सनातन धर्म में ग्रहों की स्थिति और उनके गोचर का मानव जीवन पर गहरा प्रभाव माना जाता है। नवग्रहों में बुध ग्रह को बुद्धि, वाणी, तर्क, गणना, व्यापार और संवाद का कारक माना गया है। ये जीवन में संतुलन, सूझबूझ और विवेक का प्रतिनिधित्व करते हैं। जब बुध अपनी स्थिति बदलते हैं, तो जीवन के कई क्षेत्रों में बदलाव स्पष्ट रूप से दिखाई देते हैं।
22 जून 2025 को बुध ग्रह मिथुन राशि से निकलकर कर्क राशि में प्रवेश कर रहे हैं। यह गोचर कई राशियों के लिए यथार्थ से जुड़े सपनों को पंख देने वाला साबित हो सकता है, विशेष रूप से मिथुन, कन्या, तुला और मीन राशि के जातकों के लिए।
मिथुन राशि: वाणी की शक्ति और धर्म से जुड़ाव बढ़ेगा
बुध मिथुन राशि के स्वामी हैं, और जब वे कर्क में प्रवेश करते हैं, तो यह गोचर आपके धन और कुटुंब भाव को सक्रिय करता है।
धार्मिक दृष्टि से यह समय आपको सत्य वाणी, संयमित जीवनशैली और दान की ओर प्रेरित करेगा। आपकी वाणी में सौम्यता आएगी, जिससे आप अपने व्यवहार से समाज में सम्मान प्राप्त करेंगे। यदि आप किसी पारिवारिक जिम्मेदारी से बंधे हैं, तो उसमें आप धर्मानुसार कार्य करेंगे, जिससे न केवल सांसारिक सफलता मिलेगी बल्कि आध्यात्मिक शांति भी प्राप्त होगी।
पैतृक व्यापार में लाभ और किसी धार्मिक आयोजन में सहयोग के योग भी बन सकते हैं। आपकी वाणी के माध्यम से किसी को प्रेरणा देने का अवसर मिल सकता है।
धार्मिक उपाय
- बुधवार को 'ॐ बुं बुधाय नमः' मंत्र का 108 बार जप करें।
- गौ सेवा करें और ताजे हरे पत्ते अर्पित करें।
कन्या राशि: पुण्य का संचय और लक्ष्मी कृपा का योग
बुध का गोचर आपके लाभ भाव में हो रहा है, जो न केवल आर्थिक बल्कि आध्यात्मिक समृद्धि का संकेतक है।
धर्मिक दृष्टि से यह समय आत्मसुधार और आत्मबल को जाग्रत करने का है। आपको किसी संत या गुरु से मार्गदर्शन प्राप्त हो सकता है। यह काल सामाजिक सेवा, धर्मार्थ कार्य और यज्ञादि में भाग लेने का उत्तम अवसर है।
इस समय आप ‘दशांश’ यानी आय का दसवां भाग धर्म कार्यों में दान कर सकते हैं, जिससे देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। भाई-बहन से अच्छा संबंध और सहयोग मिलेगा, जो धर्म-कर्म में सहायक रहेगा।
धार्मिक उपाय
- शिवलिंग पर दूर्वा और शुद्ध जल चढ़ाएं।
- बुधवार को निर्धन छात्रों को कलम और कॉपी दान करें।
तुला राशि: कर्म योग और धर्म का मिलन
तुला राशि के लिए बुध का गोचर कर्म भाव में है। इस भाव से व्यक्ति के जीवन के मुख्य कार्य, प्रतिष्ठा और सेवा भावना जुड़े होते हैं।
आध्यात्मिक दृष्टि से यह काल आपके जीवन में ‘कर्म योग’ की भावना को जागृत करेगा। आप समझेंगे कि धर्म केवल पूजा नहीं, बल्कि कर्तव्य का निष्ठा से पालन भी है। यह समय है जब आप अपने कार्यों से समाज को संदेश देंगे।
घर-परिवार में कोई धार्मिक आयोजन हो सकता है, जैसे सत्यनारायण कथा, सुंदरकांड पाठ या गुरु पूर्णिमा पर विशेष पूजन।
संयुक्त परिवार में सामंजस्य बढ़ेगा और घर के किसी सदस्य की सफलता को आप ‘ईश्वर का प्रसाद’ मानकर धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।
धार्मिक उपाय
- तुलसी माता को जल अर्पित करें और दीपक जलाएं।
- घर में श्रीमद्भागवत गीता पाठ शुरू करें।
मीन राशि: प्रेम, भक्ति और संतोष का संगम
मीन राशि वालों के लिए बुध का गोचर पांचवें भाव में हो रहा है, जो प्रेम, शिक्षा, संतान और भक्ति का क्षेत्र होता है।
यह समय आपके मन में भक्ति भाव को प्रबल करेगा। आप प्रभु के नाम में रमने लगेंगे। ध्यान, साधना और कीर्तन के प्रति आकर्षण बढ़ेगा। यदि वैवाहिक जीवन में कष्ट चल रहा है, तो यह गोचर प्रेम और सामंजस्य बढ़ाएगा।
आप किसी धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं — जैसे कि वृंदावन, हरिद्वार या अयोध्या। विद्यार्थी भी यदि ध्यान, सत्संग और अनुशासित दिनचर्या अपनाएं, तो मानसिक शांति और सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
धार्मिक उपाय
- श्रीकृष्ण को मिश्री-तुलसी अर्पित करें।
- गुरु के चरणों में श्रद्धा अर्पित करें, यदि संभव हो तो गुरुपूर्णिमा व्रत करें।
बुध का यह गोचर केवल भौतिक उपलब्धियों का समय नहीं है, बल्कि एक ऐसा काल है जो आपको धर्म, सेवा, भक्ति और आत्मिक उन्नति की ओर ले जा सकता है। जो जातक इस समय का सदुपयोग धर्म, संयम, दान और साधना में करेंगे, उन्हें न केवल सांसारिक लाभ मिलेगा, बल्कि वे ईश्वरीय कृपा के पात्र भी बनेंगे।