राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) ने मंगलवार को राज्य में होने वाले आगामी नगर निकाय चुनावों में विपक्ष की बैलेट पेपर से मतदान कराने की मांग का समर्थन किया।
मुंबई: महाराष्ट्र में आगामी नगर निकाय चुनाव को लेकर राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) ने बैलेट पेपर से चुनाव कराने की विपक्षी मांग का समर्थन किया है। एमएनएस नेताओं का कहना है कि बैलेट पेपर का इस्तेमाल चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और जनता का भरोसा बढ़ाने के लिए जरूरी है।एमएनएस के नेताओं ने राज्य चुनाव आयुक्त से मुलाकात कर अपनी मांगों की सूची सौंपी। इस प्रतिनिधिमंडल में वीवीपैट (Voter Verified Paper Audit Trail) के इस्तेमाल की भी बात शामिल थी।
वीवीपैट तकनीक इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) के वोट डालने के बाद मतदाता को एक पेपर स्लिप देती है, जिससे वह सुनिश्चित कर सकता है कि उसका वोट सही उम्मीदवार को गया है। एमएनएस का कहना है कि ईवीएम और वीवीपैट के उपयोग के बावजूद बैलेट पेपर से चुनाव कराने की प्रक्रिया जनता का भरोसा और बढ़ा सकती है।
मतदाता सूची पर चिंता
एमएनएस नेता शिरीष सावंत ने कहा कि मतदाता सूची में संभावित गड़बड़ी है और इसे गंभीरता से जांचने की आवश्यकता है। उन्होंने जोर देकर कहा, हम चाहते हैं कि चुनाव पूरी तरह पारदर्शी हों ताकि कोई भी नतीजों पर सवाल न उठा सके। जनता को विश्वास होना चाहिए कि लोकतंत्र में उनकी आवाज सही तरीके से दर्ज हो रही है।
एमएनएस नेता बाला नंदगांवकर ने भी जनता की चिंता पर जोर देते हुए कहा, “लोग महसूस कर रहे हैं कि लोकतंत्र खतरे में है। अगर राजनीतिक एकजुटता के बावजूद सत्ता में आने की चुनौती है, तो बैलेट पेपर से चुनाव कराने में क्या समस्या हो सकती है?”
शिवसेना (UBT) का समर्थन
इस मुद्दे में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट) भी एमएनएस के साथ है। शिवसेना लंबे समय से ईवीएम के बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रही है। उनका कहना है कि बैलेट पेपर से चुनाव प्रक्रिया अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनती है। शिवसेना और एमएनएस दोनों का मानना है कि जनता के बीच चुनावों के प्रति भरोसा बनाए रखना लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है। बैलेट पेपर की प्रक्रिया से मतदाता यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि उनका वोट सही उम्मीदवार को गया है, जिससे चुनाव परिणामों पर किसी भी तरह का विवाद कम होगा।
एमएनएस का कहना है कि वर्तमान समय में मतदाता सूची में गड़बड़ी और ईवीएम पर सवाल उठने के कारण जनता का विश्वास कम हो रहा है। उन्होंने राज्य चुनाव आयोग से आग्रह किया है कि मतदाता सूची की पूरी तरह से जांच की जाए और चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी बनाया जाए। राज्य में नगर निकाय चुनाव कई महत्वपूर्ण शहरों में होने वाले हैं और इन चुनावों का राजनीतिक माहौल पर सीधा असर पड़ता है। एमएनएस और शिवसेना (UBT) का बैलेट पेपर से चुनाव कराने का समर्थन इस दिशा में एक मजबूत संदेश माना जा रहा है।