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पलामू में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, 5 लाख का इनामी नक्सली मुखदेव यादव एनकाउंटर में ढेर

पलामू में सुरक्षाबलों की बड़ी कार्रवाई, 5 लाख का इनामी नक्सली मुखदेव यादव एनकाउंटर में ढेर

झारखंड के पलामू में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में बड़ी सफलता मिली। इस एनकाउंटर में 5 लाख के इनामी नक्सली मुखदेव यादव ढेर हुआ और पुलिस ने मौके से इंसास रायफल बरामद की।

पलामू: झारखंड के पलामू जिले में सुरक्षा बलों और प्रतिबंधित नक्सली संगठन टीपीसी (टीएसपीसी) के उग्रवादियों के बीच रविवार (14 सितंबर) को हुई भीषण मुठभेड़ ने नक्सली गतिविधियों में एक बड़ा झटका दिया। इस मुठभेड़ में पुलिस ने 5 लाख रुपये का इनामी नक्सली मुखदेव यादव ढेर कर दिया। घटना मनातू के घने जंगलों में हुई, जहां से पुलिस को एक इंसास रायफल भी बरामद हुई।

3 सितंबर की मुठभेड़ में पुलिस के दो जवान शहीद

जानकारी के अनुसार, मारे गए नक्सली मुखदेव यादव का नाम पहले 3 सितंबर को हुई मुठभेड़ में भी सामने आया था, जिसमें पुलिस के दो जवान शहीद हुए थे। उस समय टीपीसी के उग्रवादियों ने अचानक पुलिस पर हमला किया था। हालांकि, बाद में टीपीसी ने उस घटना से खुद को अलग बताया। इसके बाद से ही पुलिस ने इस संगठन के खिलाफ व्यापक अभियान शुरू कर रखा था।

रविवार को सुरक्षा बलों ने मुखर रूप से 10 लाख रुपये के इनामी टीपीसी कमांडर शशिकांत को निशाना बनाते हुए तलाशी अभियान चलाया। इस ऑपरेशन में कोबरा और झारखंड जगुआर के जवानों के साथ-साथ अन्य सुरक्षा दल भी शामिल थे।

मनातू जंगल मुठभेड़ में मुखदेव यादव ढेर

पुलिस की टीम जब मनातू के जंगल में कांबिंग कर रही थी, तभी नक्सलियों ने घात लगाकर उन पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षाबलों ने तुरंत मोर्चा संभाला और गोलियों की जवाबी बौछार की। इस मुठभेड़ में मुखदेव यादव मारा गया। पुलिस ने मौके से इंसास रायफल और अन्य नक्सली हथियार भी जब्त किए।

इस मुठभेड़ को अब तक के सबसे बड़े अभियानों में शामिल किया जा रहा है, जिसमें 200 से अधिक जवान तैनात किए गए थे। इलाके की नाकेबंदी कर नक्सलियों को चारों तरफ से घेरा गया, ताकि उन्हें भागने का कोई रास्ता न मिले।

मुखदेव यादव की मौत से टीपीसी को बड़ा झटका

पलामू के मनातू, तरहसी और चतरा के सीमावर्ती इलाके टीपीसी का लंबे समय से गढ़ माने जाते हैं। शशिकांत का दस्ते यहीं छिपकर वारदातों को अंजाम देता है। इस दस्ते में कुल 8 से 10 सदस्य सक्रिय बताए जाते हैं, जिनमें मुखदेव यादव और नगीना जैसे कुख्यात नक्सली शामिल थे।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मुखदेव यादव के मारे जाने से टीपीसी को बड़ा झटका लगा है। संगठन की ताकत कमजोर हुई है और आने वाले दिनों में नक्सली पकड़ने या ढेर करने के अभियान और तेज किए जाएंगे।

टीपीसी पर कार्रवाई से सुरक्षा बलों को मिली रणनीतिक बढ़त

इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि सुरक्षा बल न केवल नक्सलियों के खिलाफ सतत कार्रवाई कर रहे हैं, बल्कि उनकी छिपी हुई ठिकानों और नेटवर्क को भी निशाना बना रहे हैं। अधिकारी यह भी मानते हैं कि यह मुठभेड़ टीपीसी जैसे संगठन के लिए चेतावनी है।

पुलिस का कहना है कि इलाके से टीपीसी का खात्मा करने तक इस तरह की कार्रवाइयां लगातार जारी रहेंगी। इस अभियान से स्थानीय लोगों को भी सुरक्षा का भरोसा मिला है और पुलिस ने इलाके में आम जनजीवन सुचारु रूप से बनाए रखने की कोशिश तेज कर दी है।

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