पीएम मोदी की प्रशंसा को लेकर शशि थरूर पर कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने तंज कसा। जवाब में थरूर ने कहा—पंख अपने हैं, उड़ने के लिए इजाजत की जरूरत नहीं।
Delhi: कांग्रेस नेता शशि थरूर की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सार्वजनिक प्रशंसा को लेकर पार्टी के अंदर विरोध के सुर तेज हो गए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को बिना नाम लिए थरूर पर कटाक्ष किया। इसके जवाब में थरूर ने सोशल मीडिया पर एक ऐसा संदेश साझा किया, जिसे पार्टी के प्रति उनकी नाराजगी के संकेत के रूप में देखा जा रहा है।
थरूर का जवाब सोशल मीडिया पर
खड़गे के बयान के कुछ घंटों बाद शशि थरूर ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) अकाउंट पर एक पोस्ट साझा किया जिसमें लिखा था – “पंख आपके हैं, उड़ने के लिए इजाजत की जरूरत नहीं। आसमान किसी का नहीं है।”
थरूर ने पीएम मोदी को बताया ‘भारत की प्रमुख संपत्ति’
हाल ही में शशि थरूर विदेशों में भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के संबंध में पाकिस्तान को बेनकाब करने वाले प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को “भारत की एक प्रमुख संपत्ति” यानी prime asset बताया। थरूर के इस बयान को भाजपा ने भी प्रचारित किया और कांग्रेस के भीतर कई नेताओं ने इसे पार्टी लाइन से हटकर बयान माना।
मल्लिकार्जुन खड़गे का अप्रत्यक्ष कटाक्ष
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने बुधवार को गुलबर्गा में एक बयान में कहा, “थरूर की भाषा बहुत अच्छी है, इसलिए उन्हें कांग्रेस वर्किंग कमेटी में जगह दी गई। लेकिन जब मैंने कहा कि हम एक स्वर में देश के लिए खड़े हैं, ऑपरेशन सिंदूर में एकजुट थे, तब कुछ लोग कहते हैं कि मोदी पहले, देश बाद में। अब हम क्या करें?”
पार्टी के अंदर विरोध अब सार्वजनिक
शशि थरूर पर पहले भी प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करने को लेकर सवाल उठते रहे हैं, लेकिन अब यह विरोध दबी जुबान तक सीमित नहीं रहा। पार्टी के कई वरिष्ठ नेता अब सार्वजनिक रूप से इस मुद्दे पर बोलने लगे हैं। कांग्रेस पार्टी, जो अक्सर पीएम मोदी की नीतियों का विरोध करती है, उसके ही एक वरिष्ठ नेता द्वारा बार-बार सराहना करने से पार्टी लाइन कमजोर होती दिख रही है।
थरूर की भूमिका रही है अहम
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विदेश गए प्रतिनिधिमंडल में थरूर ने बड़ी भूमिका निभाई थी। उन्होंने अमेरिका यात्रा के दौरान भारत के रुख को अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से रखा। इसी दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री की भूमिका की सराहना करते हुए उन्हें भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि के लिए फायदेमंद बताया था।