Pune

Wipro को सऊदी अरब में मिला मेगा प्रोजेक्ट, जानिए इसका शेयर पर असर

Wipro को सऊदी अरब में मिला मेगा प्रोजेक्ट, जानिए इसका शेयर पर असर

आईटी सेक्टर की दिग्गज भारतीय कंपनी विप्रो लिमिटेड को सऊदी अरब से एक बड़ी और रणनीतिक डील हासिल हुई है। कंपनी को सऊदी अरब की प्रमुख बिजली कंपनी National Grid SA से स्मार्ट मीटर डेटा प्रबंधन प्लेटफॉर्म को अपग्रेड करने का कॉन्ट्रैक्ट मिला है। यह एक मल्टी-ईयर स्ट्रैटजिक एग्रीमेंट है, जिसकी जानकारी कंपनी ने 24 जुलाई को शेयर बाजार को दी।

यह डील सऊदी अरब की बिजली वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए की गई है, जिसमें विप्रो की भूमिका तकनीकी इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट एप्लिकेशन और डेटा मैनेजमेंट सिस्टम को डिजाइन करने, विकसित करने और लागू करने की रहेगी।

क्या कहा कंपनी ने इस कॉन्ट्रैक्ट पर

Wipro ने बताया है कि वह National Grid SA के पूरे ट्रांसमिशन नेटवर्क के लिए एक नया स्मार्ट मीटर डेटा मैनेजमेंट (MDM) सिस्टम लागू करेगी। कंपनी इस नए सिस्टम के तहत इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, एप्लिकेशन डिज़ाइन, तकनीकी विकास और उसके सपोर्ट की जिम्मेदारी निभाएगी।

इस सिस्टम के लागू होने से बिजली के ग्रिड की स्थिरता बढ़ेगी और नेटवर्क में आई खराबियों की पहचान पहले ही हो सकेगी। इसका सीधा असर ग्राहकों को बेहतर सेवा अनुभव देने पर पड़ेगा।

ग्रिड की कार्यक्षमता में आएगा सुधार

नए सिस्टम की मदद से बिजली के उपयोग पैटर्न को बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा, जिससे National Grid SA अपने पावर डिस्पैच ऑपरेशन को और सटीक बना सकेगी। इसके साथ ही, बिजली की बर्बादी कम होगी और अनावश्यक बिजली कटौती से भी बचा जा सकेगा।

Wipro की यह टेक्नोलॉजी नेशनल ग्रिड को रियल टाइम एनालिटिक्स प्रदान करेगी, जिससे फॉल्ट डिटेक्शन और रिपेयर में तेजी आएगी और बिजली उपभोक्ताओं को अधिक भरोसेमंद सेवा मिल सकेगी।

Wipro के CEO की प्रतिक्रिया

Wipro MENA (Middle East and North Africa) के प्रबंध निदेशक अमर नकवी ने कहा कि यह डील Wipro की डिजिटल इंजीनियरिंग और स्मार्ट ग्रिड समाधान क्षमताओं को मान्यता देती है। उन्होंने बताया कि सऊदी अरब विजन 2030 के तहत अपने ऊर्जा क्षेत्र को पूरी तरह डिजिटल और स्मार्ट बनाना चाहता है, और इस दिशा में Wipro की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।

बाजार में डील की चर्चा तेज

Wipro की इस बड़ी डील की घोषणा के बाद शेयर बाजार में भी हलचल तेज हो गई है। विश्लेषकों का मानना है कि इस डील का असर शुक्रवार यानी 25 जुलाई के शेयर ट्रेडिंग सत्र में साफ दिखाई दे सकता है। गुरुवार को कंपनी के शेयर 0.2 फीसदी की मामूली तेजी के साथ 262 रुपये पर बंद हुए थे।

हाल की तिमाही में कैसा रहा Wipro का प्रदर्शन

Wipro ने 17 जुलाई को जून तिमाही के नतीजे जारी किए थे। कंपनी की कॉन्स्टेंट करंसी में रेवेन्यू पिछले तिमाही के मुकाबले 2 फीसदी कम रहा, जो कि मैनेजमेंट के अनुमान के अनुरूप ही था। हालांकि, मार्जिन बढ़कर 17.5 फीसदी तक पहुंच गया, जिससे लागत कंट्रोल में कंपनी की दक्षता दिखाई देती है।

विश्लेषकों ने इस नतीजे को स्थिर बताया था, क्योंकि रेवेन्यू गिरावट के बावजूद मार्जिन में सुधार हुआ है।

सऊदी अरब में डिजिटल ग्रोथ की संभावनाएं

सऊदी अरब तेजी से ऊर्जा और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में निवेश कर रहा है। खासकर विजन 2030 के तहत देश की अर्थव्यवस्था को तेल पर निर्भरता से हटाकर तकनीक और स्मार्ट ग्रिड जैसे आधुनिक क्षेत्रों की ओर मोड़ा जा रहा है।

Wipro की यह डील इस दिशा में भारत की बड़ी भागीदारी मानी जा रही है। कंपनी को लंबे समय तक इस परियोजना पर काम करने का मौका मिलेगा, जिससे उसके अंतरराष्ट्रीय बिजनेस को मजबूती मिलेगी।

Wipro की ग्लोबल मौजूदगी को मिलेगा बल

Wipro पहले से ही अमेरिका, यूरोप और मध्य-पूर्व के कई देशों में अपने टेक्नोलॉजिकल सॉल्यूशंस के लिए जानी जाती है। यह नई डील उसके मिडिल ईस्ट पोर्टफोलियो को और मजबूत करेगी और कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है।

स्मार्ट मीटरिंग, ग्रीन एनर्जी और पावर मैनेजमेंट के क्षेत्र में Wipro की भूमिका आगे और बढ़ सकती है।

शेयरधारकों की नजर अब शुक्रवार के ट्रेड पर

अब सभी की निगाहें शुक्रवार के शेयर बाजार पर टिकी होंगी, जहां Wipro के शेयरों पर इस डील का असर दिख सकता है। खास बात यह है कि कंपनी पहले से ही एक स्थिर ग्रोथ पैटर्न में चल रही थी, और इस बड़ी डील ने उसमें नई ऊर्जा भर दी है।

सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन Wipro के निवेशकों की निगाहें इस बात पर रहेंगी कि शेयर कितनी तेजी पकड़ता है और क्या यह ब्रोकरेज टारगेट की दिशा में आगे बढ़ता है।

Leave a comment