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झावेरी बाजार: 160 साल पुराना भारत का सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट, जानें इसकी खासियतें

झावेरी बाजार: 160 साल पुराना भारत का सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट, जानें इसकी खासियतें

भारत का सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट मुंबई का झावेरी बाजार है, जो 160 साल पुराना है और पूरे देश में सोने की सप्लाई करता है। यहां थोक में खरीदारी के कारण कीमतें कम पड़ सकती हैं, लेकिन रिटेल पर कोई खास छूट नहीं होती। दक्षिण भारत में त्रिशूर को 'गोल्ड कैपिटल' कहा जाता है।

India's Largest Gold Market: मुंबई का झावेरी बाजार भारत और एशिया का सबसे बड़ा सोने का बाजार है, जिसकी शुरुआत 1864 में त्रिभुवनदास झवेरी ने की थी। यह बाजार पूरे देश में सोने और आभूषणों की सप्लाई करता है। थोक खरीदारों को कीमतों में लाभ मिलता है, जबकि रिटेल में मार्केट रेट्स लागू होते हैं। केरल का त्रिशूर शहर 'गोल्ड कैपिटल' के रूप में जाना जाता है, जहां भारी मात्रा में आभूषण बनते हैं और दक्षिण भारत में सोने के व्यापार का मुख्य केंद्र है।

झावेरी बाजार: देश का सबसे बड़ा सोने का बाजार

देश का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध सोने का बाजार मुंबई के झावेरी बाजार को माना जाता है। इसे पूरे एशिया का भी सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट कहा जाता है। झावेरी बाजार 160 साल से भी ज्यादा पुराना है। इसकी स्थापना 1864 में मशहूर सर्राफा व्यापारी त्रिभुवनदास झवेरी ने की थी। इसी वजह से इसे झावेरी बाजार का नाम मिला।

झावेरी बाजार सिर्फ गहनों का व्यापार ही नहीं करता, बल्कि यहां हीरे और अन्य कीमती पत्थरों का कारोबार भी होता है। देश के लगभग हर कोने में सोने की सप्लाई इसी बाजार से होती है।

क्या झावेरी बाजार में सस्ता सोना मिलता है?

झावेरी बाजार में थोक में सोने और आभूषण की खरीदारी होती है। थोक में बड़ी मात्रा में खरीदारी के कारण कीमतें अपेक्षाकृत कम हो सकती हैं। हालांकि, आम रिटेल ग्राहक के लिए यहां कीमतें मार्केट रेट्स पर आधारित होती हैं। गहनों की क्वॉलिटी और डिजाइन दोनों ही यहां बेहतर माने जाते हैं। इसलिए झावेरी बाजार में निवेश करने वाले और व्यापारी बड़ी मात्रा में खरीदारी के लिए आते हैं।

झावेरी बाजार की खासियत

झावेरी बाजार में सिर्फ सोने का व्यापार ही नहीं, बल्कि उच्च गुणवत्ता वाले गहनों का निर्माण और बिक्री भी होती है। यहां की खासियत यह है कि यह बाजार ऐतिहासिक रूप से स्थापित है और यहां की ट्रेडिंग प्रणाली वर्षों से व्यवस्थित रही है।

यहां गहनों के डिजाइन अद्वितीय होते हैं और ग्राहक को विकल्प भी काफी अधिक मिलते हैं। इस बाजार में सौदे अक्सर बड़े पैमाने पर होते हैं, जिससे थोक व्यापारियों और बडे़ खरीदारों को फायदा होता है।

केरल का त्रिशूर: गोल्ड कैपिटल ऑफ इंडिया

केरल के त्रिशूर शहर को देश का 'गोल्ड कैपिटल' कहा जाता है। यह शहर सोने के व्यापार और आभूषण निर्माण का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। त्रिशूर में कई बड़े कारखाने और कारीगर मौजूद हैं, जो भारी मात्रा में सोने के आभूषण तैयार करते हैं।

त्रिशूर दक्षिण भारत में सोने के व्यापार का प्रमुख केंद्र है। यहां से तैयार आभूषण पूरे दक्षिण भारत और कई अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी सप्लाई किए जाते हैं।

भारत के अन्य प्रमुख गोल्ड मार्केट

मुंबई और त्रिशूर के अलावा, भारत के अन्य प्रमुख सोने के बाजारों में महाराष्ट्र का जलगांव, मध्य प्रदेश का रतलाम और दिल्ली का सर्राफा बाजार शामिल हैं। ये बाजार भी सोने के थोक और खुदरा व्यापार के लिए मशहूर हैं। जलगांव में सोने के आभूषण और रतलाम में सर्राफा व्यापार काफी सक्रिय है।

भारत में सोने की मांग हमेशा उच्च रही है। यह सिर्फ निवेश का साधन नहीं, बल्कि शादी, त्योहार और धार्मिक अवसरों के लिए भी जरूरी है। भारत में हर साल लाखों किलो सोना आयात किया जाता है। इसके जरिए गहने, आभूषण और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बनाए जाते हैं।

सोने की कीमतें वैश्विक बाजार और घरेलू मार्केट रेट पर निर्भर करती हैं। थोक बाजार में बड़ी खरीदारी करने पर कुछ हद तक कीमतों में फायदा मिल सकता है।

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