बालाजी वेफर्स में हिस्सेदारी खरीदने की होड़ मची है। ITC, PepsiCo, TPG और Temasek जैसी कंपनियां 40,000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन पर 10% तक हिस्सा खरीदना चाहती हैं। रीजनल स्नैक ब्रांड्स की बढ़ती मांग के बीच यह डील बड़ी कंपनियों को मार्केट शेयर और लोकल पकड़ मजबूत करने का मौका दे सकती है।
Balaji webers: देश के स्नैक मार्केट में रीजनल ब्रांड्स की बढ़ती मांग ने बड़ी कंपनियों का ध्यान खींचा है। इसी कड़ी में ITC, PepsiCo और वैश्विक प्राइवेट इक्विटी फर्म्स TPG व Temasek, गुजरात की मशहूर कंपनी बालाजी वेफर्स में हिस्सेदारी खरीदने की दौड़ में हैं। करीब 40,000 करोड़ रुपये की वैल्यूएशन पर 10% हिस्सेदारी की बातचीत चल रही है। इससे बड़ी कंपनियां लोकल मार्केट में पैठ बढ़ाकर रीजनल ब्रांड्स से मिल रही कड़ी टक्कर का जवाब देना चाहती हैं।
बालाजी वेफर्स में निवेश को लेकर बढ़ी हलचल
Economic Times की रिपोर्ट के मुताबिक, PepsiCo बालाजी वेफर्स में हिस्सेदारी खरीदने के लिए स्ट्रैटेजिक निवेशकों और प्राइवेट इक्विटी फर्म्स के साथ बातचीत कर रही है। कुछ निवेशक 10% से ज्यादा हिस्सेदारी चाहते हैं, लेकिन अभी बातचीत शुरुआती दौर में है। यह पहली बार नहीं है जब PepsiCo ने बालाजी में दिलचस्पी दिखाई है। 2013 में भी उसने 49-51% हिस्सेदारी खरीदने की कोशिश की थी, लेकिन उस समय विरानी परिवार इस प्रस्ताव से सहमत नहीं हुआ था।
छोटे ब्रांड्स का बढ़ा दबदबा
भारत के स्नैक मार्केट में अब छोटे और रीजनल ब्रांड्स का दबदबा बढ़ता जा रहा है। ITC का स्नैक ब्रांड Bingo बड़ी कंपनियों और छोटे ब्रांड्स दोनों से कड़ी टक्कर झेल रहा है। Bingo की पहचान अभी भी Aashirvaad Atta और Sunfeast Biscuits जैसे ITC के बड़े ब्रांड्स के मुकाबले छोटी है। वहीं PepsiCo, जो वेस्टर्न स्नैक्स जैसे Chips और Nachos में लीडर रही है, पारंपरिक भारतीय स्नैक्स में रीजनल ब्रांड्स से पीछे होती जा रही है।
उद्योग से जुड़े एक जानकार का कहना है कि स्नैक मार्केट अब पूरी तरह से बदल चुका है। स्थानीय स्वाद और परंपरागत उत्पादों की मांग तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बालाजी जैसे रीजनल ब्रांड के साथ साझेदारी करना PepsiCo के लिए एक मजबूत कदम साबित हो सकता है।
बालाजी वेफर्स की मजबूत पकड़
बालाजी वेफर्स गुजरात से शुरू हुई एक कंपनी है, जिसने अपने भुजिया, नमकीन और स्नैक प्रोडक्ट्स से बाजार में खास पहचान बनाई है। कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 में 5,453.7 करोड़ रुपये का रेवेन्यू दर्ज किया। यह आंकड़ा पिछले साल की तुलना में 11% ज्यादा है। वहीं कंपनी का टैक्स के बाद का प्रॉफिट 41% बढ़कर 578.8 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
यह ग्रोथ दिखाती है कि बालाजी की पकड़ न सिर्फ गुजरात में बल्कि पूरे देश में तेजी से बढ़ रही है। यही वजह है कि बड़ी कंपनियां अब इसमें हिस्सेदारी खरीदने की होड़ में उतर गई हैं।
पैकेज्ड फूड सेक्टर का बढ़ता आकार
IMARC Group की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में भारत का स्नैक मार्केट 42,694.9 करोड़ रुपये का था। आने वाले समय में यह मार्केट तेजी से बढ़कर 2032 तक 95,521.8 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। हाल ही में मार्च में Haldiram Snacks में वैश्विक निवेशकों ने 10 अरब डॉलर से ज्यादा के वैल्यूएशन पर 10% हिस्सेदारी खरीदी थी। यह अब तक पैकेज्ड फूड सेक्टर की सबसे बड़ी डील मानी जा रही है।
इस ट्रेंड को देखते हुए विशेषज्ञ मानते हैं कि आने वाले सालों में भारतीय स्नैक मार्केट में और बड़े सौदे देखने को मिल सकते हैं।
बड़ी कंपनियों के लिए क्यों अहम है बालाजी
PepsiCo और ITC जैसे दिग्गज कंपनियों के लिए बालाजी में निवेश सिर्फ हिस्सेदारी खरीदने का मामला नहीं है, बल्कि यह रणनीतिक कदम है। बालाजी के साथ जुड़कर ये कंपनियां भारतीय उपभोक्ताओं के बीच अपनी पकड़ मजबूत कर सकती हैं। खासकर उन इलाकों में जहां पारंपरिक स्नैक्स की मांग वेस्टर्न स्नैक्स की तुलना में कहीं ज्यादा है।
ITC को अपने स्नैक ब्रांड Bingo को मजबूत करने के लिए यह कदम कारगर हो सकता है। वहीं PepsiCo के लिए यह मौका है कि वह भारतीय स्नैक बाजार में अपनी पकड़ दोबारा मजबूत कर सके।