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इंदौर सड़क हादसा: NO Entry के बावजूद ट्रक घुसा, हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान

इंदौर सड़क हादसा: NO Entry के बावजूद ट्रक घुसा, हाईकोर्ट ने लिया स्वतः संज्ञान
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इंदौर में नो एंट्री के बावजूद ट्रक घुसने से हुए भीषण हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई। हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर कमिश्नर से जवाब तलब किया है।

इंदौर: मध्यप्रदेश के इंदौर में सोमवार को एक भीषण सड़क हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई और दर्जनों लोग घायल हुए। घटना के बाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए मामले की गंभीरता पर चिंता जताई है। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने पुलिस आयुक्त को 23 सितंबर तक कोर्ट में वर्चुअल उपस्थित होकर घटना की विस्तृत जानकारी देने का निर्देश दिया है।

हादसा कैसे हुआ

जानकारी के अनुसार, एयरपोर्ट रोड पर तेज रफ्तार ट्रक ने लगभग एक किलोमीटर तक सड़क पर कोहराम मचाया। ट्रक ने कई वाहनों को टक्कर मारी, जिससे तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। इसके अलावा, एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हुए और उन्हें तुरंत पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया। घायल लोगों में कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

हादसे के समय ट्रक के नो एंट्री वाले मार्ग पर प्रवेश करने की वजह से यह घटना और भी गंभीर हुई। यह सवाल भी उठता है कि ट्रक कैसे नो एंट्री वाले क्षेत्र में प्रवेश कर पाया। इसी को लेकर कोर्ट ने पुलिस आयुक्त से स्पष्टीकरण मांगा है।

नो एंट्री नियम उल्लंघन पर कोर्ट ने कार्रवाई शुरू की

यह खबर अखबारों और मीडिया में प्रकाशित होने के बाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया। चीफ जस्टिस संजीव सचदेवा ने मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने का आदेश दिया। युगलपीठ ने निर्देश दिया कि आगामी सुनवाई में पुलिस आयुक्त वर्चुअल माध्यम से उपस्थित हों और स्पष्ट करें कि नो एंट्री नियम का पालन क्यों नहीं किया गया और ट्रक शहर में कैसे घुस पाया।

उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली ने कोर्ट को बताया कि सरकार और प्रशासन ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और प्रभावित परिवारों को न्याय दिलाने तथा भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

सड़क हादसों पर प्रशासन को हाईकोर्ट की चेतावनी

युगलपीठ ने प्रशासन से कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सभी जरूरी सुरक्षा उपायों को लागू किया जाए। कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया कि सड़क सुरक्षा नियमों और नो एंट्री क्षेत्रों की निगरानी को सख्ती से लागू किया जाए। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि प्रशासन को इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करनी होगी और सड़क हादसों से बचाव के लिए योजना तैयार करनी होगी।

हाईकोर्ट ने सड़क हादसों पर नजर रखने और दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए प्रशासनिक जिम्मेदारी को भी दोहराया। इसके तहत ट्रक और भारी वाहन मार्ग प्रबंधन, गति नियंत्रण और निगरानी उपकरणों की स्थापना को जरूरी बताया गया।

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