भारत के खिलाफ जारी टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड के अनुभवी बल्लेबाज जो रूट ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि वे क्यों दुनिया के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाजों में गिने जाते हैं। उन्होंने सीरीज में 537 रन बनाकर दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज का स्थान हासिल किया है।
स्पोर्ट्स न्यूज़: इंग्लैंड के अनुभवी बल्लेबाज जो रूट इन दिनों ग़जब की फॉर्म में हैं और उनके बल्ले से लगातार रन निकल रहे हैं। उनका प्रदर्शन न केवल इंग्लैंड के लिए अहम रहा है, बल्कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट इतिहास के सबसे बड़े रनों के रिकॉर्ड की ओर भी तेज़ी से कदम बढ़ा दिए हैं। वह अब महान भारतीय बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के उस रिकॉर्ड के बेहद करीब हैं, जिसे दशकों से अजेय माना जाता रहा है।
भारत के खिलाफ टेस्ट सीरीज में शानदार प्रदर्शन
भारत के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज में जो रूट ने 537 रन बनाए और वह सीरीज में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज रहे। उनके शॉट सिलेक्शन, धैर्य और तकनीकी दक्षता ने एक बार फिर उन्हें दुनिया के सर्वश्रेष्ठ टेस्ट बल्लेबाजों की सूची में सबसे ऊपर ला खड़ा किया है। यह प्रदर्शन सिर्फ एक सीरीज तक सीमित नहीं है।

पिछले कुछ वर्षों में रूट ने जहां भी बल्ला उठाया है, वहां रन बरसे हैं। खासतौर पर साल 2020 के बाद से उन्होंने अपनी बल्लेबाज़ी को नए स्तर पर पहुंचाया है।
क्या टूटेगा तेंदुलकर का यह महारिकॉर्ड?
जो रूट ने अब तक 158 टेस्ट मैचों में 13543 रन बनाए हैं, जिसमें 39 शतक और 66 अर्धशतक शामिल हैं। वे अब टेस्ट क्रिकेट इतिहास में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बन चुके हैं। टेस्ट क्रिकेट में अब रूट से आगे सिर्फ 'क्रिकेट के भगवान' सचिन तेंदुलकर हैं, जिन्होंने अपने करियर में 200 टेस्ट मैचों में 15921 रन बनाए थे। इसका मतलब यह है कि जो रूट को तेंदुलकर का रिकॉर्ड तोड़ने के लिए अब सिर्फ 2378 रन और चाहिए।
सचिन तेंदुलकर के टेस्ट रनों का रिकॉर्ड लंबे समय से अटूट माना जाता रहा है। लेकिन जो रूट की मौजूदा फॉर्म को देखते हुए अब यह रिकॉर्ड टूटने की कगार पर है। अगर रूट अगले 2–3 साल इसी लय में बल्लेबाज़ी करते रहे, तो उनके लिए यह रिकॉर्ड तोड़ना पूरी तरह संभव है।

जो रूट ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा था: यह कुछ ऐसा नहीं है जिस पर मैं ध्यान देता हूं। जब आप खेलते हो, तो ऐसे आंकड़े अपने आप आते हैं। मेरा लक्ष्य हमेशा टीम के लिए अच्छा प्रदर्शन करना है। रूट का यह बयान उनकी विनम्रता को दर्शाता है, लेकिन उनके प्रदर्शन ने यह स्पष्ट कर दिया है कि अगर कोई खिलाड़ी इस रिकॉर्ड को चुनौती दे सकता है, तो वह रूट ही हैं।
2012 में भारत के खिलाफ किया था टेस्ट डेब्यू
दिलचस्प बात यह है कि जो रूट ने अपना टेस्ट डेब्यू भारत के खिलाफ ही साल 2012 में किया था। शुरुआत के कुछ वर्षों में उनका प्रदर्शन स्थिर था, लेकिन 2020 के बाद से वे लगातार दुनिया के सबसे भरोसेमंद टेस्ट बल्लेबाज बनकर उभरे हैं। उनकी तकनीक, धैर्य, मानसिक मज़बूती और कप्तानी अनुभव ने उन्हें टेस्ट क्रिकेट में और परिपक्व बना दिया है। कई बार जब इंग्लैंड की टीम संकट में होती है, तो रूट ही वह खिलाड़ी होते हैं जो टीम को संभालते हैं।













