जारो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड रिसर्च लिमिटेड का ₹450 करोड़ का आईपीओ 23 सितंबर से खुल गया है। आईपीओ में ₹170 करोड़ नए शेयर जारी होंगे और ऑफर फॉर सेल के जरिए प्रमोटर अपनी हिस्सेदारी हल्की करेंगे। कंपनी के फंड का उपयोग मार्केटिंग, कर्ज चुकाने और कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।
Jaro Institute IPO: जारो इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट एंड रिसर्च लिमिटेड (जारो एडुकेशन) का ₹450 करोड़ का आईपीओ 23 सितंबर से खुल चुका है और 25 सितंबर को बंद होगा। इस आईपीओ में ₹846-₹890 के प्राइस बैंड पर 16 शेयरों के लॉट में निवेश किया जा सकता है। कंपनी नए शेयरों से ₹81 करोड़ मार्केटिंग, ₹45 करोड़ कर्ज और बाकी कॉरपोरेट उद्देश्यों में खर्च करेगी। इसके अलावा प्रमोटर ऑफर फॉर सेल के तहत अपनी हिस्सेदारी भी बेचेंगे। जारो एडुकेशन ऑनलाइन हायर एजुकेशन और अपस्किलिंग प्लेटफॉर्म है, जो 36 पार्टनर इंस्टीट्यूशंस के माध्यम से डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स ऑफर करती है।
प्राइस बैंड और लॉट साइज
जारो इंस्टीट्यूट के आईपीओ में प्राइस बैंड ₹846 से ₹890 रखा गया है। निवेशक 16 शेयरों के लॉट में निवेश कर सकते हैं। यह आईपीओ कुल ₹450 करोड़ का है, जिसमें नए शेयरों और ऑफर फॉर सेल दोनों शामिल हैं।
आईपीओ 23 सितंबर को खुला और 25 सितंबर 2025 को बंद होगा। शेयर अलॉटमेंट 26 सितंबर को फाइनल होगा। इसके बाद 30 सितंबर को बीएसई और एनएसई पर शेयरों की लिस्टिंग की जाएगी।
एंकर निवेशक और ग्रे मार्केट प्रीमियम
आईपीओ खुलने से पहले 19 एंकर निवेशकों से ₹135 करोड़ जुटाए गए। इन एंकर निवेशकों को 15,16,853 शेयर ₹890 के भाव पर जारी किए गए। ग्रे मार्केट में जारो एजुकेशन के शेयर आईपीओ के अपर प्राइस बैंड से ₹122 यानी 13.71% की प्रीमियम पर ट्रेड कर रहे हैं। हालांकि मार्केट एक्सपर्ट्स का कहना है कि निवेश के फैसले में ग्रे मार्केट प्रीमियम से ज्यादा कंपनी के फंडामेंटल्स और वित्तीय सेहत को ध्यान में रखना चाहिए।
कितने शेयर होंगे जारी
आईपीओ के तहत ₹170 करोड़ के नए शेयर जारी किए जाएंगे। इसके अलावा 31,46,067 शेयर ऑफर फॉर सेल के माध्यम से बिक्री के लिए रखे गए हैं। इस OFS के जरिए प्रमोटर संजय नामदेव सालुंके अपनी हिस्सेदारी हल्की करेंगे।
रजिस्ट्रार और अलॉटमेंट
जारो इंस्टीट्यूट के आईपीओ का रजिस्ट्रार बिगशेयर सर्विसेज है। शेयर अलॉटमेंट के बाद निवेशक बिगशेयर की वेबसाइट पर जाकर अपने शेयर की स्थिति चेक कर सकते हैं। इसके अलावा बीएसई और एनएसई की वेबसाइट पर भी अलॉटमेंट स्टेटस उपलब्ध रहेगा।
आईपीओ से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल
नए शेयरों के माध्यम से जुटाए गए ₹170 करोड़ में से ₹81 करोड़ मार्केटिंग, ब्रांड बिल्डिंग और एडवरटाइजिंग में खर्च होंगे। ₹45 करोड़ कर्ज चुकाने में इस्तेमाल होंगे और बाकी राशि कॉरपोरेट उद्देश्यों के लिए रखी जाएगी। ऑफर फॉर सेल से प्राप्त राशि प्रमोटर को मिलेगी।
कंपनी की प्रोफाइल
जारो इंस्टीट्यूट की स्थापना 2009 में हुई थी। यह कंपनी ऑनलाइन हायर एजुकेशन और अपस्किलिंग प्लेटफॉर्म के तौर पर कार्य करती है। मार्च 2025 तक कंपनी के पास 22 ऑफिस और लर्निंग सेंटर थे। इसके अलावा आईआईएम के 17 कैंपस में इम्मर्सिव टेक स्टूडियो भी हैं।
कंपनी 36 पार्टनर इंस्टीट्यूशंस को अपनी सेवाएं देती है। जारो एजुकेशन बीसीए, बीकॉम, एमसीए, एमबीए, एमकॉम, एमए, पीजीडीएम, एमएससी जैसे डिग्री कोर्स और विभिन्न सर्टिफिकेट प्रोग्राम ऑनलाइन उपलब्ध कराती है। मार्च 2025 तक इसके पोर्टफोलियो में 268 डिग्री और सर्टिफिकेट कोर्स शामिल हैं।
कारोबारी और वित्तीय सेहत
वित्त वर्ष 2025 में कंपनी ने ₹254.02 करोड़ की टोटल इनकम हासिल की और ₹51.67 करोड़ का शुद्ध मुनाफा कमाया। इसके अलावा कंपनी का कुल कर्ज ₹51.11 करोड़ था और रिजर्व एवं सरप्लस ₹151.31 करोड़ थे। यह आंकड़े कंपनी की मजबूत वित्तीय स्थिति को दर्शाते हैं।