नेपाल की अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की आज सिंहदरबार में पदभार ग्रहण करेंगी। उनका मंत्रिमंडल छह महीने तक देश चलाएगा और 2026 में होने वाले नए चुनाव की तैयारी करेगा। Gen Z आंदोलन ने उनके चयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
काठमांडू। नेपाल की राजनीति में आज एक नया अध्याय शुरू हो रहा है। देश की नव-नियुक्त अंतरिम प्रधानमंत्री सुशीला कार्की आज सुबह 11:00 बजे सिंहदरबार स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में पदभार ग्रहण करेंगी। यह बदलाव हालिया हिंसक प्रदर्शनों और राजनीतिक अस्थिरता के बीच आया है। देश के लिए यह एक महत्वपूर्ण मोड़ माना जा रहा है क्योंकि इसे स्थिरता और विश्वसनीयता की उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है।
73 वर्षीय पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने ली शपथ
73 वर्षीय सुशीला कार्की, जो पूर्व मुख्य न्यायाधीश रह चुकी हैं, ने शुक्रवार को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। उनका चयन ऐसे समय में हुआ है जब नेपाल में युवाओं के बीच सरकार की निष्क्रियता, भ्रष्टाचार और आर्थिक असमानता को लेकर असंतोष फैल रहा था। खासकर सोशल मीडिया पर सक्रिय Gen Z आंदोलन ने अपनी आवाज उठाई।
जनरल जेड आंदोलन की भूमिका
प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे के बाद, देश में व्यापक सहमति से कार्की को अंतरिम प्रधानमंत्री के रूप में नामित किया गया। उनका नाम इसलिए चुना गया क्योंकि उन्हें निष्पक्ष, ईमानदार और भ्रष्टाचार से दूर माना जाता है। Gen Z आंदोलन ने डिस्कॉर्ड और अन्य ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक मतदान करके कार्की को सबसे लोकप्रिय और स्वीकार्य नेता चुना। यह कदम युवाओं के लिए तो एक संदेश है ही, साथ ही पारंपरिक राजनीतिक दलों के लिए भी स्थिरता की उम्मीद का प्रतीक है।
मंत्रिमंडल गठन की तैयारियां
कार्की ने शनिवार से ही मंत्रिमंडल के गठन को लेकर अपने सलाहकारों और आंदोलन के प्रमुख नेताओं से विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। उनके पास कुल 25 मंत्रालयों का कार्यभार है, लेकिन उन्होंने अधिकतम 15 मंत्रियों के एक सीमित और प्रभावशाली कैबिनेट के पक्ष में निर्णय लिया है। इसका उद्देश्य है कि नए मंत्रिमंडल को सिविल सोसाइटी और जन आंदोलनों की अपेक्षाओं के अनुरूप बनाया जा सके।
संभावित मंत्रियों में कानूनी विशेषज्ञ ओम प्रकाश अर्याल, पूर्व सैन्य अधिकारी बलानंद शर्मा, पूर्व न्यायाधीश आनंद मोहन भट्टराई, माधव सुंदर खड़का, अशीम मन सिंह बस्न्यात और ऊर्जा विशेषज्ञ कुलमान घिसिंग के नाम चर्चा में हैं। इसके अलावा, चिकित्सा क्षेत्र के विशेषज्ञ जैसे डॉ. भगवान कोइराला, डॉ. संदुक रुइत, डॉ. जगदीश अग्रवाल और डॉ. पुकार चंद्र श्रेष्ठ पर भी विचार किया जा रहा है।
जनरल जेड और कैबिनेट चयन
Gen Z आंदोलन के सदस्य भी अपने स्तर पर विचार-विमर्श कर रहे हैं ताकि ऐसे उम्मीदवार सुझाए जा सकें जो सुधारवादी एजेंडे के अनुकूल हों। यदि सभी पक्षों में सहमति बन जाती है, तो कैबिनेट का शपथ ग्रहण रविवार शाम तक हो सकता है। अन्यथा यह प्रक्रिया सोमवार तक टल सकती है।
संसद भंग और नए चुनाव की घोषणा
शुक्रवार रात को नेपाल की संसद औपचारिक रूप से भंग कर दी गई। राष्ट्रपति कार्यालय ने घोषणा की कि 5 मार्च, 2026 को नए चुनाव होंगे। यह निर्णय प्रधानमंत्री कार्की द्वारा रात 11 बजे बुलाई गई पहली कैबिनेट बैठक में लिया गया। अब यह छह महीने की अंतरिम सरकार देश को नए चुनाव की ओर ले जाएगी।
अंतरिम प्रधानमंत्री की प्राथमिकताएं
सुशीला कार्की की प्राथमिकता इस समय देश में राजनीतिक स्थिरता और आर्थिक सुधार को सुनिश्चित करना है। उनके मंत्रिमंडल में विशेषज्ञों और न्यायाधीशों को शामिल करने का उद्देश्य है कि नीति और निर्णय पारदर्शी और निष्पक्ष हों। साथ ही, युवा नेताओं और सिविल सोसाइटी की भागीदारी से निर्णय प्रक्रिया में नए विचार शामिल होंगे।