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IBC सम्मेलन में दलाई लामा के विचारों पर वैश्विक मंथन, धर्म और विज्ञान पर होगी चर्चा

IBC सम्मेलन में दलाई लामा के विचारों पर वैश्विक मंथन, धर्म और विज्ञान पर होगी चर्चा

दलाई लामा की 90वीं जयंती के अवसर पर IBC 13 जुलाई को नई दिल्ली में अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। इसमें बौद्ध विद्वान, शोधकर्ता और वैज्ञानिक धर्म और विज्ञान के संबंधों पर चर्चा करेंगे।

Dalai Lama: बौद्ध धर्म के सर्वोच्च धार्मिक गुरु, परम पावन दलाई लामा ने हाल ही में 6 जुलाई को अपना 90वां जन्मदिन मनाया है। इस अवसर को और अधिक विशेष बनाने के लिए International Buddhist Confederation (IBC) एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है। यह सम्मेलन 13 जुलाई 2025 को नई दिल्ली के अशोका होटल में सुबह 9 बजे से आयोजित किया जाएगा। इस आयोजन में विश्वभर से बौद्ध विद्वान, शोधकर्ता, साधक और आध्यात्मिक नेता शामिल होंगे।

सम्मेलन का उद्देश्य

इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य दलाई लामा के विचारों, शिक्षाओं और उनके द्वारा मानवता के लिए किए गए कार्यों को आधुनिक संदर्भ में समझना और आगे बढ़ाना है। कार्यक्रम में शामिल होने वाले सभी प्रतिनिधि कई वर्षों से दलाई लामा के सिद्धांतों और कार्यों से गहराई से जुड़े रहे हैं।

चर्चा के मुख्य विषय

सम्मेलन में जिन विषयों पर चर्चा होगी, वे न केवल बौद्ध धर्म के वर्तमान और भविष्य को लेकर हैं, बल्कि विज्ञान और आध्यात्मिकता के बीच संवाद को भी बढ़ावा देंगे। चर्चा के प्रमुख विषय इस प्रकार हैं:

  1. 21वीं सदी में बौद्ध धर्म की प्रासंगिकता
  2. तिब्बती बौद्ध धर्म का भविष्य और उसकी सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण
  3. क्वांटम भौतिकी, तंत्रिका विज्ञान और बौद्ध धर्म के बीच का संबंध

इन विषयों पर गहन विमर्श कर यह समझने की कोशिश की जाएगी कि बौद्ध दर्शन आधुनिक विज्ञान और जीवन शैली से कैसे तालमेल बिठा सकता है।

आज की दुनिया और आध्यात्मिकता की जरूरत

आज का युग तकनीकी प्रगति, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और सूचना की अधिकता का है। इस तेज़ रफ्तार जीवन में लोगों के पास आत्मचिंतन का समय नहीं है। इस सम्मेलन का उद्देश्य उन मूलभूत प्रश्नों का उत्तर ढूंढ़ना है जो अस्तित्व, उद्देश्य और चेतना से जुड़े हैं। दलाई लामा की शिक्षाएं हमें इन प्रश्नों का उत्तर खोजने में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।

दलाई लामा की विचारधारा

दलाई लामा न केवल एक धार्मिक गुरु हैं बल्कि वैश्विक शांति, सह-अस्तित्व और करुणा के प्रतीक हैं। उनका मानना है कि सच्ची आध्यात्मिकता नैतिकता, करुणा और ज्ञान पर आधारित होती है। वे आलोचनात्मक चिंतन को बढ़ावा देते हैं और वैज्ञानिक सोच को स्वीकारने के पक्षधर हैं। उनके अनुसार अज्ञानता ही मानव दुखों की जड़ है।

प्रमुख वक्ता और पैनलिस्ट

सम्मेलन में भाग लेने वाले प्रमुख वक्ताओं में विश्वभर से प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। इनकी जानकारी इस प्रकार है:

प्रो. समदोंग रिनपोछे

पूर्व प्रधानमंत्री, केंद्रीय तिब्बती प्रशासन और दलाई लामा के प्रमुख सलाहकार। बौद्धिक उत्कृष्टता और गांधीवादी मूल्यों के समर्थक।

फ्रारत वजारसुत्तिवोंगधम्मलोंगकोर्नविभूसित अरयावांगसो (थाईलैंड)

थाईलैंड के सर्वोच्च संघ परिषद के वरिष्ठ सदस्य और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित बौद्ध भिक्षु।

वज्र रिनपोछे (उत्तराखंड)

43वें शाक्य त्रिजिन खोंडुंग ज्ञान वज्र रिनपोछे। तिब्बती बौद्ध धर्म के प्रसिद्ध शिक्षक।

प्रोफेसर सियोन रेमन (USA)

वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और न्यूरोसाइंस एवं बौद्ध दर्शन के इंटरफेस पर कार्यरत शोधकर्ता।

खेंपो डॉ. न्गवांग जॉर्डन (नेपाल)

प्रमुख, अंतरराष्ट्रीय बौद्ध अकादमी, काठमांडू। हार्वर्ड यूनिवर्सिटी से बौद्ध अध्ययन में पीएचडी।

डॉ. ताशी चोएड्रोन (मलेशिया)

पर्यावरण समाजशास्त्री और मलेशिया की वज्रयान बौद्ध परिषद की प्रमुख। अंतरराष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ की उपाध्यक्ष।

शारपा चोएजे रिनपोछे जेत्सुन लोबसांगदोरजी पेलसांगपो

गेलुग संप्रदाय के प्रमुख और तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रभावशाली आध्यात्मिक नेता।

प्रोफेसर शिशिर रॉय- राष्ट्रीय उन्नत अध्ययन संस्थान में विजिटिंग प्रोफेसर। क्वांटम भौतिकी और प्राचीन भारतीय परंपराओं पर कार्यरत।

बौद्ध धर्म और विज्ञान का संगम

सम्मेलन में विज्ञान और बौद्ध चिंतन को साथ लाने के प्रयासों को विशेष महत्व दिया जा रहा है। विशेषकर तंत्रिका विज्ञान और क्वांटम भौतिकी जैसे विषयों पर बौद्ध दृष्टिकोण से चर्चा की जाएगी। यह पहल दलाई लामा की उस सोच को आगे बढ़ाती है जिसमें वे विज्ञान और धर्म के बीच संतुलन को आवश्यक मानते हैं।

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