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टैरिफ विवाद पर सिद्धारमैया का बयान: राष्ट्रीय हित छोड़ हेडलाइन मैनेजमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं पीएम मोदी

टैरिफ विवाद पर सिद्धारमैया का बयान: राष्ट्रीय हित छोड़ हेडलाइन मैनेजमेंट को प्राथमिकता दे रहे हैं पीएम मोदी

कर्नाटक सीएम सिद्धारमैया ने पीएम मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ट्रंप के 50% टैरिफ पर मोदी ने राष्ट्रहित की बजाय हेडलाइन मैनेजमेंट को वरीयता दी; राहुल गांधी की पूर्व चेतावनियाँ सही साबित हुईं।

Siddaramaiah-PM Modi: अमेरिका द्वारा भारत से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ दोगुना करके 50 प्रतिशत करने के बाद, देश की विदेश नीति को लेकर विपक्ष ने केंद्र सरकार पर सीधा हमला बोला है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा है कि सरकार राष्ट्रीय हित के बजाय हेडलाइन मैनेजमेंट को अधिक प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पूर्व में दिए गए बयानों का हवाला देते हुए कहा कि वह हर बार सही साबित हुए हैं।

अमेरिका के टैरिफ फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया

6 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित कुछ वस्तुओं पर अतिरिक्त 25 प्रतिशत शुल्क लगाने का आदेश जारी किया। इससे कुल टैरिफ दर 50 प्रतिशत तक पहुंच गई। इस फैसले के बाद भारत के कूटनीतिक प्रयासों पर सवाल खड़े हो गए। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इसे भारत के खिलाफ आर्थिक ब्लैकमेल करार दिया। उनका आरोप है कि यह स्थिति मोदी सरकार की कमजोर विदेश नीति का परिणाम है।

राहुल गांधी की चेतावनी को बताया सही

सिद्धारमैया ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने समय-समय पर सरकार की नीतियों की आलोचना की है और हर बार सही साबित हुए हैं। उन्होंने नोटबंदी, जीएसटी, चीनी आक्रामकता, कोविड प्रबंधन, कृषि कानून, राफेल सौदा, पीएम केयर्स फंड और चुनावी बॉन्ड जैसे मुद्दों पर पहले ही सरकार की खामियों को उजागर किया था। अब जब अमेरिका ने भारत पर भारी टैरिफ लगाया है, तो राहुल गांधी की चेतावनी एक बार फिर सच निकली है।

ट्रंप को खुश करने की कोशिश का आरोप

सिद्धारमैया का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लंबे समय से डोनाल्ड ट्रंप को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 'हाउडी मोदी' जैसे कार्यक्रमों में मोदी ने "अबकी बार ट्रंप सरकार" का नारा तक दिया। कोविड संकट के दौरान भी उन्होंने ट्रंप की भारत यात्रा को प्राथमिकता दी और "नमस्ते ट्रंप" जैसे आयोजनों में व्यस्त रहे। MAGA (Make America Great Again) और MIGA (Make India Great Again) के मेल से MEGA जैसे नारे गढ़े गए। लेकिन यह सब बेअसर रहा।

एलन मस्क से लेकर इजरायल तक का जिक्र

सिद्धारमैया ने आगे कहा कि ट्रंप के प्रभाव को देखते हुए पीएम मोदी ने एलन मस्क को भारत लाने की कोशिश की। उन्होंने अमेरिका में रणनीतिक भागीदारी स्थापित करने के कई प्रयास किए। लेकिन ट्रंप ने इसे भारतीय आत्मनिर्भरता नहीं बल्कि आत्मसमर्पण की नीति माना।

इसी तरह, उन्होंने इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हमलों को समर्थन देने के लिए अमेरिका की आलोचना की और कहा कि प्रधानमंत्री मोदी इस पर भी चुप रहे। उनका आरोप है कि मोदी सरकार केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अच्छी छवि बनाए रखने की कोशिश करती है, लेकिन जब देश के हितों की बात आती है, तो कोई कड़ा कदम नहीं उठाया जाता।

पाकिस्तान और सेना प्रमुख की मेजबानी पर सवाल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच शांति स्थापित करने का 33 बार दावा किया है। उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख की मेजबानी की, जबकि भारत में हुए पहलगाम आतंकी हमले के पीछे उन्हीं पर शक जताया गया था। सिद्धारमैया का कहना है कि ऐसे संवेदनशील मामलों पर भी प्रधानमंत्री मोदी ने कोई विरोध नहीं जताया।

सरकार की चुप्पी पर विपक्ष का हमला

सिद्धारमैया ने कहा कि मोदी सरकार की रणनीति सिर्फ सुर्खियों में बने रहना है। चाहे वैश्विक व्यापार नीति हो या सामरिक मसले, भारत की प्रतिक्रिया अक्सर कमजोर और देर से आती है। उन्होंने पूछा कि आखिर सरकार ने ट्रंप के इस टैरिफ फैसले का अब तक स्पष्ट रूप से विरोध क्यों नहीं किया।

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