महाराष्ट्र में डिप्टी सीएम के बेटे श्रीकांत शिंदे और मंत्री संजय शिरसाट को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। इससे महायुति सरकार पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और सियासी हलचल तेज हो गई है।
Maharashtra: महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। डिप्टी मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे और शिंदे गुट के मंत्री संजय शिरसाट को आयकर विभाग की ओर से नोटिस भेजा गया है। यह नोटिस ऐसे समय आया है जब राज्य में महायुति सरकार विपक्ष के निशाने पर है।
संजय शिरसाट की आय में बढ़ोतरी पर सवाल
आयकर विभाग ने सामाजिक न्याय मंत्री संजय शिरसाट से उनकी आय में अचानक हुई वृद्धि के स्रोतों का विवरण मांगा है। संजय शिरसाट, जो छत्रपति संभाजीनगर से विधायक हैं और शिंदे गुट के प्रभावशाली नेता माने जाते हैं, उनकी वित्तीय स्थिति को लेकर विभाग ने विस्तार से जानकारी मांगी है।
श्रीकांत शिंदे को भी नोटिस, लेकिन डिटेल अभी साफ नहीं
डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे को भी नोटिस जारी किया गया है। हालांकि इस नोटिस की विस्तृत जानकारी फिलहाल सार्वजनिक नहीं की गई है। विपक्ष ने इसे एक गंभीर मुद्दा बताते हुए सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं।
विपक्ष का आरोप: यह सिर्फ रूटीन जांच नहीं
विपक्ष, खासकर शिवसेना (UBT) और एनसीपी (शरद पवार गुट), इस मुद्दे को सियासी रंग दे रहे हैं। उनका कहना है कि यह केवल टैक्स से जुड़ा मामला नहीं बल्कि सत्ता के दुरुपयोग और संभावित भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है। विपक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि शिंदे गुट के नेताओं की आय में असामान्य वृद्धि हुई है जिसे छुपाने की कोशिश की जा रही है।
शिंदे गुट का जवाब: हम पूरी जांच में सहयोग करेंगे
एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले गुट ने कहा है कि वे पूरी पारदर्शिता के साथ जांच में सहयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि यह आयकर विभाग की नियमित प्रक्रिया है और इससे घबराने की कोई जरूरत नहीं है। शिंदे समर्थक नेताओं ने दावा किया कि विपक्ष इसे राजनीतिक हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रहा है।
2022 में एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना से बगावत कर एक नया राजनीतिक समीकरण बनाया था। उन्होंने बीजेपी और अजित पवार के एनसीपी गुट के साथ मिलकर महायुति सरकार बनाई। तब से लगातार विपक्ष उनके नेतृत्व पर सवाल उठाता रहा है। इस नई जांच ने उनके गुट पर दबाव को और बढ़ा दिया है।