बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों के तहत मतदाता पुनरीक्षण प्रक्रिया (SIR) तेजी से चल रही है। इसी दौरान चुनाव आयोग ने राज्य के मौजूदा मतदाताओं, नए वोटरों और अपना निवास स्थान बदलने वाले मतदाताओं के लिए दस्तावेजों से जुड़ी प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया है।
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच चुनाव आयोग ने मतदाता सूची (Voter List) को लेकर बड़े बदलाव करने का फैसला लिया है। खासतौर पर फॉर्म 6 और फॉर्म 8 से जुड़े नियमों में संशोधन किया गया है। यह बदलाव सिर्फ बिहार में नहीं, बल्कि पूरे देश में लागू हो सकता है। चुनाव आयोग का मकसद है कि वोटर लिस्ट को पूरी तरह सटीक और नागरिकता कानून (Citizenship Act, 2003) के अनुरूप अपडेट किया जाए।
क्या है फॉर्म 6 और फॉर्म 8?
- फॉर्म 6: नए मतदाता (New Voter) जो पहली बार वोटर लिस्ट में नाम जुड़वाना चाहते हैं, उनके लिए फॉर्म 6 अनिवार्य होता है। इसके तहत अब तक जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण देना होता था।
- फॉर्म 8: अगर कोई व्यक्ति निवास बदलता है या वोटर लिस्ट में किसी प्रकार का सुधार कराना चाहता है, तो उसे फॉर्म 8 भरना होता है।
चुनाव आयोग ने साफ किया है कि अब जो लोग बिहार में नए वोटर बनना चाहते हैं या दूसरे राज्य से आकर यहां रह रहे हैं, उन्हें सिर्फ अपना बर्थ सर्टिफिकेट देना काफी नहीं होगा।
नए दस्तावेजों की लिस्ट
- जन्म प्रमाण पत्र (Birth Certificate)
- माता-पिता के दस्तावेज का प्रमाण (Parents’ Document Proof)
- 'अतिरिक्त घोषणा पत्र' (Additional Declaration Form)
अतिरिक्त घोषणा पत्र में क्या भरना होगा?
इस फॉर्म में व्यक्ति को यह लिखित घोषणा देनी होगी कि वह भारत का नागरिक है और उसके माता-पिता भी भारत में जन्मे हैं। साथ ही माता-पिता के दस्तावेज भी संलग्न करने होंगे। चुनाव आयोग के नए नियमों के तहत जिन लोगों का जन्म 1 जुलाई 1987 के बाद हुआ है, उन्हें अपने या माता-पिता में से किसी एक का दस्तावेज देना जरूरी है। वहीं, जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है, उन्हें अपने और अपने माता-पिता दोनों के दस्तावेज देने होंगे।
समस्या कहाँ हो रही है?
जिन लोगों के माता-पिता नहीं हैं या उनके पास दस्तावेज नहीं हैं, उनके लिए स्थिति अभी स्पष्ट नहीं की गई है।
कई लोग ऐसे भी हैं जिनके पास अपने माता-पिता का जन्म प्रमाण पत्र नहीं है, जिससे उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है।
क्यों किया जा रहा है यह बदलाव?
चुनाव आयोग चाहता है कि वोटर लिस्ट Citizenship (Amendment) Act, 2003 के अनुसार हो, ताकि यह साफ रहे कि कोई भी गैर-नागरिक वोटर लिस्ट में शामिल न हो। इसलिए अब हर नए वोटर को यह प्रमाण देना होगा कि वह और उसके माता-पिता भारत के नागरिक हैं। बिहार में SIR (Special Intensive Revision) प्रक्रिया के तहत यह नियम फिलहाल लागू किया गया है। बिहार में इसका फीडबैक देखने के बाद इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।