सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की। इन बैठकों में यूपी में संगठनात्मक बदलाव, मंत्रिमंडल फेरबदल और 2027 विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर चर्चा हुई।
CM Yogi: उत्तर प्रदेश में बीजेपी नेतृत्व और सरकार के कामकाज को लेकर बड़े बदलाव की तैयारी दिख रही है। लोकसभा चुनाव 2024 में मिली अपेक्षाकृत कम सीटों ने पार्टी को रणनीति पर दोबारा सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। इसी संदर्भ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से एक के बाद एक अहम मुलाकातें की हैं। ये बैठकें करीब तीन घंटे तक चलीं। इन बैठकों के बाद प्रदेश संगठन और मंत्रिमंडल में बदलाव की संभावनाएं और तेज हो गई हैं।
2027 की रणनीति का खाका तैयार
बीजेपी अब 2027 के विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुट गई है। सीएम योगी की इन बैठकों को केवल औपचारिक नहीं बल्कि रणनीतिक माना जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, योगी आदित्यनाथ ने तीनों वरिष्ठ नेताओं के सामने प्रदेश अध्यक्ष को लेकर अपनी पसंद जाहिर की। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान सियासी समीकरणों को देखते हुए कौन सा चेहरा पार्टी के लिए अधिक फायदेमंद होगा।
प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति में देरी क्यों
उत्तर प्रदेश में बीजेपी नए प्रदेश अध्यक्ष की तलाश कर रही है क्योंकि मौजूदा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की जगह अब एक नया नेतृत्व लाना है। यह नियुक्ति इसलिए भी अहम मानी जा रही है क्योंकि अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी इसी प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में मैदान में उतरेगी। ऐसे में संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल बनाना अनिवार्य है।
बीजेपी में अंदरूनी नाराजगी और फीडबैक
बैठकों के दौरान केंद्रीय नेतृत्व ने योगी आदित्यनाथ को पार्टी नेताओं और सहयोगी दलों की नाराजगी की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक, योगी ने भी बिना हिचक उन नेताओं का पूरा विवरण साझा किया, जिन्होंने संगठन के कामकाज को लेकर शिकायतें की थीं। साथ ही उन्होंने नौकरशाही से जुड़ी चुनौतियों और अफसरशाही की भूमिका पर भी अपनी बात रखी।
मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल की तैयारी
बैठकों का एक अहम पहलू यूपी सरकार के मंत्रिमंडल में बदलाव से भी जुड़ा है। सूत्रों की मानें तो जल्द ही कैबिनेट में फेरबदल हो सकता है। कुछ मौजूदा मंत्रियों को हटाया जा सकता है जबकि नए चेहरों को शामिल किया जा सकता है। सीएम योगी ने इस विषय पर भी पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा की और अपने सुझाव साझा किए। यह बदलाव केवल प्रशासनिक नहीं बल्कि सियासी संतुलन बनाने की दृष्टि से भी अहम माना जा रहा है।
संगठन और सरकार में संतुलन जरूरी
बीजेपी नेतृत्व ने सीएम योगी को स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रदेश में संगठन और सरकार के बीच सामंजस्य अत्यंत आवश्यक है। साथ ही, उन्हें यह भी सलाह दी गई है कि वह सहयोगी दलों के साथ संवाद बनाए रखें और गठबंधन की राजनीति में संतुलन बनाए रखें। इन चर्चाओं के बाद ही मुख्यमंत्री योगी और दोनों डिप्टी सीएम पश्चिमी यूपी में एक साथ नजर आए, जिसे एक रणनीतिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है।