बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं के लिए बड़ा ऐलान किया है। राज्य सरकार ने अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है। इसके साथ ही उद्योग लगाने और स्वरोजगार करने वाले उद्यमियों को कई विशेष सुविधाएं देने की घोषणा की गई है।
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने युवाओं को बड़ा राजनीतिक संदेश दिया है। उन्होंने ऐलान किया कि राज्य सरकार अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराएगी। नीतीश ने बताया कि 2020 में सात निश्चय-2 के तहत किए गए वादे के अनुरूप अब तक 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य पूरा किया जा चुका है।
अपने नए संकल्प में उन्होंने कहा कि सरकार उद्योग और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए उद्यमियों को विशेष आर्थिक पैकेज और कई तरह की सुविधाएँ देगी, ताकि राज्य में रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ सकें।
सात निश्चय-2 से नए लक्ष्य तक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर लिखा: 2020 में सात निश्चय-2 के तहत की गई घोषणा के क्रम में हमारी सरकार ने 50 लाख युवाओं को सरकारी नौकरी एवं रोजगार देने के लक्ष्य को पूरा कर लिया है। अब अगले 5 वर्षों में 1 करोड़ युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देने का लक्ष्य रखा गया है।
- उद्योगों को मिलेगा विशेष आर्थिक पैकेज
- सरकार ने निजी क्षेत्र को प्रोत्साहित करने और बिहार में उद्योगों का विस्तार करने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की है। इसके तहत:
- कैपिटल सब्सिडी, ब्याज सब्सिडी और GST प्रोत्साहन राशि को दोगुना किया जाएगा।
- उद्योग लगाने के लिए सभी जिलों में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी।
- अधिक रोजगार देने वाले उद्योगों को मुफ्त में जमीन दी जाएगी।
- उद्योग से संबंधित भूमि विवादों का जल्द समाधान किया जाएगा।
- ये सभी सुविधाएं अगले 6 महीने में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को दी जाएंगी।
- सरकार का मानना है कि इन प्रावधानों से राज्य में निवेश बढ़ेगा और युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
मुफ्त जमीन देने का क्या होगा असर?
बिहार जैसे राज्य, जहां उद्योगों की संख्या सीमित है और युवाओं का बड़ा हिस्सा पलायन करता है, वहां यह घोषणा बेहद अहम मानी जा रही है। अगर मुफ्त जमीन और अन्य वित्तीय रियायतें सही तरीके से लागू हुईं तो राज्य में मैन्युफैक्चरिंग, टेक्सटाइल, फूड प्रोसेसिंग और सर्विस सेक्टर में तेजी आ सकती है।विशेषज्ञों का कहना है कि मुफ्त जमीन और आर्थिक पैकेज न केवल उद्यमियों को आकर्षित करेगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर छोटे और मझोले उद्योगों को भी मजबूती देगा। इससे युवाओं को अपने ही राज्य में काम करने का अवसर मिलेगा।
सरकार का कहना है कि केवल बड़े उद्योग ही नहीं, बल्कि स्वरोजगार करने वाले युवाओं को भी सुविधाएं दी जाएंगी। इससे माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइज (MSME) सेक्टर को बल मिलेगा। नीतीश कुमार का लक्ष्य है कि ग्रामीण और शहरी स्तर पर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाया जाए, ताकि राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सके।