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युवाओं के लिए जरूरी टिप्स: डिप्रेशन और तनाव की शुरुआत कैसे पहचानें, जानें लक्षण

युवाओं के लिए जरूरी टिप्स: डिप्रेशन और तनाव की शुरुआत कैसे पहचानें, जानें लक्षण

युवाओं की मानसिक स्वास्थ्य तेजी से प्रभावित हो रही है। पढ़ाई और करियर का दबाव, सोशल मीडिया, अकेलापन, रिश्तों में तनाव और ऑनलाइन लाइफस्टाइल इसके मुख्य कारण हैं। शुरुआती लक्षणों में मूड स्विंग, रुचि कम होना, नींद व भूख में बदलाव, अकेलापन और एंग्जायटी शामिल हैं। समय रहते पहचान कर प्रोफेशनल हेल्प लेना जरूरी है।

Youth mental health: आज के समय में युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं। गाजियाबाद जिला MMG हॉस्पिटल के डॉ. एके विश्वकर्मा के अनुसार बढ़ता करियर दबाव, सोशल मीडिया का प्रभाव, अकेलापन और ऑनलाइन लाइफस्टाइल इसके मुख्य कारण हैं। शुरुआती लक्षणों में मूड बदलना, काम में रुचि कम होना, नींद और भूख में बदलाव, अकेले रहना और बार-बार बेचैनी शामिल हैं। समय रहते इन संकेतों को पहचानना और मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना आवश्यक है।

मानसिक स्वास्थ्य की अहमियत

मानसिक स्वास्थ्य हमारे विचारों, भावनाओं और व्यवहार को प्रभावित करता है। यह हमारे तनाव को संभालने, निर्णय लेने और सामाजिक संबंध बनाने की क्षमता को दर्शाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार हर सात में से एक युवा किसी न किसी मानसिक स्वास्थ्य समस्या से जूझ रहा है। भारत में 15 से 24 साल के लगभग 14 प्रतिशत युवा डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसी समस्याओं से प्रभावित हैं। मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने पर डिप्रेशन, बाइपोलर डिसऑर्डर, स्लीप डिसऑर्डर और आत्महत्या के विचार जैसी गंभीर समस्याएं सामने आ सकती हैं।

क्यों प्रभावित हो रही है युवा पीढ़ी

गाजियाबाद जिला MMG हॉस्पिटल के मनोरोग विभाग के डॉ. एके विश्वकर्मा बताते हैं कि युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य की स्थिति पर कई सामाजिक, व्यक्तिगत और तकनीकी बदलाव असर डाल रहे हैं। सबसे बड़ा कारण पढ़ाई और करियर का बढ़ता दबाव है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा और प्रदर्शन का प्रेशर युवाओं के तनाव को बढ़ा रहा है।

दूसरा, सोशल मीडिया ने तुलना की आदत को बढ़ावा दिया है। लोग दूसरों की जीवनशैली देखकर खुद को कम आंकने लगते हैं। तीसरा कारण परिवार और दोस्तों के साथ संवाद की कमी है, जिससे अकेलापन बढ़ रहा है। इसके अलावा रिलेशनशिप प्रॉब्लम्स, असफलता का डर, नींद की कमी और नशे जैसी आदतें भी मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रही हैं। COVID-19 के बाद ऑनलाइन लाइफस्टाइल ने युवाओं को शारीरिक गतिविधियों से दूर कर दिया, जिससे उनकी मानसिक ऊर्जा कमजोर हुई है।

शुरुआती लक्षण जिन्हें नजरअंदाज न करें

डॉ. विश्वकर्मा के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ने के शुरुआती लक्षण धीरे-धीरे दिखते हैं। पहला लक्षण मूड में बदलाव है, जैसे छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा या उदासी महसूस होना। दूसरा लक्षण काम या पढ़ाई में रुचि कम होना, ध्यान भटकना और उत्पादकता में गिरावट होना है।

तीसरा, नींद और भूख में बदलाव जैसे ज्यादा सोना या न सो पाना, कम या ज्यादा खाना। चौथा, दोस्तों और परिवार से दूरी बढ़ना और अकेले रहना पसंद करना। पांचवां, बार-बार बेचैनी, डर या घबराहट महसूस होना, जो एंग्जायटी का संकेत है। छठा, आत्मविश्वास में कमी, खुद को बेकार समझना और नेगेटिव विचारों का बढ़ना। कुछ युवाओं में शारीरिक लक्षण जैसे सिरदर्द, थकान और मांसपेशियों में दर्द भी दिखाई देते हैं। यदि ये संकेत कई हफ्तों तक बने रहें, तो यह मानसिक स्वास्थ्य समस्या की शुरुआत हो सकती है।

मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत

विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य पर समय रहते ध्यान देना आवश्यक है। पर्याप्त नींद, नियमित दिनचर्या और व्यायाम मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करते हैं। सोशल मीडिया का सीमित और सकारात्मक उपयोग, भरोसेमंद लोगों से खुलकर बातचीत और तनाव कम करने वाले उपाय जैसे मेडिटेशन लाभकारी साबित हो सकते हैं। इसके अलावा नशे और अस्वस्थ आदतों से दूर रहना भी जरूरी है।

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