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मलेशिया में व्यापार वार्ता! चीन-अमेरिका ने विवादों पर बनाई शुरुआती सहमति, जानिए कैसे

मलेशिया में व्यापार वार्ता! चीन-अमेरिका ने विवादों पर बनाई शुरुआती सहमति, जानिए कैसे

मलेशिया में चीन-अमेरिका व्यापार वार्ता में शुरुआती सहमति बनी। टैरिफ और तकनीकी मुद्दों पर चर्चा हुई। इसी बीच रूस ने नई न्यूक्लियर क्रूज मिसाइल का सफल टेस्ट किया, जिससे वैश्विक सुरक्षा पर चिंता बढ़ी।

World News: मलेशिया में चीन और अमेरिका के बीच हुई व्यापार वार्ता में शुरुआती सहमति पर पहुंचने की खबर सामने आई है। दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारी दो दिनों तक चर्चा में जुटे रहे और विवादों को सुलझाने के विभिन्न उपायों पर सहमति बनाई। चीन के इंटरनेशनल व्यापार वार्ताकार और वाणिज्य उप मंत्री ली चेंगगांग ने बताया कि अमेरिका और चीन ने जिन मुद्दों को लेकर चिंताएं थीं, उन्हें कैसे ठीक किया जाए, इस पर दोनों पक्षों ने अच्छी तरह चर्चा की और प्रारंभिक सहमति बनाई।

यह वार्ता दक्षिण कोरिया में होने वाली अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मुलाकात से पहले आयोजित की गई। वार्ता का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार संबंधों को सुधारना और किसी भी प्रकार के ट्रेड विवाद को सुलझाना था। विशेषज्ञों का मानना है कि इस शुरुआती सहमति से दोनों देशों के बीच आने वाले समय में नई आर्थिक समझौतों की राह आसान हो सकती है।

अमेरिका-चीन वार्ता के प्रमुख मुद्दे

चीन और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद लंबे समय से चले आ रहे हैं। टैरिफ, तकनीकी हस्तांतरण, निवेश नियम और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी के मुद्दे सबसे ज्यादा विवाद का कारण बने हुए हैं। इस मलेशिया में हुई बैठक में इन मुद्दों पर चर्चा हुई और शुरुआती सहमति की दिशा में सकारात्मक संकेत मिले।

रूस ने नई न्यूक्लियर क्रूज मिसाइल की टेस्टिंग की घोषणा

इसी समय, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने एक नई न्यूक्लियर क्षमता वाली क्रूज मिसाइल की सफल टेस्टिंग की घोषणा की। पुतिन ने कहा कि यह मिसाइल दुनिया में किसी और के पास नहीं है और इसकी अनलिमिटेड रेंज है। यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब रूस लगातार यूक्रेन पर हमला कर रहा है और वैश्विक स्तर पर सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा रहा है।

क्रेमलिन द्वारा जारी वीडियो में पुतिन ने कहा कि मिसाइल के निर्णायक टेस्ट पूरे हो गए हैं और इसे रूसी सेना में शामिल करने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के आदेश दे दिए गए हैं। रूस के सैन्य प्रमुख वालेरी गेरासिमोव ने बताया कि 21 अक्टूबर को हुए आखिरी टेस्ट के दौरान इस मिसाइल ने करीब 15 घंटे तक उड़ान भरी और लगभग 14,000 किलोमीटर का सफर तय किया।

पुतिन ने 2018 में की थी मिसाइल बनाने की घोषणा

पुतिन ने 2018 में इस तरह की मिसाइल बनाने की घोषणा की थी। उनका कहना था कि अमेरिका से संभावित खतरे के मद्देनजर यह मिसाइल सभी डिफेंस सिस्टम को चकमा देने में सक्षम होगी। सात साल बाद, फाइनल टेस्ट की घोषणा ऐसे समय में हुई है जब रूसी सेना धीरे-धीरे यूक्रेन में अपनी स्थिति मजबूत कर रही है और कीव के डिफेंस सिस्टम को चुनौती दे रही है।

रूस-यूक्रेन युद्ध में ट्रंप की मध्यस्थता

इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप ने रूस और यूक्रेन के बीच शांति वार्ता को फिर से चलाने की कोशिश की थी। ट्रंप ने कहा था कि युद्ध को जल्दी खत्म करने के लिए वह पुतिन के साथ बातचीत करेंगे। हालांकि, मॉस्को और कीव के बीच शांति वार्ता फिलहाल ठंडे पड़ गई है। ट्रंप ने रूस की दो सबसे बड़ी तेल कंपनियों पर बैन लगाने का निर्णय लिया और कहा कि युद्ध खत्म करने की उनकी मध्यस्थता कहीं नहीं पहुंच रही है। 

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