हर घर तिरंगा अभियान के तहत राष्ट्रीय ध्वज फहराते समय और उसे उतारते वक्त कुछ अहम नियमों का पालन जरूरी है। इससे ध्वज का सम्मान बना रहता है।
Independence Day 2025: हर साल की तरह इस बार भी 15 अगस्त 2025 को भारत अपना स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। यह अवसर सिर्फ राष्ट्रीय गर्व का ही नहीं, बल्कि देशभक्ति की भावना को जन-जन तक पहुँचाने का भी होता है। भारत सरकार के "हर घर तिरंगा" अभियान ने आम नागरिकों को अपने घरों में राष्ट्रीय ध्वज फहराने की अनुमति दी है, जिससे देश की एकता और अखंडता को दर्शाया जा सके।
इस अभियान का उद्देश्य तिरंगे के प्रति सम्मान और गर्व की भावना को और अधिक मजबूत करना है। लेकिन तिरंगे को फहराने और फिर उसे उतारने के बाद किस प्रकार से रखना है, इसके भी निश्चित नियम होते हैं, जिनका पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है। भारत सरकार और ग्रामीण विकास मंत्रालय (MoRD) ने इन नियमों को स्पष्ट रूप से जनता तक पहुँचाया है।
हर घर तिरंगा क्या है?
"हर घर तिरंगा" एक सरकारी पहल है, जो लोगों को यह प्रेरणा देती है कि वे अपने घरों, दुकानों और संस्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराएं। यह अभियान 2022 से शुरू किया गया था और अब यह स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर व्यापक स्तर पर मनाया जाता है।
इस वर्ष 2025 में, देशभर में नागरिक तिरंगा फहराकर अपनी देशभक्ति का प्रदर्शन करेंगे। लेकिन इस सम्मान के साथ यह भी जरूरी है कि राष्ट्रीय ध्वज का पूरी गरिमा और नियमों के अनुसार उपयोग हो।
राष्ट्रीय ध्वज फहराने और उतारने के नियम क्यों जरूरी हैं?
राष्ट्रीय ध्वज किसी भी देश की गरिमा और पहचान का प्रतीक होता है। भारत के तिरंगे की तीन रंगों वाली पट्टियाँ और अशोक चक्र एकता, त्याग, शांति और प्रगति के प्रतीक हैं। ऐसे में इसका सही उपयोग करना हमारी जिम्मेदारी बनती है।
अगर ध्वज को फहराने और उतारने में लापरवाही बरती जाती है या इसका अनुचित उपयोग होता है, तो यह अपमान की श्रेणी में आता है। इसी को रोकने के लिए भारत सरकार ने विशेष दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
राष्ट्रीय ध्वज को फहराने के बाद कैसे उतारें?
ग्रामीण विकास मंत्रालय (Ministry of Rural Development) द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' (पूर्व में Twitter) पर साझा किए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार, तिरंगे को सम्मानपूर्वक फहराने के बाद उसके सुरक्षित भंडारण की प्रक्रिया इस प्रकार है:
1. तिरंगे को क्षैतिज रूप में रखेंध्वज को समतल सतह पर क्षैतिज रूप से रखें ताकि किसी प्रकार की सिलवट या झुकाव न आए।
2. किनारों को अंदर की ओर मोड़ेंध्वज के केसरिया और हरे रंग की पट्टियों को बीच की सफेद पट्टी के नीचे इस प्रकार मोड़ें कि सिर्फ अशोक चक्र दिखाई दे।
3. सफेद पट्टी को इस तरह मोड़ें कि सिर्फ चक्र दिखेमोड़े हुए झंडे को इस तरह से मोड़ें कि उसमें अशोक चक्र ही ऊपर रहे और ध्वज के अन्य हिस्से अंदर समाहित हो जाएँ।
4. हाथों में रखें और सुरक्षित स्थान पर रखेंअब इस मोड़े हुए तिरंगे को हाथों पर लेकर एक साफ और सुरक्षित स्थान पर रखें। ध्यान रहे कि इसे कहीं भी ऐसे न रखें जहाँ वह गिर जाए या अपमानित हो।
क्यों जरूरी है तिरंगे को मोड़कर रखना?
तिरंगे को मोड़कर सुरक्षित रखने से उसकी गरिमा बनी रहती है और यह दोबारा उपयोग के लिए उपयुक्त रहता है। इससे आप वही तिरंगा 26 जनवरी या अगली 15 अगस्त को फिर से उपयोग कर सकते हैं। यह न केवल आर्थिक रूप से लाभकारी है बल्कि पर्यावरण के प्रति भी उत्तरदायी कदम है।
क्या तिरंगे को धोया या दोबारा इस्तरी किया जा सकता है?
भारत सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार, कपड़े से बने झंडे को यदि वह गंदा हो गया है, तो उसे साफ कर सकते हैं, लेकिन पूरी सावधानी और सम्मान के साथ। साथ ही तिरंगे को कभी भी जमीन पर नहीं गिराना चाहिए और न ही इसे किसी अशुद्ध स्थान पर रखना चाहिए।
Independence Day 2025: कौनसा स्वतंत्रता दिवस होगा यह?
भारत इस वर्ष 15 अगस्त 2025 को अपना 79वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा, जबकि यह 78वीं वर्षगांठ होगी। इस दिन देशभर में सरकारी, गैर-सरकारी संस्थानों और आम नागरिकों द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर लाल किला से राष्ट्र को संबोधित करेंगे और ध्वजारोहण करेंगे।
राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण तथ्य
- तिरंगे का आकार 3:2 का होना चाहिए यानी लंबाई और चौड़ाई का अनुपात।
- तिरंगे के रंग – केसरिया (त्याग), सफेद (शांति) और हरा (समृद्धि)।
- बीच में बना अशोक चक्र नीले रंग का होता है, जिसमें 24 तीलियां होती हैं।
Flag Code of India के तहत जरूरी नियम
भारत में तिरंगे के उपयोग को लेकर 2002 में “Flag Code of India” जारी किया गया था। इसके अनुसार:
- तिरंगा कभी भी उल्टा नहीं फहराया जाना चाहिए।
- झंडे को जमीन या जल में नहीं डालना चाहिए।
- झंडे को कभी भी शरीर के किसी हिस्से से नहीं ढकना चाहिए।
- रात के समय तिरंगे को फहराने की अनुमति तभी है जब उसे पर्याप्त रोशनी में रखा गया हो।