मथुरा के वृंदावन स्थित ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में दर्शन समय बढ़ा दिया गया है। 30 सितंबर 2025 से भक्तों को करीब ढाई घंटे अधिक समय मिलेगा, जिससे भीड़ प्रबंधन और दर्शन दोनों सुगम होंगे।
मथुरा: वृंदावन स्थित विश्व प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भक्तों की लंबे समय से चली आ रही मांग को ध्यान में रखते हुए दर्शन समय में ऐतिहासिक बदलाव किया गया है। हाई लेवल मैनेजमेंट कमेटी की बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि 30 सितंबर 2025 से ठाकुर जी के दर्शन लगभग 2 घंटे 45 मिनट अतिरिक्त समय तक संभव होंगे। यह फैसला नवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं को बेहतर और सुरक्षित व्यवस्था देने की दिशा में अहम माना जा रहा है।
मंदिर में दर्शन समय बढ़ाने का बड़ा फैसला
मंदिर में दर्शन समय बढ़ाने को लेकर पिछले कई महीनों से विभिन्न पक्षों के बीच गहन विमर्श चल रहा था। श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या और भीड़-भाड़ के चलते बार-बार सुरक्षा और सुविधा से जुड़ी समस्याएँ सामने आ रही थीं। इस कारण समिति ने बार-बार बैठकें कीं और आखिरकार पांचवीं बैठक में सर्वसम्मति से अंतिम निर्णय लिया गया।
कमेटी के अध्यक्ष, सदस्य और गोस्वामी समाज के प्रतिनिधियों ने लिखित सहमति देकर बदलाव को हरी झंडी दिखाई। समिति का मानना है कि दर्शन समय बढ़ने से भक्तों को न केवल लंबी कतारों से राहत मिलेगी बल्कि भीड़ प्रबंधन में भी काफी सुविधा होगी।
भक्तों के लिए मंदिर दर्शन का नया समय तय
नई व्यवस्था के अनुसार सुबह सेवायत मंदिर में प्रवेश 6 बजे करेंगे और दर्शन 7 बजे से शुरू होंगे। श्रृंगार आरती 7:10 पर होगी, इसके बाद 12:30 बजे तक ठाकुर जी के राजभोग सेवा का क्रम चलेगा। दोपहर 1:30 बजे सेवायत निज मंदिर से बाहर आएंगे।
शाम की सेवा 3:15 बजे से आरंभ होगी और 4:15 बजे से श्रद्धालु पुनः दर्शन कर सकेंगे। रात में 9:25 बजे शयन आरती के साथ झांकी का समापन होगा और 9:30 पर पर्दा बंद हो जाएगा। इस तरह रात 10:30 बजे तक सेवायत मंदिर से बाहर आएंगे।
भक्तों को मिलेगा अतिरिक्त समय और सुविधा
पहले दर्शन समय सीमित होने के कारण हजारों भक्तों को घंटों लंबी लाइन में खड़ा रहना पड़ता था। खासकर नवरात्रि, जन्माष्टमी और विशेष त्योहारों पर स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो जाती थी। अब समय बढ़ने से भक्तों को ज्यादा अवसर मिलेगा और वे आराम से ठाकुर जी के दर्शन कर पाएंगे।
शाम के समय जब भीड़ सबसे अधिक होती है, उस वक्त अतिरिक्त समय मिलने से व्यवस्था सहज हो सकेगी। प्रशासन का मानना है कि इससे श्रद्धालुओं के अनुभव में सकारात्मक बदलाव आएगा और भीड़ नियंत्रण में भी बड़ी मदद मिलेगी।