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इन्फोसिस बायबैक के बाद TCS और Wipro भी ला सकते हैं शेयर खरीद का ऑफर, जानिए पूरी डिटेल

इन्फोसिस बायबैक के बाद TCS और Wipro भी ला सकते हैं शेयर खरीद का ऑफर, जानिए पूरी डिटेल

इन्फोसिस ने 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक की घोषणा की है, जिसमें 1,800 रुपये प्रति शेयर के औसत भाव पर 10 करोड़ शेयर खरीदे जाएंगे। इस कदम से निवेशकों का भरोसा बढ़ने की उम्मीद है और टीसीएस तथा विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों द्वारा भी बायबैक ऑफर की संभावना जताई जा रही है।

Share Buyback Offer: बेंगलुरु की इन्फोसिस ने गुरुवार को 18,000 करोड़ रुपये के शेयर बायबैक की घोषणा की, जिसमें 1,800 रुपये प्रति शेयर के औसत भाव पर 10 करोड़ शेयर खरीदे जाएंगे। यह कीमत उसके 1,509.50 रुपये के हालिया बंद भाव से 19.3% अधिक है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि इस कदम से निवेशकों का भरोसा बढ़ेगा और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) और विप्रो जैसी बड़ी आईटी कंपनियों को भी बायबैक ऑफर की राह पर बढ़ने के लिए प्रेरित कर सकता है। मॉर्गन स्टेनली और CLSA के विश्लेषकों के अनुसार, पिछले बायबैक और मौजूदा शेयर मार्केट परिस्थितियों के मद्देनजर टीसीएस और विप्रो संभावित उम्मीदवार हो सकते हैं।

इन्फोसिस का पिछला बायबैक इतिहास

इन्फोसिस ने पहले भी कई बार शेयर बायबैक किया है। वर्ष 2017 में इन्फोसिस ने 13,000 करोड़ रुपये खर्च करके 1,150 करोड़ रुपये के औसत भाव पर 11.3 करोड़ शेयर खरीदे थे। 2019 में कंपनी ने 8,260 करोड़ रुपये में 747 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से 11.05 करोड़ शेयर खरीदे। 2021 और 2022 में भी इन्फोसिस ने क्रमशः 9,200 करोड़ रुपये और 9,300 करोड़ रुपये के निवेश से शेयर पुनर्खरीद की।

इन सभी कदमों का उद्देश्य कंपनी के मुक्त नकदी प्रवाह का अधिकतम हिस्सा निवेशकों को लौटाना रहा है। इन्फोसिस ने स्पष्ट किया है कि अगले पांच वर्षों में वह अर्ध-वार्षिक लाभांश, बायबैक और विशेष लाभांश के माध्यम से लगभग 85 प्रतिशत नकदी वापस करने की योजना रखती है।

बाजार और निवेशकों पर असर

मुंबई के वरिष्ठ बाजार विश्लेषकों के अनुसार, इन्फोसिस का बायबैक काफी सकारात्मक संकेत है। यह कदम निवेशकों के भरोसे को बढ़ाने और शेयर बाजार में गिरावट को रोकने में मदद करेगा। आईटी क्षेत्र में मौजूदा अस्थिरता और शेयरों के बेहतर प्रदर्शन के लिए मजबूत ट्रिगर्स की कमी को देखते हुए यह बायबैक विशेष महत्व रखता है।

मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के उपाध्यक्ष अभिषेक पाठक ने कहा कि बायबैक का उद्देश्य मुख्य रूप से शेयरधारकों को नकदी लौटाना है, न कि व्यापार चक्र के बारे में संकेत देना। उन्होंने यह भी कहा कि बड़ी आईटी कंपनियां हर 18-24 महीने में शेयर बायबैक की पेशकश करती हैं, इसलिए यह एक नियमित प्रक्रिया है।

टीसीएस और विप्रो के लिए संकेत

विश्लेषकों का मानना है कि इन्फोसिस का यह कदम टीसीएस और विप्रो जैसी कंपनियों के लिए भी प्रेरणा का काम करेगा। सीएलएसए के विश्लेषकों ने कहा कि कमजोर मांग वाले माहौल में बायबैक विश्वास बहाली के उपाय के रूप में काम करता है। टीसीएस के पिछले पांच बायबैक उदाहरणों से पता चलता है कि शुरुआती घोषणा से लेकर बायबैक बंद होने तक कंपनी के शेयर की कीमत पर तकनीकी सहायता मिली।

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने पहले ही कहा था कि बायबैक का समय ‘दिलचस्प’ है और यह स्थिरता का संकेत देता है। टीसीएस और विप्रो के पिछले बायबैक के 12 महीने से अधिक समय हो चुके हैं, जिससे उन्हें अगले संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है।

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