राहुल गांधी की वोट चोरी वेबसाइट पर भाजपा ने हमला किया। अमित मालवीय ने राहुल को नासमझ बताया। चुनाव आयोग ने आरोपों को भ्रामक करार दिया और माफी या शपथ पत्र की मांग की।
New Delhi: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा 'वोट चोरी' को लेकर शुरू किए गए अभियान और वेबसाइट लॉन्च करने पर भाजपा ने कड़ा विरोध जताया है। भाजपा ने राहुल गांधी को 'नासमझ' बताते हुए उनके आरोपों पर सवाल उठाए हैं। वहीं, चुनाव आयोग ने भी राहुल गांधी के दावों को भ्रामक करार देते हुए उन्हें या तो शपथ पत्र पर हस्ताक्षर करने या देश से माफी मांगने को कहा है।
भाजपा की तीखी प्रतिक्रिया और राहुल गांधी पर आरोप
भाजपा प्रवक्ता अमित मालवीय ने राहुल गांधी के इस कदम को गंभीर रूप से खारिज किया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा कि राहुल गांधी को अब तक यह नहीं पता कि वे उन अयोग्य मतदाताओं के नाम कब प्रस्तुत करेंगे, जिनके होने का दावा वे करते हैं। मालवीय ने कहा कि मतदाता पंजीकरण नियम, 1960 के नियम 20(3)(बी) के तहत ऐसी सूचियां प्रस्तुत करना अनिवार्य है, लेकिन राहुल गांधी ने इस प्रक्रिया को पूरा नहीं किया है।
उन्होंने राहुल गांधी को ‘तकनीकी डायनासोर’ भी कहा और आरोप लगाया कि राहुल गांधी को एक विधानसभा क्षेत्र की मतदाता सूची का विश्लेषण करने में 30 दिन लग गए, जबकि सोशल मीडिया और मीडिया उपयोगकर्ताओं ने चुनाव आयोग के पोर्टल पर उसी सूची की जांच बहुत कम समय में कर ली।
‘मशीन-पठनीय डेटा’ की मांग पर भाजपा का तंज
अमित मालवीय ने राहुल गांधी की ‘मशीन-पठनीय डेटा’ की मांग को ‘घटिया कारीगरी’ का उदाहरण बताया। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से नाकाम लोग स्कैन की गई तस्वीरों की शिकायत कर रहे हैं और मशीन-पठनीय डेटा मांग रहे हैं। यह एक खराब कारीगर का अपने औजारों को दोष देने जैसा है। भाजपा का यह तंज राहुल गांधी की तकनीकी दावों पर शक जताता है।
चुनाव आयोग का जवाब: राहुल गांधी के दावे भ्रामक
चुनाव आयोग ने भी राहुल गांधी के पांच सवालों का जवाब देते हुए उनके दावों को भ्रामक बताया। आयोग ने कहा कि राहुल गांधी ने बिना किसी आधिकारिक शिकायत के सार्वजनिक रूप से गलत दावे किए हैं। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा है कि वे या तो अपने आरोपों पर घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करें या देश से माफी मांगें।
यह विवाद गुरुवार को राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने मतदाता सूची में ‘एक करोड़ रहस्यमय मतदाता’, फर्जी वोटर और सीसीटीवी फुटेज नष्ट करने जैसी अनियमितताओं का आरोप लगाया था।