पंजाब में रावी नदी में बाढ़ ने भारत-पाक सीमा के इलाके तहस-नहस कर दिए। 30 किलोमीटर बॉर्डर फेंसिंग बह गई, बीएसएफ की कई चौकियां डूब गईं। हजारों लोगों और मवेशियों को सुरक्षित निकाला गया, राहत कार्य जारी हैं।
चंडीगढ़: पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में रावी नदी का उफान कई जिलों में तबाही मचा रहा है। तेज बहाव ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर लगभग 30 किलोमीटर लंबी लोहे की फेंसिंग बहा दी और कई सुरक्षा चौकियां पानी में डूब गईं।
गुरदासपुर, अमृतसर और पठानकोट जिलों में बाढ़ के कारण दर्जनों बांध टूट गए हैं। बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन ने प्रभावित इलाकों में तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू किया। अधिकारियों के अनुसार, सभी जवान और सुरक्षा उपकरण सुरक्षित हैं, लेकिन स्थिति गंभीर बनी हुई है।
गुरदासपुर में 30-40 चौकियां पानी में डूबीं
बीएसएफ पंजाब फ्रंटियर के डीआईजी ए.के. विद्यार्थी ने पुष्टि की कि गुरदासपुर में लगभग 30 से 40 चौकियां पानी में डूब गईं, जिनमें सभी जवानों और उपकरणों को सुरक्षित निकाल लिया गया।
अमृतसर, गुरदासपुर और फिरोज़पुर सेक्टर में लगभग 30 किलोमीटर लंबी सीमा फेंसिंग को भारी नुकसान हुआ है। बावजूद इसके, बीएसएफ जवान लगातार गश्त और राहत कार्यों में जुटे हुए हैं।
पाकिस्तान रेंजर्स ने भी अपनी चौकियां खाली की
सोशल मीडिया पर वायरल हुई तस्वीरों में अमृतसर के शहज़ादा गांव का एक परिवार बीएसएफ की कमलपुर चौकी में शरण लेता दिखा। बीएसएफ जवानों ने पानी बढ़ने के कारण चौकी खाली कराई।
करतारपुर कॉरिडोर के पास स्थित प्रतिष्ठित बीएसएफ पोस्ट भी पानी में डूब गया। इसके बाद जवानों ने गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक साहिब में शरण ली। रावी नदी ने ज़ीरो लाइन के दोनों ओर बाढ़ ला दी, और पाकिस्तान रेंजर्स को भी अपनी चौकियां खाली करनी पड़ीं।
अमृतसर और पठानकोट में बांधों को नुकसान
गुरदासपुर सिंचाई विभाग ने बताया कि जिले में 28 जगह बांध टूट चुके हैं। अमृतसर में 10–12 जगह दरारें आई हैं, जबकि पठानकोट में एक दो किलोमीटर लंबा बांध पूरी तरह बह गया।
कुछ स्थानों पर पानी से बने गैप 500 से 1000 फीट तक चौड़े हैं। इनमें करतारपुर साहिब के पास का इलाका भी शामिल है। बाढ़ के बावजूद बीएसएफ ने गश्त जारी रखी और अफरातफरी का फायदा उठाने की कोशिश में एक तस्कर को पकड़ा गया।
राहत और बचाव कार्यों जारी
बीएसएफ और स्थानीय प्रशासन ने फिरोज़पुर में 1,500 लोगों और अबोहर में एक हजार से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित निकाला। मेडिकल और पशु चिकित्सा शिविर रोज़ाना चलाए जा रहे हैं ताकि बाढ़ के पानी से उत्पन्न बीमारियों और पशुओं की देखभाल सुनिश्चित की जा सके।
बीएसएफ प्रवक्ता ने बताया कि अफरातफरी का फायदा उठाने की कोशिश में एक तस्कर को भी पकड़ा गया। राहत कार्य और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जवान लगातार बाढ़ प्रभावित इलाकों में डटे हुए हैं।