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रूस में WhatsApp की छुट्टी, अब MAX ऐप लेगा उसकी जगह — जानें क्यों और कैसे करेगा काम ये नया मैसेजिंग प्लेटफॉर्म

रूस में WhatsApp की छुट्टी, अब MAX ऐप लेगा उसकी जगह — जानें क्यों और कैसे करेगा काम ये नया मैसेजिंग प्लेटफॉर्म

नई दिल्ली: रूस ने विदेशी मैसेजिंग ऐप्स पर निर्भरता को खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने घोषणा की है कि 1 सितंबर 2025 से सभी सरकारी अधिकारियों के लिए नया देशी मैसेजिंग ऐप 'MAX' का उपयोग अनिवार्य होगा। यह निर्णय डेटा सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों की रक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

WhatsApp की जगह क्यों ला रहे हैं MAX ऐप?

यूक्रेन युद्ध के बाद से रूस ने अमेरिका की टेक कंपनियों पर सख्त रुख अपनाया है। मेटा (Meta), जो WhatsApp और Facebook जैसी सेवाओं का संचालन करती है, को रूस ने पहले ही 'चरमपंथी संगठन' घोषित कर रखा है।
रिपोर्टों के अनुसार, रूस में करीब 68% लोग रोज़ाना WhatsApp का उपयोग करते हैं। अब सरकार नहीं चाहती कि सरकारी अधिकारी विदेशी प्लेटफॉर्म्स पर संवाद करें। इसलिए एक स्थानीय और पूर्णतः नियंत्रित मैसेजिंग प्लेटफॉर्म MAX को अपनाया जा रहा है, ताकि डेटा देश के भीतर ही सुरक्षित रहे और संवेदनशील जानकारी बाहरी ताकतों तक न पहुंचे।

MAX ऐप क्या है और इसे किसने बनाया?

MAX ऐप को रूस की जानी-मानी टेक कंपनी VK ने विकसित किया है। VK वही कंपनी है जो ‘VK Video’ नामक प्लेटफॉर्म भी चलाती है, जो रूस का यूट्यूब जैसा वीडियो प्लेटफॉर्म है। VK की स्थापना पावेल ड्यूरोव ने की थी, जो बाद में टेलीग्राम के संस्थापक बने।

हालांकि, MAX ऐप WhatsApp या Telegram जैसा पारंपरिक मैसेजिंग प्लेटफॉर्म नहीं है। यह ऐप सरकार को यूज़र्स की गहराई से निगरानी करने की क्षमता देता है। इसमें कैमरा, माइक्रोफोन, लोकेशन, फाइल्स, कॉन्टैक्ट्स जैसी जानकारी तक पूरी पहुंच होती है। इसके अलावा यह ऐप बैकग्राउंड में डिवाइस को पूरी तरह एक्सेस कर सकता है, जिससे प्राइवेसी को लेकर चिंताएं और बढ़ गई हैं।

कब से लागू होगा MAX?

रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने आदेश जारी किया है कि 1 सितंबर 2025 से सभी सरकारी अधिकारियों को अनिवार्य रूप से MAX ऐप का उपयोग करना होगा। इसके साथ ही रूस ने उन विदेशी ऐप्स को भी बैन करने की योजना बनाई है जो उन देशों से जुड़े हैं जिन्होंने रूस पर आर्थिक या राजनीतिक प्रतिबंध लगाए हैं। यह कदम रूस की डिजिटल संप्रभुता (Digital Sovereignty) को और मजबूत बनाने की दिशा में देखा जा रहा है।

प्राइवेसी को लेकर क्या हैं चिंताएं?

तकनीकी विशेषज्ञ और मानवाधिकार संगठनों ने MAX ऐप को लेकर गहरी चिंता जताई है। कई रिपोर्ट्स का दावा है कि यह ऐप एक तरह का स्पायवेयर बन सकता है। यह यूज़र का हर कदम मॉनिटर करता है और निजी डेटा VK के सर्वर पर भेज सकता है, जो कथित रूप से रूसी सुरक्षा एजेंसियों से जुड़े हो सकते हैं। इससे नागरिकों की स्वतंत्रता और निजता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

क्या WhatsApp और Telegram भी होंगे बैन?

रूस पहले ही Facebook और Instagram जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को बैन कर चुका है। अब संकेत मिल रहे हैं कि WhatsApp को भी जल्द ही पूरी तरह प्रतिबंधित किया जा सकता है। वहीं Telegram, जो रूसी मूल का ही ऐप है, लेकिन अब पूरी तरह स्वतंत्र रूप से संचालित होता है, वो भी सरकारी रडार पर आ गया है क्योंकि वह रूसी डेटा नियमों का पूरी तरह पालन नहीं करता।

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