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भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर IMF ने क्या कहा? जानिए चौंकाने वाली रिपोर्ट

भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर IMF ने क्या कहा? जानिए चौंकाने वाली रिपोर्ट

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत की अर्थव्यवस्था को लेकर एक बार फिर सकारात्मक संकेत दिए हैं। मंगलवार को जारी की गई वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में IMF ने भारत की GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ा दिया है। ताजा अनुमान के अनुसार, भारत की इकोनॉमी वर्ष 2025 में 6.7 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी, जबकि 2026 में यह 6.4 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है।

यह आंकड़े IMF के पिछले यानी अप्रैल 2024 के पूर्वानुमान की तुलना में थोड़े बेहतर हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में तेज रफ्तार उपभोग और लगातार सुधारों के चलते यह मजबूती देखने को मिल रही है।

भारत की विकास दर 2024 में भी बनी रही मजबूत

IMF ने बताया कि भारत की अर्थव्यवस्था ने 2024 में भी 6.5 प्रतिशत की दर से ग्रोथ दर्ज की है। IMF रिसर्च डिपार्टमेंट की प्रमुख डेनिज इगन ने कहा कि भारत की वृद्धि काफी स्थिर रही है और इसमें सुधार के लगातार संकेत दिखाई दे रहे हैं। उन्होंने माना कि भारत में आर्थिक सुधारों की प्रक्रिया ने निवेश और खपत को मजबूत किया है।

तेजी से बढ़ते विकासशील देशों में भारत सबसे आगे

IMF की रिपोर्ट के अनुसार, विकासशील और उभरते बाजारों वाली अर्थव्यवस्थाओं में भारत का प्रदर्शन सबसे बेहतर माना गया है। 2025 में जहां इन देशों की औसत वृद्धि दर 4.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है, वहीं भारत की दर 6.7 प्रतिशत बताई गई है। 2026 में भी भारत की वृद्धि दर इन देशों की तुलना में ज्यादा रहेगी।

चीन के आंकड़ों में भी हुआ सुधार

चीन को लेकर भी IMF ने अपना रुख कुछ हद तक बदला है। संस्था ने चीन की ग्रोथ का अनुमान 2025 के लिए 4.8 प्रतिशत कर दिया है, जो पहले 4 प्रतिशत के आस-पास था। यह बढ़त मुख्य रूप से 2025 की पहली छमाही में आई मजबूत आर्थिक गतिविधियों और अमेरिका-चीन ट्रेड टैरिफ में आई कमी के कारण है।

अमेरिका और वैश्विक अर्थव्यवस्था को लेकर भी बदली राय

IMF ने अमेरिका की इकोनॉमी को लेकर भी अपने पुराने अनुमान को संशोधित किया है। अब अमेरिका की GDP वृद्धि दर 2025 में 1.9 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जबकि 2026 में यह आंकड़ा 2 प्रतिशत तक पहुंच सकता है। वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए IMF ने साल 2025 में तीन प्रतिशत ग्रोथ का अनुमान जताया है, जो अप्रैल 2024 में लगाए गए 2.8 प्रतिशत अनुमान से बेहतर है। वहीं, 2026 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 3.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

यूरोप के लिए कमज़ोर संकेत

यूरोपीय देशों के लिए IMF की रिपोर्ट कुछ कमज़ोर संकेत देती है। यूरोप के 20 देशों के समूह की विकास दर इस साल महज 1 प्रतिशत तक सीमित रह सकती है। इससे स्पष्ट है कि यूरोपीय क्षेत्र अभी भी आर्थिक सुस्ती से पूरी तरह नहीं निकल पाया है।

भारत में सुधारों की गति बनी आर्थिक मजबूती का आधार

IMF ने खासतौर पर भारत के संदर्भ में कहा है कि यहां की स्थिर आर्थिक वृद्धि का एक बड़ा कारण सरकारी सुधारों की रफ्तार है। सरकार की तरफ से किए गए संरचनात्मक बदलावों, डिजिटलाइजेशन, आधारभूत ढांचे पर निवेश और पॉलिसी स्थिरता के कारण देश में उपभोग और निवेश दोनों में मजबूती आई है।

पब्लिक इन्वेस्टमेंट और कंजम्पशन बना सहारा

रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि भारत की आर्थिक मजबूती में सार्वजनिक निवेश की भूमिका अहम रही है। सरकार की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर पर किया गया भारी निवेश अब असर दिखा रहा है। वहीं, घरेलू खपत यानी कंजम्पशन में भी निरंतर तेजी बनी हुई है, जो आर्थिक ग्रोथ के लिए जरूरी आधार तैयार कर रही है।

वैश्विक चुनौतियों के बावजूद भारत की रफ्तार कायम

IMF का मानना है कि भले ही वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता और आर्थिक दबाव बना हुआ है, लेकिन भारत की आर्थिक स्थिति स्थिर बनी हुई है। सुधारों की दिशा में बढ़ते कदम और उपभोग की मांग में सुधार ने भारत को वैश्विक अस्थिरता के दौर में भी सुरक्षित रखा है।

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