शारदीय नवरात्र 2025 की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। इस दौरान मां दुर्गा की विशेष पूजा और मंत्र जाप से विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो सकती हैं। ज्योतिषीय उपायों के अनुसार लाल वस्त्र और गुड़हल के फूल अर्पित करने, दुर्गा सप्तशती का पाठ करने और मंत्र ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ का जाप करने से विवाह संबंधी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
Shardiya Navratri 2025: नवरात्र की शुरुआत 22 सितंबर से हो रही है। अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम के अनुसार, इस पावन समय में मां दुर्गा की पूजा और मंत्र जाप से विवाह में अड़चन आ रही लोगों को राहत मिल सकती है। 35 साल से अधिक उम्र की कन्या या व्यक्ति लाल चुनरी में हल्दी और चांदी का सिक्का अर्पित कर दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। नवरात्र के दिनों में लाल वस्त्र पहनकर गुड़हल और लौंग अर्पित करना शुभ माना गया है, जिससे विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं।
नवरात्र का महत्व
शारदीय नवरात्र अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होता है और नौ दिनों तक चलता है। इस बार यह सोमवार से आरंभ हो रहा है, इसलिए मां दुर्गा गज वाहन पर सवार होकर अपने भक्तों के पास आने वाली हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा जगतजननी हैं और उन्हें अपने भक्तों की इच्छाओं और समस्याओं की पूरी जानकारी होती है। नवरात्र के दौरान किए गए उपायों से देवी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विवाह में बाधा दूर करने के उपाय
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति की शादी में विलंब हो रहा है या बार-बार विवाह टूट रहा है, तो नवरात्र में कुछ विशेष उपाय करने से यह बाधा दूर होती है। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है मां दुर्गा की विशेष पूजा और मंत्र जाप।
एक प्रमुख उपाय के अनुसार, 35 साल से अधिक उम्र की कन्या या व्यक्ति नवरात्र की रात में स्नान के बाद लाल चुनरी में हल्दी की दो गांठ और एक चांदी का सिक्का रखकर मां दुर्गा को अर्पित करें। इसके बाद दुर्गा सप्तशती के चतुर्थ अध्याय का पाठ करें और सच्चे मन से विवाह की प्रार्थना करें।
लाल रंग और मंत्र जाप का महत्व
नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही ‘ॐ दुं दुर्गायै नमः’ मंत्र का जाप करने से विवाह की बाधाएं दूर होती हैं। पंडितों का कहना है कि इस मंत्र का उच्चारण सच्चे मन से करना चाहिए। पूजा के बाद मां से विवाह की प्रार्थना करना विशेष लाभकारी होता है।
माता कात्यायनी की पूजा
नवरात्र के दौरान माता कात्यायनी की विशेष पूजा करना भी विवाह में बाधाओं को दूर करने का प्रभावी उपाय माना जाता है। माता कात्यायनी को गुड़हल के फूल अर्पित करना और उनके मंत्र का जाप करना शुभ फल देता है। इससे न केवल विवाह की अड़चनें दूर होती हैं, बल्कि जीवन में खुशहाली भी आती है।
लौंग और लाल वस्त्र का उपयोग
दिन के समय लाल वस्त्र पहनकर मां दुर्गा को लौंग अर्पित करना चाहिए। इसके साथ ही मां दुर्गा के मंत्र का जाप करना चाहिए। पूजा पूरी होने के बाद शीघ्र विवाह की कामना करना चाहिए। ऐसा करने से विवाह में आ रही समस्या का समाधान होता है और जीवन में सुख-शांति आती है।
नवरात्र के पावन दिन और आशीर्वाद
नवरात्र के नौ दिन मां दुर्गा के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करने का समय होता है। इन नौ दिनों में किए गए उपायों और प्रार्थनाओं का विशेष महत्व है। मां अपने भक्तों की इच्छाओं को पूर्ण करती हैं। इसलिए विवाह में बाधा का सामना कर रहे लोग इस पावन पर्व में मां की पूजा कर विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
शारदीय नवरात्र 2025 न केवल आध्यात्मिक उन्नति का अवसर है, बल्कि विवाह में अड़चन दूर करने का भी पावन समय है। लाल वस्त्र, गुड़हल के फूल, लौंग, हल्दी की गांठ और चांदी के सिक्के का उपयोग कर मां दुर्गा को अर्पित करने से विवाह में बाधाएं दूर होती हैं। मंत्र जाप और दुर्गा सप्तशती का पाठ करने से मां दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में खुशहाली आती है। नवरात्र के इन उपायों से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और विवाह संबंधी समस्याओं का समाधान होता है।