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Mazagon Dock Share News: विदेशी डील से 40% की तेजी और नई ग्रोथ की उम्मीद

Mazagon Dock Share News: विदेशी डील से 40% की तेजी और नई ग्रोथ की उम्मीद

पिछले छह महीनों में Mazagon Dock Shipbuilders के शेयरों में करीब 40% की जबरदस्त तेजी देखने को मिली है। हाल ही में एक अन्य कंपनी के अधिग्रहण की खबर सामने आने के बाद शुक्रवार को स्टॉक में तेज़ उछाल दर्ज किया गया

शेयर बाजार में शुक्रवार को एक बार फिर डिफेंस सेक्टर के स्टॉक्स ने तेज रफ्तार पकड़ी। खासकर मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड यानी MDL के शेयरों में जबरदस्त तेजी देखी गई। कंपनी की ऑर्डर बुक 32,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुकी है और बीते छह महीनों में इसके शेयर ने करीब 40 प्रतिशत का रिटर्न दिया है। कंपनी की एक विदेशी अधिग्रहण डील के चलते निवेशकों की दिलचस्पी फिर से बढ़ गई है।

शेयर में फिर आई खरीदारी, 2 फीसदी की तेजी के साथ क्लोजिंग

आज के ट्रेडिंग सेशन में MDL का शेयर 2 फीसदी से ज्यादा की तेजी के साथ 3,188 रुपये के स्तर पर बंद हुआ। कंपनी का मौजूदा मार्केट कैप 1.28 लाख करोड़ रुपये है। बीते छह महीनों में इसने करीब 40 फीसदी तक का रिटर्न दिया है। कंपनी की बढ़ती ऑर्डर बुक और विदेशी विस्तार की खबर ने इसे शेयर बाजार का फोकस बना दिया है।

कोलंबो डॉकयार्ड का अधिग्रहण तय, 452 करोड़ की डील

मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स ने शुक्रवार को ऐलान किया कि वह श्रीलंका की कंपनी कोलंबो डॉकयार्ड पीएलसी (CDPLC) में 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी। इस अधिग्रहण पर लगभग 52.96 मिलियन अमेरिकी डॉलर यानी करीब 452 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। यह निवेश रणनीतिक दृष्टिकोण से किया जा रहा है ताकि कंपनी अपने वैश्विक नेटवर्क को मजबूत कर सके और रिसर्च एंड डेवलपमेंट को और उन्नत बनाया जा सके।

यह अधिग्रहण मौजूदा बहुलांश शेयरधारक ओनोमिची डॉकयार्ड कंपनी लिमिटेड से होगा और इसमें प्राथमिक सदस्यता के साथ-साथ द्वितीयक शेयर अधिग्रहण भी शामिल है। इस पूरी प्रक्रिया को अगले 4 से 6 महीनों के भीतर पूरा करने की योजना है।

CDPLC: श्रीलंका की प्रतिष्ठित कंपनी

CDPLC की स्थापना 14 जून 1974 को हुई थी और यह कंपनी श्रीलंका के कानूनों के तहत पब्लिक लिमिटेड कंपनी के रूप में रजिस्टर्ड है। कंपनी मुख्य रूप से शिपबिल्डिंग और शिप रिपेयरिंग में लगी हुई है। 31 दिसंबर 2024 को समाप्त वित्त वर्ष में इसका समेकित कारोबार LKR 25,447 मिलियन रहा और शुद्ध संपत्ति LKR 5,311 मिलियन थी। इसके अलावा पिछले सालों में भी इसका प्रदर्शन लगातार बेहतर रहा है।

नवरत्न का दर्जा, कर्ज मुक्त स्थिति

MDL को हाल ही में भारत सरकार की ओर से 'नवरत्न' का दर्जा मिला है। कंपनी पूरी तरह से कर्ज मुक्त है और 31 मार्च 2025 तक इसकी ऑर्डर बुक 32,260 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है। कंपनी ने 1960 से अब तक 800 से ज्यादा जहाजों का निर्माण किया है, जिसमें वॉरशिप, सबमरीन, पैसेंजर और कार्गो जहाज शामिल हैं। इस अनुभव और तकनीकी कुशलता के चलते कंपनी का नाम डिफेंस सेक्टर में सबसे आगे गिना जाता है।

शेयर का मल्टीबैगर रिटर्न

MDL के शेयर ने बीते 3 वर्षों में 2400 फीसदी से अधिक का रिटर्न दिया है, जो इसे एक मल्टीबैगर स्टॉक की कैटेगरी में ले आता है। इसका 52 हफ्तों का लो 1,917.95 रुपये रहा है और मौजूदा भाव उस स्तर से करीब 66 फीसदी ऊपर है। इसका मतलब है कि इस स्टॉक में निवेश करने वालों को शानदार रिटर्न मिला है और अभी भी इसमें संभावनाएं बनी हुई हैं।

डिफेंस सेक्टर में हो रही मजबूत गतिविधियां

पिछले कुछ सालों से भारत सरकार मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के तहत डिफेंस प्रोजेक्ट्स पर खास जोर दे रही है। इसका सीधा फायदा PSU कंपनियों को मिल रहा है, खासकर उन कंपनियों को जो जहाज निर्माण, हथियार प्रणाली और रक्षा से जुड़ी परियोजनाओं में काम कर रही हैं। मझगांव डॉक उन्हीं में से एक है, जिसे लगातार नए ऑर्डर्स मिल रहे हैं।

बाजार में बनी हुई है तेजी

आज शेयर बाजार में भी पॉजिटिव मूड बना रहा। निफ्टी ने 25,654 का दिन का ऊपरी स्तर छुआ और दिन के अंत में 89 अंकों की बढ़त के साथ 25,638 पर बंद हुआ। डिफेंस स्टॉक्स, ऑटो और इंफ्रास्ट्रक्चर शेयरों में खरीदारी का माहौल रहा। मझगांव डॉक के अलावा HAL, Bharat Dynamics, Cochin Shipyard जैसे स्टॉक्स में भी निवेशकों ने दिलचस्पी दिखाई।

स्टॉक में आगे भी दिख सकता है उछाल

ब्रोकरेज हाउसेज़ और एनालिस्ट्स का मानना है कि मझगांव डॉक में अभी भी तेजी बनी रह सकती है। कंपनी का कर्जमुक्त रहना, मजबूत ऑर्डर बुक, अंतरराष्ट्रीय विस्तार की रणनीति और डिफेंस सेक्टर में बढ़ती मांग इसे एक मजबूत उम्मीदवार बनाती है। विदेशी अधिग्रहण से कंपनी की पहुंच भी नई मार्केट्स तक बनेगी, जिससे इसके मुनाफे और कारोबार दोनों में विस्तार की उम्मीद की जा रही है।

इस तरह, मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड एक बार फिर निवेशकों की नजरों में आ गई है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय फ्रंट पर इसकी रणनीति साफ है: विस्तार, मजबूती और तकनीक में बढ़त। यही वजह है कि बाजार में इसका स्टॉक फिर से चर्चा में है और निवेशकों को आकर्षित कर रहा है।

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