वित्त वर्ष 2024-25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 है। बढ़ते पोर्टल ट्रैफिक और तकनीकी गड़बड़ियों के कारण टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सरकार से एक और डेडलाइन एक्सटेंशन की मांग कर रहे हैं। सही फॉर्म और जानकारी न देने पर भारी जुर्माना या कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।
ITR filing 2025: अगर आपने वित्त वर्ष 2024-25 का ITR अभी तक फाइल नहीं किया है तो 15 सितंबर 2025 तक समय है। बढ़ते लॉगिन ट्रैफिक और तकनीकी दिक्कतों के कारण टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स सरकार से डेडलाइन बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। गलत फॉर्म भरने या जानकारी गलत देने पर जुर्माना या कानूनी कार्रवाई हो सकती है। फिलहाल सरकार ने कोई नई घोषणा नहीं की है।
बढ़ती तकनीकी दिक्कतें और लॉगिन ट्रैफिक
इनकम टैक्स पोर्टल पर हाल के हफ्तों में तकनीकी दिक्कतें देखने को मिली हैं। रिफंड स्टेटस अपडेट में देरी और आईटीआर प्रोसेसिंग में समय लगना कई करदाताओं के लिए परेशानी का कारण बन रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि समय कम होने की स्थिति में लोग गलत फॉर्म भर सकते हैं या गलत जानकारी देने की संभावना बढ़ जाती है। इससे भविष्य में नोटिस या जुर्माने का खतरा भी रहता है।
लाइवमिंट की रिपोर्ट के अनुसार, कई टैक्सपेयर्स अब राहत की उम्मीद में हैं कि सरकार 15 सितंबर की डेडलाइन को आगे बढ़ा सकती है। हालांकि, अभी तक सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक संकेत नहीं मिले हैं और न ही कोई नई घोषणा की गई है।
कौन सा फॉर्म भरना है
ITR फॉर्म करदाता की आय और पेशे के हिसाब से अलग-अलग होते हैं। वेतनभोगी कर्मचारी आमतौर पर ITR-1 या ITR-2 फॉर्म भरते हैं। व्यवसाय और पेशेवर करदाता ITR-3 या ITR-4 फॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। वहीं कंपनियों, लिमिटेड लायबिलिटी पार्टनरशिप (LLP) और फर्म के लिए ITR-5, ITR-6 और ITR-7 फॉर्म निर्धारित हैं। गलत फॉर्म भरने पर रिटर्न अमान्य हो सकता है और रिफंड में देरी भी हो सकती है।
पेनाल्टी और कानूनी कार्रवाई
ITR फाइल करते समय गलत जानकारी देने से जुर्माना और लीगल कार्रवाई का खतरा होता है। अगर कम आय दिखाने की स्थिति में आयकर विभाग देय कर का 50 प्रतिशत तक जुर्माना लगा सकता है। वहीं जानबूझकर गलत जानकारी देने पर जुर्माना 200 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। इसके अलावा, जानबूझकर टैक्स चोरी का मामला सामने आने पर आयकर विभाग अभियोजन प्रक्रिया भी शुरू कर सकता है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्सपेयर्स का कहना है कि पोर्टल पर लॉगिन करने में भीड़ और तकनीकी गड़बड़ियों की वजह से कई लोग समय पर रिटर्न फाइल नहीं कर पा रहे हैं। यदि डेडलाइन बढ़ाई जाती है तो यह करदाताओं को राहत दे सकती है और गलतियों की संभावना को भी कम कर सकती है। विशेषज्ञों का सुझाव है कि पोर्टल की तकनीकी समस्याओं को जल्द हल करना और समय बढ़ाना दोनों ही जरूरी हैं।
पिछले वर्षों में एक्सटेंशन का अनुभव
आयकर विभाग कई बार विशेष परिस्थितियों में डेडलाइन बढ़ा चुका है। तकनीकी दिक्कतें, प्राकृतिक आपदा या महामारी जैसी स्थिति में सरकार ने करदाताओं को अतिरिक्त समय देने की सुविधा दी थी। इस साल भी टैक्सपेयर्स इसी उम्मीद में हैं कि सरकार स्थिति को देखते हुए एक्सटेंशन दे सकती है।
समय पर ITR फाइल करना कितना जरूरी
ITR फाइल करने में देरी से बचना करदाताओं के लिए जरूरी है। समय पर फाइल करने से न केवल पेनाल्टी से बचा जा सकता है बल्कि रिफंड भी समय पर मिल सकता है। यदि कोई करदाता समय पर फॉर्म नहीं भरता या गलत जानकारी देता है तो भविष्य में नोटिस आने और जुर्माने का खतरा रहता है।