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सोमवार को शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे H-1B फीस, GST और ट्रेड वार्ता, जानें इस हफ्ते का Market Outlook

सोमवार को शेयर बाजार की दिशा तय करेंगे H-1B फीस, GST और ट्रेड वार्ता, जानें इस हफ्ते का Market Outlook

इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार की दिशा अमेरिका में H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी, 22 सितंबर से लागू होने वाली GST राहत और भारत-अमेरिका ट्रेड टॉक्स पर निर्भर करेगी। IT सेक्टर पर H-1B फीस वृद्धि दबाव डाल सकती है, जबकि रोजमर्रा की वस्तुओं पर GST कटौती से ग्राहकों को फायदा मिलेगा। निवेशक रुपये की चाल, कच्चे तेल की कीमत और एफआईआई गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे।

Market Outlook: इस हफ्ते भारतीय शेयर बाजार कई महत्वपूर्ण घटनाओं से प्रभावित होगा। अमेरिका ने H-1B वीजा एप्लीकेशन फीस को 1 लाख डॉलर कर दिया, जिससे 285 अरब डॉलर के भारतीय IT सेक्टर पर दबाव बढ़ सकता है। वहीं, 22 सितंबर से लगभग 375 वस्तुओं और सेवाओं पर घटे हुए GST रेट लागू होंगे, जिससे ग्राहकों को राहत मिलेगी। इसके अलावा, वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल अमेरिका में ट्रेड वार्ता में हिस्सा लेंगे। रुपये की चाल, कच्चे तेल की कीमतें और एफआईआई की खरीद-फरोख्त भी बाजार की दिशा तय करेंगी।

आईटी सेक्टर पर H-1B वीजा फीस का दबाव

अमेरिका ने शुक्रवार को घोषणा की कि एच-1बी वीजा एप्लीकेशन फीस को 1 लाख डॉलर तक बढ़ा दिया गया है। इस फैसले से भारत के 285 अरब डॉलर के आईटी सेक्टर पर दबाव बढ़ सकता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 70 प्रतिशत से ज्यादा एच-1बी वीजा भारतीय आईटी पेशेवरों को ही मिलते हैं।

नैसकॉम ने चेतावनी दी है कि इस कदम से ऑनशोर प्रोजेक्ट्स की निरंतरता प्रभावित हो सकती है। टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), इन्फोसिस और विप्रो जैसी बड़ी कंपनियों की आय पर सीधा असर पड़ सकता है। इस वजह से निवेशक आईटी शेयरों में सतर्क रह सकते हैं।

विशेषज्ञों का मानना है कि फीस में यह वृद्धि कर्मचारियों की लागत बढ़ा सकती है और ग्राहकों की मांग पर असर डाल सकती है। ऐसे में आईटी कंपनियों की लाभप्रदता पर दबाव बढ़ने की संभावना है।

GST में कटौती से बाजार और ग्राहकों को राहत

सोमवार से लगभग 375 वस्तुओं और सेवाओं पर घटे हुए जीएसटी रेट लागू होंगे। इसमें रोजमर्रा की जरूरत के सामान, दवाइयां, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल शामिल हैं। नवरात्र के पहले दिन से लागू यह फैसला ग्राहकों के लिए राहत का संदेश लेकर आया है।

विश्लेषकों का कहना है कि जीएसटी में कटौती से कंपनियों को भी लाभ मिलेगा क्योंकि उन्हें कम टैक्स देना होगा और कीमतों में गिरावट के कारण बिक्री बढ़ सकती है। इससे FMCG, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऑटोमोबाइल सेक्टर में हलचल देखने को मिल सकती है।

भारत-अमेरिका ट्रेड वार्ता पर नजर

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल 22 सितंबर को अमेरिका रवाना होंगे और वहां ट्रेड वार्ता की अगुवाई करेंगे। इस दौरान दोनों देशों के बीच आपसी फायदे वाले ट्रेड एग्रीमेंट को लेकर बातचीत आगे बढ़ाई जाएगी।

बीते 16 सितंबर को हुई वार्ता में कई मुद्दों पर सकारात्मक चर्चा हुई थी। विश्लेषक मानते हैं कि अगर वार्ता सकारात्मक परिणाम देती है, तो बाजार को मजबूती मिल सकती है और निवेशकों का भरोसा बढ़ सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण कारक

विश्लेषकों का कहना है कि इस हफ्ते बाजार की नजर रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर भी रहेगी। विदेशी निवेशकों की गतिविधियां भी अहम होंगी। शुक्रवार को एफआईआई ने 390.74 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।

वैश्विक स्तर पर निवेशकों का ध्यान अमेरिकी अर्थव्यवस्था के आंकड़ों जैसे जीडीपी, मैन्युफैक्चरिंग व सर्विस पीएमआई और पीसीई प्राइस इंडेक्स पर रहेगा। इन आंकड़ों से अमेरिकी अर्थव्यवस्था की स्थिति और निवेशकों का रुख तय हो सकता है।

पिछला हफ्ता और बाजार की स्थिति

पिछले हफ्ते सेंसेक्स 721.53 अंक यानी 0.88 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। निफ्टी ने 213.05 अंक यानी 0.84 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। इस तेजी के बावजूद निवेशक इस हफ्ते H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी और ट्रेड वार्ता के प्रभाव पर नजर रखेंगे।

विश्लेषकों का मानना है कि जीएसटी में कटौती से उपभोक्ता खपत बढ़ सकती है, लेकिन आईटी सेक्टर और वैश्विक घटनाओं से बाजार में अस्थिरता बनी रह सकती है।

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