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राजस्थान में मॉनसून का कहर, भारी बारिश से 193 मौतें, मंत्री बोले 13 लोग रील बनाते मारे गए

राजस्थान में मॉनसून का कहर, भारी बारिश से 193 मौतें, मंत्री बोले 13 लोग रील बनाते मारे गए

राजस्थान में मॉनसून की भारी बारिश से अब तक 193 लोगों की मौत हुई, जिनमें 13 लोगों की जान सोशल मीडिया रील बनाने के दौरान गई। मंत्री किरोड़ी मीणा ने प्रभावितों के परिजनों को मुआवजा और राहत का आश्वासन दिया।

जयपुर: राजस्थान में इस साल मॉनसून की बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है। भारी बारिश और बाढ़ के चलते अब तक 193 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें से 13 लोग सोशल मीडिया रील बनाने के दौरान जोखिम भरे हालात में बहकर मौत के शिकार हो गए। राज्य के कृषि एवं आपदा राहत मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने सोमवार को इस आपदा के आंकड़े साझा किए और मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया।

मंत्री ने कहा कि आपदा राहत में उनका कर्तव्य है कि वे खुद मौके पर जाएँ और प्रभावित लोगों की मदद करें। उन्होंने इस दौरान अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनके लिए आपदा राहत का काम सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, बल्कि समाज के प्रति कर्तव्य है।

हालिया मॉनसून में भारी बारिश और जनहानि

डॉ. किरोड़ी मीणा ने बताया कि हालिया मॉनसून में प्रदेश के विभिन्न जिलों में भारी बारिश हुई है। पानी में बहने, बिजली गिरने और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण कुल 193 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। सबसे अधिक चिंता का विषय यह है कि कुछ मौतें ऐसे असामान्य कारणों से हुई हैं, जैसे सोशल मीडिया रील बनाने के दौरान।

उन्होंने लोगों से निवेदन किया कि जोखिम भरे कामों से दूर रहें। मंत्री ने कहा, “हमारा उद्देश्य यह है कि किसी भी आपदा के दौरान लोगों की जान सुरक्षित रहे और उन्हें समय पर राहत मिल सके। ऐसे हादसों से सबक लेने की जरूरत है।”

मंत्री डॉ. किरोड़ी का आपदा निरीक्षण

डॉ. किरोड़ी ने कहा कि मंत्री होने के नाते उनका कर्तव्य है कि वे बाढ़ या प्राकृतिक आपदा के दौरान प्रभावित इलाकों का दौरा करें। चाहे बिजली गिरने का खतरा हो या मकान गिरने का, मंत्री स्वयं मौके पर पहुंचते हैं और राहत कार्यों का निरीक्षण करते हैं।

उन्होंने यह भी बताया कि 2003 से 2008 के बीच वे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में भी आपदा राहत मंत्री रह चुके हैं। अब दो दशक बाद उन्हें फिर से यह जिम्मेदारी दी गई है। मजाकिया अंदाज में उन्होंने कहा कि शायद उनका पिछला रिकॉर्ड देखकर ही यह विभाग उन्हें सौंपा गया।

मृतकों के परिजनों को मुआवजे का आश्वासन

मंत्री ने मृतकों के परिजनों के लिए सरकार की तरफ से मुआवजे का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि राजस्थान में डबल इंजन की सरकार है और आपदा राहत के लिए संसाधनों की कमी नहीं होगी। “मृतकों के परिजनों को उचित मुआवजा मिलेगा और हर प्रभावित व्यक्ति को राहत पहुंचाई जाएगी।”

डॉ. मीणा ने बताया कि आपदा राहत कार्य में उनका अनुभव वर्षों से लगातार मददगार साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि हर जिले में राहत शिविरों, भोजन, मेडिकल सहायता और बचाव दल की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है।

मंत्री ने पुरानी आपदा की मदद का अनुभव साझा किया

अपने संबोधन में डॉ. किरोड़ी ने एक पुराना किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि एक बार सवाई माधोपुर जाते समय उन्हें लालसोट में एक बिजली गिरने की घटना का पता चला, जिसमें एक व्यक्ति और उसकी दो बकरियों की मौत हो गई। इसके बाद उसकी पत्नी बेसहारा रह गई।

उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को फोन किया और मदद की गुहार लगाई। तत्काल आदेश जारी किया गया और महिला को 50 हजार रुपए की सहायता राशि दी गई। मंत्री ने कहा कि यह घटना उन्हें आज भी याद है और इसके लिए वे पूर्व मुख्यमंत्री के आभारी हैं।

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