हैं और कई बिजली तथा जलापूर्ति योजनाएं बाधित हुई हैं। मानसून की शुरुआत से अब तक राज्य में 295 मौतें हुई हैं, जिनमें से 151 मौतें सीधे बारिश और भूस्खलन जैसी घटनाओं से हुई हैं।

बारिश और भूस्खलन से जनजीवन प्रभावित

एसडीएमए की रिपोर्ट में सामने आया कि कुल्लू जिले में सबसे अधिक 105 सड़कें बंद हैं, इसके बाद मंडी में 157, कांगड़ा में 23 और चंबा में 4 सड़कें अवरुद्ध हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग-305 (एनएच-305) बालीचौकी और गजदाहर मार्ग भी बंद हैं और वैकल्पिक मार्गों को भी नुकसान हुआ है। बिजली आपूर्ति में सबसे ज्यादा व्यवधान कुल्लू में देखा गया, जहाँ 77 वितरण ट्रांसफार्मर ठप हो गए। मंडी में 15 और कांगड़ा में 6 ट्रांसफार्मर प्रभावित हुए। जलापूर्ति योजनाओं में कुल्लू में 75, मंडी में 43 और लाहौल-स्पीति में 2 योजनाएं प्रभावित हुईं।

एसडीएमए ने बताया कि मरम्मत का काम जारी है, लेकिन लगातार बारिश और बार-बार भूस्खलन के कारण कार्य में बाधा आ रही है। क्षेत्रीय टीमें चौबीसों घंटे अवरुद्ध सड़कों को खोलने, बिजली बहाल करने और जलापूर्ति को पुनः चालू करने में जुटी हुई हैं। साथ ही, जनता से अनावश्यक यात्रा से बचने और मौसम संबंधी चेतावनी का पालन करने की सलाह दी गई है। भूस्खलन-प्रवण क्षेत्रों में विशेष सतर्कता बरतने की अपील की गई है।

अब तक 295 की मौत

बारिश और भूस्खलन से हुई मौतों का विश्लेषण किया गया तो पता चला कि:

  • 10 मौतें भूस्खलन से हुईं
  • 9 मौतें सडन फ्लड (अचानक आई बाढ़) के कारण
  • 17 मौतें बादल फटने से
  • 31 मौतें डूबने के कारण
  • बाकी मौतों में बिजली का झटका, सांप के काटने और दुर्घटनावश गिरने जैसी घटनाएं शामिल हैं
  • सड़क दुर्घटनाओं में भी बढ़ोतरी हुई है। चंबा में 21, मंडी में 22, कांगड़ा में 18 और शिमला में 15 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई।

मंडी, कांगड़ा और कुल्लू में आर्थिक नुकसान

इन जिलों में बारिश और भूस्खलन ने सार्वजनिक और निजी संपत्ति, फसलें और पशुधन को भारी नुकसान पहुँचाया है। यह आर्थिक क्षति राज्य की ग्रामीण और शहरी अर्थव्यवस्था दोनों को प्रभावित कर रही है और स्थानीय निवासियों के जीवन पर दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकती है। पर्यटकों के लिए भी हालात चुनौतीपूर्ण हैं। कई प्रमुख पर्यटक स्थल बंद हैं और सड़क अवरुद्ध होने के कारण ट्रैवल प्लान प्रभावित हुए हैं। प्रशासन ने पर्यटकों से स्थानीय अधिकारियों की सलाह का पालन करने और जोखिम भरे क्षेत्रों से बचने की अपील की है।

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